अल्कोहल लिवर डिजीज (Alcoholic Liver Disease, ALD) शराब का सेवन करने से होने वाली गंभीर बीमारी है। शराब के सेवन सीधा असर लिवर पर पड़ता है। बहुत ज्यादा शराब पीने वाले लोगों के लिवर में विषाक्त पदार्थ, एक्स्ट्रा फैट आदि जमा हो जाते हैं। इसकी वजह से लिवर की कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है। शराब पीने के कारण लिवर में खराबी फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर समस्याओं का खतरा पैदा करती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, अल्कोहल लिवर डिजीज के इलाज के बारे में।
अल्कोहल लिवर डिजीज के चरण
- फैटी लिवर (Steatosis): यह अल्कोहल लिवर डिजीज का प्रारंभिक चरण है जिसमें लिवर की कोशिकाओं में वसा जमा हो जाती है।
- अल्कोहलिक हेपेटाइटिस: इस चरण में लिवर में सूजन हो जाती है और लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
- लिवर सिरोसिस: यह अंतिम और सबसे गंभीर चरण है जिसमें लिवर की कोशिकाएं पूरी तरह से नष्ट हो जाती हैं और उनके स्थान पर निशान बन जाते हैं।
अल्कोहल लिवर डिजीज का इलाज कैसे होता है?- Alcoholic Liver Disease Treatment in Hindi
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "अल्कोहल लिवर डिजीज का इलाज मरीज की स्थिति और बीमारी के आधार पर किया जाता है। इस बीमारी की शुरुआत में डॉक्टर मरीजों को खानपान और लाइफस्टाइल का ध्यान रखने की सलाह देते हैं। गंभीर स्थिति में मरीजों को सर्जरी की जरूरत भी पड़ सकती है।"
अल्कोहल लिवर डिजीज का इलाज इस तरह से किया जाता है-
1. शराब का सेवन बंद करना
अल्कोहल लिवर डिजीज के इलाज में मरीज को सबसे पहले शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करने की सलाह दी जाती है। इलाज के दौरान शराब पीने से कई गंभीर समस्याओं का खतरा रहता है।
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2. दवाओं से इलाज
- कोर्टिकोस्टेरॉयड्स: अल्कोहलिक हेपेटाइटिस के गंभीर मामलों में कोर्टिकोस्टेरॉयड्स का उपयोग सूजन को कम करने और लिवर की कार्यक्षमता में सुधार करने के लिए किया जा सकता है।
- पेन्टोक्सिफिलीन: यह दवा लिवर में सूजन को कम करने और लिवर की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद कर सकती है।
- अन्य औषधियां: अनुसंधान चल रहा है और अन्य औषधियों के उपयोग के बारे में भी जांच की जा रही है, जैसे कि एंटीऑक्सीडेंट्स, साइलिमारिन (मिल्क थिसल) आदि, जो लिवर की क्षति को कम कर सकते हैं।
3. न्यूट्रीशन थेरेपी
अल्कोहल लिवर डिजीज के रोगियों में अक्सर पोषण की कमी होती है। उचित पोषण थेरेपी लिवर की कार्यक्षमता में सुधार करने में मदद कर सकती है। इसमें हाई प्रोटीन फूड्स, विटामिन और खनिज सप्लीमेंट्स, कैलोरी की पर्याप्त मात्रा और स्पेशल डाइट प्लान की सलाह दी जाती है।
4. अन्य परेशानियों के लिए इलाज
असाइटिस और एडिमा: लिवर सिरोसिस के कारण पेट में तरल पदार्थ का जमा होना (असाइटिस) और पैरों में सूजन (एडिमा) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इनके इलाज में डायूरेटिक्स, परासेंटेसिस जैसी दवाओं का इस्तेमाल होता है।
5. लिवर ट्रांसप्लांट
लिवर सिरोसिस के गंभीर मामलों में, जब अन्य उपचार विफल हो जाते हैं, तो लिवर प्रत्यारोपण ही एकमात्र विकल्प हो सकता है। इसमें रोगी के क्षतिग्रस्त लिवर को एक स्वस्थ दाता के लिवर से बदल दिया जाता है।
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शराब पीने के कारण लिवर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लग जाते हैं। इसकी वजह से फैट और अन्य हानिकारक तत्व भी लिवर में इकट्ठा होने लगते हैं। इसके कारण लिवर की कार्यक्षमता पर प्रभाव पड़ता है। इसके सेवन से दूरी बनाना ही सबसे सही उपाय है। लिवर से जुड़ी बीमारियों के लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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