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क्या वाकई थायराइड के मरीजों को गोभी-ब्रोकली जैसी क्रूसिफेरस सब्जियां नहीं खानी चाहिए? जानें एक्सपर्ट से

क्रूसिफेरस सब्जियां यानी फूलगोभी, पत्तागोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियों में थायरॉक्सिन नामक तत्व होता है, जो हार्मोंस को असंतुलित कर सकती है।   
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क्या वाकई थायराइड के मरीजों को गोभी-ब्रोकली जैसी क्रूसिफेरस सब्जियां नहीं खानी चाहिए? जानें एक्सपर्ट से


थायराइड आज के समय में बहुत ही आम बीमारी बन चुकी है। खराब खानपान, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस की वजह से थायराइड की समस्या (Thyroid Patients) ज्यादा लोगों में देखने को मिल रही है। पुरुषों के मुकाबले थायराइड महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि थायराइड ग्रंथि (thyroid gland) में गड़बड़ी होने की वजह से लोगों को थायराइड होता है। दरअसल, थायराइड ग्रंथि शरीर में थायरोक्सिन नाम के हार्मोन का स्त्राव करती है। जब थाइरॉक्सिन हार्मोन असंतुलित हो जाते हैं तो थायराइड जैसी बीमारी आपको घेर लेती है। यह एक ऐसी बीमारी है जिससे ठीक होने के लिए आपको आजीवन दवाओं का सहारा लेना पड़ सकता है। यही वजह है कि थायराइड हार्मोन (Thyroid diet) को बैलेंस में रखने के लिए थायराइड रोगियों को अपने खानपान का खास ध्यान रखने के लिए कहा जाता है।

थायराइड के मरीजों से कहा जाता है कि वो कुछ खास तरह की चीजों से दूरी बनाएं ताकि यह हार्मोन संतुलित रहे। इन्हीं चीजों में से एक है क्रूसिफेरस सब्जियां। इन सब्जियों में पत्ता गोभी, फूलगोभी और ब्रोकली आता है। ऐसा कहा जाता है कि फूलगोभी, पत्ता गोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियों में थायरॉक्सिन नामक तत्व होता है, जो शरीर में जाने के बाद थायराइड के हार्मोन को असंतुलित कर देता है, जिसकी वजह से परेशानियां हो सकती हैं। लोगों की बात सुनने के बाद आपने भी अगर क्रूसिफेरस सब्जियों का सेवन बंद कर दिया है तो आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई।

थायराइड के मरीजों को क्रूसिफेरस सब्जियां नहीं खानी चाहिए?

डाइटिशियन श्वेता जे पांचाल की मानें तो थायराइड के रोगियों के लिए क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे की पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकली और मूली बिल्कुल सेफ हैं। जो लोग इन सब्जियों का सेवन पका कर कर रहे हैं तो यह उनके लिए फायदेमंद होता है। क्रूसिफेरस सब्जियों में फोलेट, फाइबर और विटामिन सी की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इन सब्जियों का सेवन करने से गट हेल्थ को सही रखने और पाचन संबंधी समस्याओं से बचने में मदद मिलती है। क्रूसिफेरस सब्जियों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, यह शरीर की सूजन को कम करने में मदद करता है। डाइटिशियन का कहना है कि थायराइड के रोगी बिना किसी संकोच के क्रूसिफेरस सब्जियों का सेवन कर सकते हैं, लेकिन इन्हें कभी भी कच्चा नहीं खाना चाहिए। अगर क्रूसिफेरस सब्जियों को कच्चा खाया जाता है, तो यह थायराइड ग्रंथि को प्रभावित कर सकती है।

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थायराइड में कैसे कर सकते हैं क्रूसिफेरस सब्जियों का सेवन?

डायटीशियन का कहना है कि अगर आप पत्ता गोभी, फूलगोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियां पसंद हैं तो आप इन्हें सब्जी में पकाकर खा सकते हैं। इसके अलावा आप इस तरह की सब्जियों को उबालकर सलाद के तौर पर भी खा सकते हैं। इस तरह की सब्जियों को पकाने से इनमें मौजूद थायरॉक्सिन बाहर निकल जाता है, जिससे सेहत को नुकसान नहीं होता है। हालांकि इन सब्जियों को पकाते और उबालते वक्त ध्यान रहे कि इसे ज्यादा न पका दें। सब्जियों को ज्यादा पकाने से उसके पोषक तत्व भी खत्म हो जाते हैं।

 

 

 

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थायराइड में कितनी क्रूसिफेरस सब्जियां खाना सेफ है?

दिल्ली स्थित भाग्य आयुर्वेदा की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट पूजा सिंह का कहना है कि थायराइड के रोगियों को क्रूसिफेरस सब्जियां सप्ताह में 2 दिन से ज्यादा नहीं खानी चाहिए। अगर पत्ता गोभी, फूल गोभी और ब्रोकली जैसी सब्जियों का ज्यादा मात्रा में सेवन किया जाता है तो यह थायराइड के अलावा कई बीमारियों की वजह से बन सकते हैं।

Image Credit: Freepik.com

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