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गुरुग्राम के प्रदूषण में नयनतारा ने अपनाया वेपोराइजर, जानें बच्चों के लिए इसका सुरक्षित इस्तेमाल कैसे करें

प्रदूषण से बचने के ल‍िए नयनतारा ने डॉक्टर की सलाह पर वेपोराइजर से भाप लि‍या। इससे सर्दि‍यों में बच्‍चों को सर्दी-जुकाम से बचाने में भी मदद म‍िलती है।
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गुरुग्राम के प्रदूषण में नयनतारा ने अपनाया वेपोराइजर, जानें बच्चों के लिए इसका सुरक्षित इस्तेमाल कैसे करें

गुरुग्राम और देश के अन्‍य शहरों में बढ़ते प्रदूषण ने हर परिवार को चिंतित कर दिया है, खासकर छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर। पांच साल की नयनतारा की नानी भी इस प्रदूषण से परेशान थीं। उन्होंने टीवी पर देखा कि कैसे प्रदूषण बच्‍चों की सेहत को प्रभाव‍ित कर रहा है। प्रदूषण के कारण बच्‍चों को सांस लेने में तकलीफ होती है और वह बार-बार खांसी से परेशान होते हैं। प्रदूषण के द‍िनों में बच्‍चों को खेलने में थकान महसूस होती है और उनकी एनर्जी में कमी आ जाती है। नानी ने महसूस किया कि प्रदूषित हवा न केवल नयनतारा की सेहत खराब कर सकती है, बल्कि उसकी दैनिक गतिविधियों पर भी असर डालेगी। इस स्थिति से चिंतित होकर, नानी ने जल्द से जल्द समाधान खोजने का निर्णय लिया। अपने अनुभव और डॉक्टर की सलाह के बाद, नानी ने नयनतारा को वेपोराइज़र का इस्‍तेमाल शुरू करवाया। इस लेख में हम डॉक्‍टर से जानेंगे बच्‍चों के ल‍िए वेपोराइजर को इस्‍तेमाल करने का सही तरीका। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

नयनतारा ने बढ़ते प्रदूषण के बीच यूज क‍िया वेपोराइजर

द‍िल्‍ली एनसीआर और गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। गुरुग्राम में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 350 से ऊपर बना हुआ है। इतने हाई एक्‍यूआई में सांस लेने से बच्‍चों को सांस की बीमारियां हो सकती हैं। इस बात से च‍िंत‍ित 5 साल की बच्‍ची नयनतारा की नानी इंदु सारस्‍वत ने तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क क‍िया। डॉक्टर ने बताया कि ठंडी और प्रदूषित हवा से बच्चों की सांस की नलियां ब्‍लॉक हो जाती हैं, जिससे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो सकती है। उन्होंने सलाह दी कि नयनतारा को भाप लेने के लिए वेपोराइजर का इस्‍तेमाल कराया जाए। बस फ‍िर क्‍या था, नानी और नयनतारा की मम्‍मी ने देर न करते हुए उसे वेपाराइजर की मदद से भाप द‍िलवाई।

बच्‍चों के ल‍िए वेपोराइजर के फायदे- Vaporizer Benefits For Children

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डॉक्टर सीमा ने बताया कि वेपोराइजर के कई फायदे हैं, खासकर बच्चों के लिए-

  • वेपोराइजर ने न‍िकलने वाली भाप, सांस की नलियों को खोलती है और बलगम को पतला कर देती है, जिससे सांस लेना आसान हो जाता है।
  • वेपोराइजर ठंडी हवा से होने वाली सर्दी-खांसी में तेजी से राहत पहुंचाता है।
  • सर्दियों में शुष्क हवा से गले और नाक में जलन हो सकती है, जिसे वेपोराइजर से रोका जा सकता है।
  • यह प्रदूषण से होने वाली ड्राईनेस और जलन को भी कम करता है।

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बच्‍चों के ल‍िए स्‍टीम के मुकाबले वेपोराइजर सुरक्ष‍ित है- Vaporizer is Safe For Children

डॉ सीमा यादव ने बताया क‍ि घरों में अक्‍सर माता-प‍िता बच्‍चे को भाप द‍िलाने के ल‍िए बड़े बर्तन में पानी गरम करके बच्‍चे के सामने रख देते हैं। लेक‍िन स्‍टीम लेने का यह तरीका सही नहीं है। बच्‍चों के लिए वेपोराइजर स्‍टीम के मुकाबले ज्‍यादा सुरक्षित होता है, क्‍योंकि यह ज्‍यादा कंट्रोल और सटीक तरीके से भाप को छोड़ता है। स्‍टीम से गर्म हवा बहुत तेज आती है, जिससे बच्‍चे को जलने का खतरा हो सकता है। वहीं, में भाप सांसों के जरिए शरीर में पहुंचती है, लेकिन यह उतनी तेज नहीं होती कि जलन का कारण बने। वेपोराइजर से हवा में नमी बनी रहती है, जिससे खांसी और जुकाम में आराम मिलता है। इसके अलावा, वेपोराइजर का इस्‍तेमाल आसान और सुरक्षित होता है, क्‍योंकि यह एक निश्चित तापमान पर काम करता है, जिससे किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता। इसके उलट, स्‍टीम में भाप का तापमान बहुत ज्‍यादा हो सकता है, जिससे बच्‍चे को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है।

बच्‍चों के ल‍िए वेपोराइजर का सुरक्षित इस्तेमाल- How to Use Vaporizer For Kids

नयनतारा की नानी इंदु जी ने डॉक्टर की सलाह के अनुसार वेपोराइजर का इस्तेमाल किया। यहां कुछ जरूरी बातें थीं, जिनका उन्होंने ध्यान रखा-

  • हर इस्तेमाल के बाद वेपोराइजर को अच्छे से धोया और सुखाया। इससे बैक्टीरिया और फंगस के खतरे को कम किया जा सका है।
  • हमेशा डिस्टिल्ड या उबाले हुए पानी का ही इस्‍तेमाल किया। नल का पानी खनिज जमा कर सकता है, जो बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।
  • वेपोराइजर को नयनतारा की पहुंच से दूर रखा गया, ताकि जलने का खतरा न हो।
  • भाप में कोई तेल या दवाई नहीं डाली गई, क्योंकि ये बच्चों की सांस की नलियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • डॉक्टर ने दिन में केवल 10-15 मिनट के लिए भाप लेने की सलाह दी, जिससे यह ज्‍यादा असरदार और सुरक्षित रहे।

नयनतारा को कैसे फायदा हुआ?

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वेपोराइजर के नियमित इस्‍तेमाल से नयनतारा को तुरंत राहत महसूस हुई। उसकी खांसी में कमी आई और वह रात में चैन से सोने लगी। नानी ने यह भी नोटिस किया कि नयनतारा के गले और नाक की जलन में सुधार हुआ है। साथ ही उसे प्रदूषण से भी सुरक्षा म‍िली।

पैरेंट्स के लिए सुझाव

अगर आप भी अपने बच्चों के लिए वेपोराइजर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो इन सुझावों पर गौर करें-

  • हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही बच्‍चे को वेपोराइजर से भाप लेने दें।
  • वेपोराइजर की सफाई को प्राथमिकता दें।
  • बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और उन्हें वेपोराइजर से दूर रखें।
  • कमरे की नमी का ध्यान रखें, 30-50 प्रत‍िशत के बीच यह सही मानी जाती है।

गुरुग्राम जैसे प्रदूषित शहरों में बच्चों का स्वास्थ्य बनाए रखना एक चुनौती है। नयनतारा की नानी का यह कदम हर माता-पिता के लिए प्रेरणा है। वेपोराइजर का सुरक्षित और सही इस्‍तेमाल बच्चों को प्रदूषण और सर्दी से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है।

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