आजकल नींद की कमी लोगों में एक आम समस्या बनती जा रही है। इसका सबसे बड़ा कारण तनावभरा जीवन और भागदौड़ भरी जिंदगी है। स्कूली बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई एक प्रेशर का सामना करना है। हर किसी पर सामने वाले से आगे बढ़ने का दबाव बना हुआ है। विशेषज्ञों की माने तो आज की युवा वर्ग की सबसे बड़ी समस्या है नींद की कमी। युवा वर्ग में नींद की कमी का कारण नींद के समय में भारी बदलाव है। जिसके कारण लोगों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, दिल से संबंधित रोग एवं मोटापा जैसी कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। ऐसे में इसपर ध्यान नहीं दिये जाने के परिणाम घातक भी हो सकते हैं।जानकारों की माने तो सूचना प्रौद्योगिकी के इस दौर में लोगों के जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया है और इससे सोने की आदतों पर प्रतिकूल असर पड़ा है। जीवनशैली में आये बदलाव के कारण लोगों में नींद पूरी नहीं होने की शिकायतें सबसे आम हैं। सबसे ज्यादा असर उन लोगों पर पड़ता है जो शिफ्ट में काम करते हैं।
अच्छी नींद की बेस्ट टिप्स
1. तभी सोएं, जब सचमुच नींद आ रही हो। करवटें बदलते रहने से अच्छा है कि कोई दिलचस्प काम करें। जैसे- किताब पढ़ें या म्यूजिक सुनें।
2. घड़ी देखने से बचें। कुछ दिन अलार्म क्लॉक का मुंह दूसरी तरफ कर दें। रात में देर तक नींद नहीं आने से सुबह देर से आंख खुलेगी। नींद का चक्र पूरा होना जरूरी है। शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक के हिसाब से ही चलें, तभी निरर्थक दबाव से बच सकेंगे।
3. रात में कैफीन और एल्कोहॉल से बचें। इससे भी नींद देर से आती है।
4. ऐक्टिव रहें। सुबह कम से कम एक घंटा वर्कआउट के लिए निकालें और डिनर के बाद भी 15-20 मिनट वॉक करें। यूएस के नेशनल स्लीप फाउंडेशन के सर्वे में कहा गया है कि जो लोग नियमित वॉक व एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें अच्छी नींद आती है।
5. रात में हेवी मील्स से बचें। यदि डिनर 9 बजे के बाद करते हैं तो प्रोटीनयुक्त, भारी या मसालेदार भोजन से बचना ठीक होगा।
6. माहौल को शांत, सुगंधित व हवादार रखें। कमरे में शोर आता हो, पर्याप्त हवा न आती हो या कोई गंध आती हो तो नींद में खलल पड़ेगा। बेडरूम कलर्स भी बहुत डार्क न रखें।
7. बेड शेयर करते हुए दो लोग एक ही कंबल ओढऩे से बचें। इससे भी नींद खराब हो सकती है।
8. सोने-जागने का नियत समय बनाएं। हालांकि यात्राओं के दौरान ऐसा संभव नहीं हो पाता, फिर भी अपना रूटीन निश्चित रखें।
9. नींद न आने का एक कारण मैट्रेस भी हो सकता है। हर मैट्रेस की एक उम्र होती है, जब वह असुविधाजनक हो जाए, उसे बदल लें।
10. मन को शांत रखें। मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि सोने से पहले स्ट्रेस वाला कोई काम न करें, ऐसा कुछ न बोलें, जो तनाव में डाले।
11. प्रार्थना करें। कुछ देर हाथ जोड़ कर प्रार्थना या ध्यान करने से मन को सुकून मिलता है। इससे दिमाग शांत होता है और श्वसन प्रक्रिया सुचारु होती है।
12. अरोमाथेरेपी लें। ऐसे कई शोध हुए हैं, जो बताते हैं कि लैवेंडर की खुशबू नींद के लिए प्रभावी होती है। वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार इनसोम्निया से ग्रस्त स्त्रियों को लैवेंडर की महक से फायदा होता है।
13. गुनगुने पानी से नहाएं। अगर मौसम सर्द नहीं है तो सोने से पहले गुनगुने पानी से नहाना काफी राहत पहुंचा सकता है।
14. सुबह 15 मिनट धूप में जरूर बैठें। इससे शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक ठीक होती है और हड्डियों को आराम मिलता है।
15. रिलैक्सेशन एक्सरसाइज करें। ऐसे कई शोध हुए हैं, जिनमें कहा गया है कि इससे शरीर को आराम मिलता है। फटीग दूर होता है और बेहतर नींद आती है।
16. नींद के बारे में न सोचें। जितना सोचेंगे, नींद उतना ही दूर भागेगी।
17. सोने से पहले लिक्विड पदार्थ कम मात्रा में लें। इसका अर्थ यह नहीं है कि पानी ही न पिएं लेकिन शाम के बाद इसकी फ्रीक्वेंसी कम कर दें। वर्ना रात में बार-बार बाथरूम जाना पड़ सकता है, जिससे नींद भी डिस्टर्ब हो सकती है।
18. दोपहर में न सोएं। अध्ययन बताते हैं कि दिन में झपकी लेने से शरीर को फायदा तो जरूर होता है लेकिन इससे रात में नींद खराब हो सकती है।
19. सॉक्स पहन कर न सोएं। बहुत से लोग सर्दियों में गर्म जुराबें पहन कर सो जाते हैं, जिससे रक्त-संचार की प्रक्रिया बाधित होती है। शरीर को आरामदेह अवस्था में रखें। टाइट कपड़ों के बजाय ढीले-ढाले आरामदेह नाइटवेयर पहनें।
20. अपने कमरे का तापमान ठीक रखें। अत्यधिक गर्म या ठंडे कमरे में नींद भी ठीक से नहीं आती। इसलिए सोने से पहले अपने कमरे का तापमान अवश्य जांच लें।
21. सोने से पहले दिमाग के अलावा अन्य गैजेट्स भी स्विच ऑफ या साइलेंट मोड में कर दें। लाइट्स डिम करें या नाइट बल्ब जलाएं। स्मार्टफोन व लैपटॉप स्लीपिंग मोड पर रखें ताकि नींद में खलल न पड़े।
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