शरीर के अन्य अंगों की तरह हृदय का अहम रोल होता है। यह हमारे शरीर के सभी अंगों तक रक्त को पहुंचाने के लिए पंप करने का काम करता है। पूरे शरीर का रक्त हृदय के अंदर पहुंचता है और यहां से पंप होकर दोबारा अंगों तक भेजा जाता है। हृदय को रक्त पहुंचाने वाली नसों को कोरोनरी आर्टरी कहा जाता है। जब इन नसों का मार्ग में प्लाक (cholesterol, वसा, कैल्शियम और अन्य तत्व) जमा हो जाते हैं, तो ऐसे में हृदय तक रक्त पहुंचने की प्रक्रिया में बाधा आती है। इस दौरान व्यक्ति को हृदय में तेज दर्द, सांस लेने में परेशानी और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। इस स्थिति को कोरोनरी आर्टरी डिजीज (Coronary Artery Disease) कहा जाता है। यदि, समय पर इसका इलाज न किया जाए या इसे अनदेखा किया जाए तो इससे नसे ब्लॉक हो सकती हैं, जो हार्ट अटैक की वजह बन सकता है। इस लेख में हम यशोदा सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल के कार्डिलॉजिस्ट प्रिंसिप्ल कंसल्टेंट डॉक्टर असित खन्ना से जानेंगे कि कोरोनरी हार्ट डिजीज का इलाज कैसे (How To Teat Coronary Artery Disease) किया जाता है?
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Coronary Artery Disease In Hindi
कोरोनरी आर्टरी डिजीज की पहचान करने के लिए डॉक्टर इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG), एंजियोग्राफी, ब्लड टेस्ट, और इकोकार्डियोग्राम करने की सलाह देते हैं। टेस्ट से पुष्टि होने के बाद व्यक्ति की आयु, शारीरिक स्थिति और अन्य कारक के आधार पर इलाज को चुनते हैं। आगे जानते हैं इसके इलाज के बारे में।
व्यक्ति की लाइफस्टाइल में बदलाव
कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने पर डॉक्टर सबसे पहले व्यक्ति की लाइफस्टाइल में बदलाव करने की सलाह दी जाती है। इसमें डाइट में फैट युक्त और कोलेस्ट्रोल युक्त चीजों को डाइट से बाहर किया जाता है। इसके अलावा, फल, सब्जियों, साबुत अनाज को डाइट में शामिल किया जाता है। व्यक्ति को रोजाना हल्के व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, इलाज से पहले व्यक्ति को शराब, धूम्रपान और सिगरेट आदि को छोड़ना होता है। इसमें व्यक्ति देसी घी और कोल्ड प्रेस्ड सरसों तेल (कच्ची घानी) की थोड़ी मात्रा गुड कोलेस्ट्रॉल लेवल और हार्ट के लिए अच्छी होती है। इलाज के बाद भी व्यक्ति को हुक्का, वेपिंग, ई सिगरेट, पार्टी ड्रग्स और समोकिंग से दूरी बनाने के लिए कहा जाता है। इस समस्या में ऑर्गेनिक और पेस्टिसाइड्स फ्री सब्जियों का सेवन ज्यादा करना चाहिए।
मेडिसिन से इलाज
लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ ही डॉक्टर मरीज को हार्ट में ब्लड की आपूर्ति करने और प्लाक को कंट्रोल करने वाली दवाएं देते हैं। इसमें रक्त में प्लेटलेट्स को जमने से रोकने के लिए एंटिप्लेटलेट्स (antiplatelets), बैड कोलेस्ट्रोल को कम करने के लिए स्टेटिन्स, हृदय की धड़कनों को कम करके हार्ट पर पड़ने वाले प्रेशर को कम करने के लिए बीटा-ब्लॉकर्स (beta-blockers) और धमनियों को चौड़ा करने और ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाने के लिए नाइट्रेट्स आदि दवाएं दी जा सकती हैं।
सर्जरी
हृदय से जुड़ी गंभीर समस्याओं में डॉक्टर सर्जरी का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें तीन तरह क प्रक्रिया को अपनाया जा सकता है।
- एंजियोप्लास्टी और स्टेंटिंग (Angioplasty and stent): इसमें खराब धमनियों को खोलने और ब्लड सर्कुलेशन को दोबार सही करने के लिए एक छोटी ट्यूब (स्टेंट) का उपयोग किया जाता है। जिन लोगों की ब्लॉकेज बहुत ज़्यादा है, उनके लिए ड्रग एलूटिंग बैलून एक अच्छा विकल्प है। एंजियोप्लास्टी बैलून पर ड्रग कोटिंग कंपनियां करती हैं। जिसे बैलूनिंग के दौरान नसों की दीवार में डाला जाता है। ये दवाएं नसों में दोबारा से ब्लॉकेज होने से रोकती हैं। ऐसे मामलों में स्टेंटिंग से बचा जाता है।
- बाईपास सर्जरी (Coronary Artery Bypass Graft - CABG): इस सर्जरी में धमनियों (नसों) का अवरोधित हिस्से को बाईपास कर एक नई नस लगाई जाती है।
- रोटा-अब्लेशन (Rotablation): इसमें धमनियों (नसों) में जमा हुए कठोर प्लाक को निकालने के लिए एक विशेष यंत्र का उपयोग किया जाता है। रोटेब्लेशन सिर्फ एंजियोप्लास्टी के लिए एक तरह की खास मशीन है। दूसरी खास मशीनों से भारी कैल्सीफाइड ब्लॉकेज (जिसे IVL कहा जाता है) को तोड़ने के लिए अल्ट्रासोनिक तरंगें, बैलून काटना, बैलून स्कोर करना, ड्रग एलूडिंग बैलून, लेजर आदि का इस्तेमाल किया जाता है।
इसे भी पढ़ें : हार्ट अटैक का खतरा कैसे कम करें? जानें दिल की बीमारी से बचने के खास उपाय
Coronart Artery Disease Treatment: कोरोनरी आर्टरी डिजीज हार्ट से जुड़ी समस्या है। इसमें व्यक्ति को अत्यधिक थकान, कमजोरी, सांस फूलना, दिल की धड़कने अनियमित होना, हाथ पैरों में झुनझुनी और हार्ट पेन जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसे में आप तुरंत किसी हार्ट स्पेशलिस्ट से मिलकर समस्या के कारण की पहचान करें।