तनाव हमारे जीवन का हिस्सा होता है। यह हर उम्र आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है। छोटी उम्र में आपको पढ़ाई, बड़े होने पर नौकरी और शादी के बाद बच्चों और परिवार को लेकर तनाव में रहते हैं। ऐसे में हम उम्र के हर पड़ाव में किसी न किसी जिम्मेदारी और स्ट्रेस से गुजर रहे होते हैं। लेकिन जब आप अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में होते हैं, तो सबसे अकेला अनुभव करते हैं और कई तरह की बीमारियों के कारण भी आप तनाव का अनुभव करते हैं। उम्र बढ़ने के साथ आपको अल्जाइमर और थकान आदि की समस्या रहती है। ऐसे में ये बेहद जरूरी है कि आप अपने आसपास और परिवार के लोगों के साथ घुल-मिलकर रहें। बच्चों को भी अपने काम में व्यस्त रहने के अलावा अपने माता-पिता और बड़े बुजुर्गों का भी ध्यान रखना चाहिए। काम के बाद उनके साथ वक्त बिताना चाहिए और हो सके तो उनके लिए वीकेंड्स पर कुछ खास प्लान करना चाहिए। ताकि अपनी शारीरिक परेशानियों और बढ़ती उम्र की बीमारियों से परे, वे अपने जीवन के क्षणों का भरपूर आनंद लेते हैं और साथ ही इससे उनका मानसिक तनाव कम होता है क्योंकि कई बार अकेले रहने के कारण, उन्हें अपने बच्चों से दूर होने और समाज से अलगाव महसूस होने के कारण उनमें डिप्रेशन जैसी दिक्कतें आने लगती है।
तनाव के सामान्य लक्षण
1. पीठ दर्द
2. खट्टी डकार
3. सिरदर्द
4. दिल की घबराहट
5. एकाग्रता की कमी
6. रोना या चीखना
7. चिड़चिड़ापन और भूख की कमी
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इन तरीकों से तनाव को कम करें
1. नियमित शारीरिक व्यायाम करें
अंदर से फिट और खुश रहने के लिए बुजुर्ग लोगों को शारीरिक व्यायाम और कई तरह की एक्टिविटीज में भाग लेना चाहिए ताकि उनका मन लगा रहे और वे अपने आपको उम्र के बंधन से परे स्वस्थ भी रह सकें। जब आप व्यायाम करते हैं, तो न केवल आपका शरीर फिट रहता है बल्कि तनाव पैदा करने वाले कारकों से भी छुटकारा मिलता है और आप आसानी से तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्या से निपट पाते हैं। इसके लिए आप पूरे परिवार या समूह में योगा कर सकते हैं।
2. लोगों के साथ मिलें
कई बार उम्र बढ़ने के साथ थकान और कमजोरी के कारण आप लोगों से मिलना और बाहर घूमने जाना पसंद नहीं करते हैं। लेकिन इस तरह खुद को सामाजिक चीजों से अलग कर लेने से आप खुद को अकेला अनुभव करते हैं और साथ ही इससे आपको चिड़चिड़ापन का अनुभव भी होता है। ऐसे में आपको अलग-अलग समूहों के साथ बाहर घूमने जाना चाहिए और साथ ही खुश रहने की कोशिश करना चाहिए क्योंकि अगर आप खुद को बदलने की कोशिश नहीं करेंगे तो लोग आपसे दूर होते जाएंगे।
3. पालतू जानवर के साथ खेलें
कई लोगों को घर में पालतू जानवर रखने का शौक होता है। दरअसल कई बार जब आपको अपनी बातें शेयर करने के लिए कोई नहीं मिल पाता है, तो आप अपने दिल की बातें पालतू जानवर से भी कर पाते हैं। वह आपकी बातों को बखूबी समझते हैं और उसपर प्रतिक्रिया भी देते हैं। इसलिए अगर आपके घर के बुजुर्गों को बहुत अधिक देर तक अकेला रहना पड़ता है, तो आप उनके लिए पालतू जानवर घर पर पाल सकते हैं। इससे उनका भी मन लगा रहता है।
4. दोस्तों से बात करें
कई बार हम खुद को इतना अकेला पाते हैं कि हमारे लिए दोस्तों से बात करना या उन्हें अपने दिल की बात बताना भी मुश्किल लगता है। ऐसे में ये आपके लिए खुद जरूरी है कि आप अपनी तरह से अपने दोस्तों से बात करें। आप उनसे मिलकर बातें करें या फिर जाने में असमर्थ है, तो आप कॉल पर या वीडियो कॉल पर भी बात कर सकते हैं। इससे आपको तनाव मुक्त रहने में मदद मिल सकती है।
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5. सोशल फ्रेंडली बनें
कई बार अकेला होने पर आपको इसलिए भी बोरियत का एहसास होता है क्योंकि आपको सोशल मीडिया या लोगों से कनेक्ट करने को लेकर जानकारी कम होती है। हमारे आसपास ऐसे कई बुजुर्ग होते हैं, जिनको फोन या सोशल मीडिया के बारे में अधिक जानकारी नहीं होती है लेकिन आप सीखने की कोशिश कर सकते हैं। इससे आप कुछ नया सीख भी लेते हैं और आपको लोगों से जुड़ने का मौका भी मिलता है। यह मुसीबत में भी आपके काम आ सकता है। साथ ही सोशल मीडिया की मदद से आप अपने दूर बैठे रिश्तेदारों से भी बात कर पाते हैं और उनको अपनी खबर दे पाते हैं।