होली के त्यौहार पर कहीं आप भी तो मिलावटी गुझिया नहीं खरीद रहे?

होली के इस त्यौहार पर थोड़ा सावधान हो जाइए! क्योंकि बाजार में कई दुकानें ऐसी हैं, जो गुझिया में मिलावटी खोया मिक्स कर रही हैं।
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होली के त्यौहार पर कहीं आप भी तो मिलावटी गुझिया नहीं खरीद रहे?


चारों ओर होली की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बच्चों के लिए तो एक हफ्ते पहले से ही होली आ गई है। इस रंग-बिरंगे त्यौहार के आने से पहले ही सभी लोग खुश नजर आ रहे हैं। होली एक ऐसा त्यौहार है, जहां सभी घर के लोग मिलकर गुझिया, मट्ठी, पापड़ी, दही-भल्ले, सेव आदि चीजें बनाते हैं। इस त्यौहार पर एक ऐसी परंपरा होती है, जहां लोग पकवान तैयार कर घर पर होली खेलने आए मेहमानों को सभी डिश परोसते हैं। इस अवसर पर गुझिया एक ऐसी ही खास डिश है, जो उत्तर भारत में विशेष रूप से मशहूर है। कई इसे अपने घर पर तैयार करते हैं, तो कई इसे मार्केट से लाकर परोसते हैं। लेकिन इस साल होली के इस त्यौहार पर थोड़ा सावधान हो जाइए! क्योंकि बाजार में कई दुकानें ऐसी हैं, जो गुझिया में मिलावटी खोया मिक्स कर रही हैं।

gujiya


होली का जश्न मनाने के लिए ताजा और बिना मिलावट वाला गुझिया लाइसेंस प्राप्त दुकान से ही खरीदें। वेबसाइट ‘फूड सेफ्टी हेल्पलाइन’ के संस्थापक सौरभ अरोड़ा ने गुझिया खरीदते समय ध्यान रखने योग्य कुछ बातें सुझाई हैं, जिन बातों का आपको ध्यान रखना है। कुछ मिठाई की दुकानें अपने गुझिया को ‘शुद्ध’ घी में तले गुझिया के रूप में प्रचारित करती हैं, जबकि यह मिलावटी वनस्पति (डालडा) या रिफाइन तेल में तला हुआ हो सकता है। इसलिए लाइसेंस प्राप्त विश्वसनीय दुकान से ही गुझिया खरीदें।


गुझिया खरीदते समय यह भी ध्यान रखें कि दुकान स्वच्छता के मानक पर खरा उतरता है कि नहीं और उसे शोकेस के अंदर उचित तरीके से रखा गया है कि नहीं। दुकानदार या दुकान पर काम करने वाले कर्मचारी साफ कपड़े पहने होने चाहिए और गुझिया देते समय वे दस्ताने जरूर पहने होने चाहिए। साथ ही उन्हें आंख, शरीर के विभिन्न हिस्सों को छूना या छींकना नहीं चाहिए। अगर आपको गुझिया घर पर बनाना है, तो स्टार्च की मौजूदगी की जांच के लिए खोया की परख जरूर कर लें। खोए की थोड़ी सी मात्रा खरीदकर घर पर उसे पानी में उबाल लें और ठंडा होने पर इसमें दो बूंद आयोडिन मिला दें, अगर यह नीला पड़ जाता है, तो फिर इसका मतलब यह कि स्टार्च के साथ मिलावटी खोया है।


त्यौहार के दिनों में खोए की भारी मांग के मद्देनजर कई विक्रेता पहले से ही खोया बनाकर रख लेते हैं, जबकि खोया एक निश्चित अवधि तक ही सुरक्षित रह सकता है और अगर इसे सही तापमान में उचित प्रकार से नहीं रखा गया है तो इसमें हानिकारक बैक्टीरिया पनप सकते हैं, इसलिए खोए से अगर खराब, बासी महक आ रही है तो बिल्कुल नहीं खरीदें। खोए को अंगूठे और उगंलियों के बीच मसलकर भी इसकी शुद्धता को परखा जा सकता है, अगर यह शुद्ध होगा, तो मसलने से इसमें से तेल निकलेगा।

News Source- IANS

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