शरीर को फिट और हेल्दी रखने के लिए नियमित रूप से योग का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। योग आसनों का सही ढंग से अभ्यास आपके शरीर को बीमारियों से भी मुक्त करता है। योग की अनेक विधाएं हैं और इनके अलग-अलग रूप भी। शरीर के प्रत्येक अंग के लिए अलग-अलग योगासनों का अभ्यास फायदेमंद माना जाता है। त्रिविक्रमासन शरीर के सभी अंगों के लिए फायदेमंद योगासन है, जिसके नियमित अभ्यास से शरीर संतुलित रहता है। त्रिविक्रमासन के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं जिसमें पहला उत्थिता त्रिविक्रमासन और दूसरा सुप्त त्रिविक्रमासन है। यह योगासन हठ योग का प्रमुख आसन माना जाता है। शुरुआत में त्रिविक्रमासन का अभ्यास थोड़ा कठिन हो सकता है लेकिन नियमित रूप से इसका अभ्यास करने पर आप आसानी से इस योगासन को कर सकते हैं। रोजाना त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने से शरीर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है और मन शांत रहता है। आइये विस्तार से जानते हैं त्रिविक्रमासन के फायदे और इसके अभ्यास का सही तरीका।
त्रिविक्रमासन के फायदे (Trivikramasana Benefits in Hindi)
त्रिविक्रमासन, हठ योग के आसनों में से एक है जिसका नियमित अभ्यास पूरे शरीर के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। त्रिविक्रमासन के दो प्रकार हैं और इनकी मुद्राओं में थोड़ा अंतर भी है। त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने से हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों से लेकर शरीर के सभी अंगों को फायदा मिलता है। सुप्त त्रिविक्रमासन योग का अभ्यास योगा मैट पर लेट कर किया जाता है और उत्थिता त्रिविक्रमासन का अभ्यास खड़े होकर किया जाता है। नियमित रूप से त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने के फायदे इस प्रकार से हैं।
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- त्रिविक्रमासन का रोजाना अभ्यास करने से शरीर के तीनों चक्र सक्रिय होते हैं। और इसके अभ्यास से आपको मानसिक शांति मिलती है।
- मूलाधार चक्र को सक्रिय करने के लिए त्रिविक्रमासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है।
- शरीर के अंगों में खिंचाव देने के लिए त्रिविक्रमासन का अभ्यास बहुत उपयोगी माना जाता है।
- पैरों की मांसपेशियों और हैमस्ट्रिंग की मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाने के लिए त्रिविक्रमासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।
- पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए और पेट की अंदरूनी मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए त्रिविक्रमासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है।
- मेनोपॉज और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए त्रिविक्रमासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद माना जाता है।
- सिर दर्द की समस्या और नीद से जुड़े विकारों में त्रिविक्रमासन का नियमित अभ्यास फायदेमंद होता है।
- मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और तनाव आदि से छुटकारा पाने के लिए भी त्रिविक्रमासन का अभ्यास बहुत उपयोगी माना जाता है।
त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने का तरीका (Steps To Do Trivikramasana)
- त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले आप योगा मैट पर खड़े हो जाएं।
- इसके बाद दाहिने हाथ को सिर के पीछे से गर्दन के पास ले जाएं।
- अब बाएं पैर को ऊपर उठाते हुए दाहिने हाथ से अंगूठे को पकड़े।
- जब पांव पूरा उठने लगे तो दायें हाथ से बायें पांव को सिर के ऊपर से पकड़ लेना चाहिए।
- अब बाएं हाथ को सीधा कर लें।
- इसके बाद थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद दूसरे तरफ से यही प्रक्रिया दोहराएं।
- आसन को शुरूआत में ही सीधा करने का प्रयास नहीं करना चाहिए।
- पहले पांवों के अंदर लचक पैदा करनी चाहिए।
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त्रिविक्रमासन का अभ्यास शरीर को स्वस्थ और लचीला बनाने के लिए बहुत उपयोगी माना जाता है। इसका अभ्यास रोजाना सुबह के समय करना फायदेमंद होता है। अगर आप शाम में इस योगासन का अभ्यास कर रहे हैं तो यिग के अभ्यास से 4 घंटे पहले तक कुछ भी भारी भोजन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर आपके पैरों या घुटनों में दर्द है तो त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। पीठ में किसी भी प्रकार की चोट या रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या में भी त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। इस योगासन का नियमित अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक शांति मिलती है। शुरुआत में त्रिविक्रमासन का अभ्यास करने के लिए एक्सपर्ट की हेल्प लेनी चाहिए।
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