मधुमेह रोगियों को कई और गंभीर बीमारियों के होने की आशंका बराबर बनी रहती हैं। ऐसे में उनके हाथ पैरों में सूजन आना, छोटी-छोटी चोट पर नीला पड़ना या फिर घाव होना आम बात है। मधुमेह रोगियों में त्वचा संक्रमण सबसे अधिक होता है, खासकर उस समय जब शुगर का लेवल बहुत अधिक बढ़ा हुआ हो। मधुमेह रोगियों की त्वचा बहुत ही संवेदनशील हो जाती है। जरा सी खरोंच भी गंभीर घाव का रूप ले लेती है। ऐसे में मधुमेह रोगियों को अपनी त्वचा की खास देखभाल करनी चाहिए। मधुमेह रोगियों में घाव होने के क्या कारण हैं, घाव होने से कैसे रोका जा सकता है, घाव होने पर क्या खतरे हो सकते हैं। इन तमाम बातों को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानें मधुमेह रोगियों में घाव के बारे में कुछ और बातें।
- यह तो सभी जानते हैं मधुमेह होने पर मधुमेह रोगों को त्वचा की देखभाल की खास हिदायत दी जाती है क्योंकि उन्हें सबसे अधिक खतरा त्वचा संक्रमण का रहता है।
- मधुमेह रोगियों में जब मधुमेह अधिक बढ़ जाती है तो उनमें कीटाणु फैलने और फफूंदी लगने की आशंका बढ़ जाती है। दरअसल, शरीर में रक्त की कमी होने और शुगर का लेवल बढ़ने से प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिससे शरीर में कीटाणु अधिक मात्रा में फैलने लगते हैं।
- शरीर में फैलने वाले कीटाणुओं को कोशिकाएं रोकने में कामयाब नहीं हो पाती और कीटाणुओं के फैलने के साथ ही जब शुगर लेवल बढ़ता है तो डीहाइड्रेशन की समस्या होने लगती है। ऐसे में त्वचा में रूखापन आना जायज है और शुष्क त्वचा में खुजली होने से घाव पनपने लगते हैं।
- मधुमेह रोगियों को घाव ना हो इसके लिए उन्हें नमीयुक्त साबुन का इस्तेमाल नहाने के दौरान और हाथ धोने के समय करना चाहिए। इसके अलावा प्रतिदिन गुनगुने पानी से नहाकर शरीर पर तेल की मालिश करनी चाहिए जिससे त्वचा में नमी बरकरार रहें और खुजली ना हो।
- जब भी त्वचा में शुष्कता दिखाई पड़े वहां खुजली ना करें बल्कि इसके बजाय माश्चराइजिंग क्रीम या लोशन लगाएं।
- उंगलियों के बीच में, घुटनों के पीछे वाले हिस्से में और अंडरऑम्स में नमी के अधिक होने से मधुमेह रोगियों में त्वचा संक्रमण फैल सकता है, ऐसे में आपको त्वचा को सूखा नही रखना चाहिए बल्कि इन जगहों पर खासतौर से मालिश करनी चाहिए। इसके साथ ही आप ऐसी जगहों पर बिल्कुल भी खुजली ना करें। इससे कीटाणुओं के फैलने और घाव बढ़ने की आशंका अधिक रहती है।
- मधुमेह के दौरान आपको घाव ना हो, इसके लिए आपको तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए। फाइबरयुक्त और रेशेदार चीजों का सेवन करना चाहिए। दिनभर में 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए।
- शरीर में यदि कोई भी छोटा सा भी घाव हो उसको यूं ही खुला ना छोड़े, फिर चाहे वह खरोंच हो या फिर इंजेक्शन लगने से पड़ने वाला लाल-नीला निशान हो या फिर छोटा सा कटने वाला निशान हो। इन घावों का समय रहते सही उपचार लें। तभी आप बढ़ने वाले घाव और संक्रमण से बच सकते हैं।
- मधुमेह रोगियों को घाव को फैलने से रोकने के लिए उसके उपचार के तहत एंटीबॉयोटिक साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए और गर्म पानी से घाव को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए। इसके साथ ही जख्म बनने से पहले ही डॉक्टर की सलाह पर एंटीबॉयोटिक क्रीम या अन्य उत्पादों का उपयोग करें।
- मधुमेह रोगियों को सावधानी बरतते हुए बहुत अधिक जलने-कटने, सूजन आने, दर्द होने, पस निकलने, लाली आने या फिर खुजली और फफूंदी इत्यादि हो तो घर पर उपचार करना के बजाय बिना देर किए डॉक्टर को दिखाएं।
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