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Khushkhabri With IVF: 38 वर्षीय आशा यादव फर्टिलिटी की कमी से नहीं बन पा रही थीं मां, IVF से मिली खुशखबरी

Khushkhabri With IVF: इंफटाईल होने के बावजूद आशा ने हार नहीं मानी। आईवीएफ प्रक्रिया की मदद ली, जिससे उनके घर एक नन्ही सी परी ने जन्म लिया। जानें, आशा-नरेश की आईवीएफ जर्नी के बारे में-
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Khushkhabri With IVF: 38 वर्षीय आशा यादव फर्टिलिटी की कमी से नहीं बन पा रही थीं मां, IVF से मिली खुशखबरी


Khushkhabri With IVF: सात साल की शादी के बाद शायद ही कोई मैरीड कपल ऐसा होगा, जो पैरेंट्स बनने के ख्वाब को जारी रख सके। आशा और नरेश ऐसे ही कपल थे। उन्होंने पूरी तरह अपने पैरेंट्स बनने के सपने को नजरअंदाज कर दिया था। दोनों अपने जीवन को हंसी-खुशी चला सके, इसके लिए वे एक-दूसरे का साथ निभाते हैं। हर जरूरत पर एक-दूजे के लिए खड़े रहते थे। लेकिन, वे जानते थे कि मन ही मन वे पैरेंट्स न बनने की टीस से परेशान थे।

ऑनलीमायहेल्थ ने Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चलाई है, जिसमें आपको आईवीएफ से जुड़े तमाम सवालों के जवाब मिल जाएंगे। इस सीरीज हम आपको 38 वर्षीय आशा यादव की कहानी बता रहे हैं, अधिक उम्र के कारण इंफर्टिलिटी का शिकार हो गई थीं। आखिर उन्होंने इस जर्नी की शुरुआत कैसे की और क्या वह सफल हुईं? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से। अगर आप भी IVF के जरिये प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रहे हैं, तो इस स्टोरी से आपको मदद मिल सकती है।

क्या थी समस्या?

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आशा एक कामकाजी और जागरूक महिला थी। वह चाहती थीं कि पहले वह और नरेशन फाइनेंशियली सेटल हो जाएं। अपना घर हो और आकउंट में ठीक-ठाक सेविंग्स हो। उनकी यह प्लानिंग इसलिए थी ताकि उनकी आने वाली पीढ़ी को किसी तरह की परेशानी न उठानी पड़े। पैसों के मामले में उनका जीवन खुशहाल रहे। लेकिन, आशा को अहसास ही नहीं हुआ कि सेटलेमेंट की इस दौड़ में मां बनने का ख्वाब बहुत पीछे रह गया। जब उसने नेचुरल तरीके से कंसीव करना चाहा, तो पता चला कि वह कंसीव नहीं कर पा रही है। लेकिन, मेडिकल उन्नति के इस दौर में आसानी से कोई हार नहीं मानता है। आशा और नरेश भी अपनी जांच के लिए तुरंत अस्पताल गए। वहां जाकर उन्हें पता चला कि आशा की फर्टिलिटी प्रभावित हो चुकी है, जिस वजह से उन्हें कंसीव करने में दिक्कत आ रही है।

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क्यों हुई परेशानी?

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नेचुरल तरीके से कंसीव न करने पर आशा डॉक्टर के पास गईं। वहां जाकर पता चला कि उनकी उम्र अधिक हो गई है, जिस वजह से उनकी प्रजनन क्षमता कमजोर हो चुकी है। असल में, अधिक उम्र की वजह से आशा इंफर्टिलिटी का शिकार हो गईं। अब उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था कि आखिर क्या किया जाए? क्योंकि उन्हें दिशा-निर्देश देने वाला कोई नहीं था। तब उन्हें किसी ने डॉ. शोभा गुप्ता के बारे में बताया। आशा के लिए यह नई उम्मीद की किरण थी। 

मिली नई उम्मीद

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आशा और नरेश पूरी तरह हताश हो चुके थे। उन्हें लगा था कि वह अब कभी भी पैरेंट्स बनने के अपने ख्वाब को पूरा नहीं कर पाएंगे। लेकिन, वहां जाकर डॉ. शोभा गुप्ता से मुलाकाता के बाद आशा को नई उम्मीद मिली। डॉ. शोभा गुप्ता ने उन्हें बताया कि वे भी सामान्य महिलाओं की तरह कंसीव कर सकती हैं और उन्हें इसको लेकर चिंता की जरूरत नहीं है। हां, इंफर्टिलिटी एक चुनौती जरूर है। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि कंसीव करने की संभावना नहीं है। डॉक्टर ने उन्हें बताया कि आईवीएफ प्रक्रिया इंफर्टाइल महिलाओंप र भी कारगर तरीके से काम करता है। हालांकि, इस संबंध में महिला को पॉजिटिव रहना होगा और प्रक्रिया में आने वाली चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा। यही नहीं, डॉ. शोभा गुप्ता ने उन्हें मानसिक रूप से स्ट्रॉन्ग रहने की सलाह भी दी।

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शुरू हुई प्रक्रिया

आशा और नरेशन मन में हजारों शंका और डर लिए आईवीएफ प्रक्रिया के लिए तैयार हो गए थे। इस संबंध में डॉ. शोभा ने उनकी पूरी मदद की। चूंकि, आशा की उम्र अधिक थी। इसलिए, एग्स फर्टिलाइज करना और एंब्रियो तैयार करना मुश्किल था। लेकिन, आशा को पूरा यकी न था कि डॉ. शोभा उन्हें निराश नहीं होने देंगी। आशा के एग्स कमजोर थे, लेकिन प्रक्रिया के दौरान उनके एग्स काम कर गए और उसे स्पर्म के साथ फर्टिलाइज किया गया, जिससे एंब्रियो तैयार हुए। इस दौरान आशा को कई इंजेक्शन लगाए गए, जिसने आशा को मेंटली काफी परेशान किया था। लेकिन, मां बनने की चाह इतनी ज्यादा थी कि वे निराश नहीं हुईं और न ही इस प्रक्रिया से परेशान हुईं।

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आईवीएफ से मिली खुशखबरी

आईवीएफ की प्रक्रिया शुरू होने के दौरान भले ही आशा काफी परेशान थी। लेकिन, नरेश ने हमेशा उसका साथ दिया। हर तरह की फिजिकल चैलेंजेस के दौरन नरेश ने आशा को संबल दिया और हाथ थामे रखा। देखते ही देखते 9 महीने गुजर गए। अंततः आशा और नरेश के घर एक नन्हीं से बिटिया ने जन्म लिया। इस तरह उनकी आईवीएफ जर्नी सफल रही।

All Image Credit: Freepik

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