घर में बच्चे के जन्म के साथ नए पेरेंट्स का भी जन्म होता है। बच्चा वक्त के साथ किस चीज पर किस तरह से अपने रिएक्शन दे रहे हैं, उससे पेरेंट्स सीखते हैं। उदाहरण के लिए छोटा बच्चा जब रोता है, तो पेरेंट्स को पता चलता है कि वह भूखा है या उसके डायपर को बदलने का वक्त आ चुका है। समय के साथ जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता पेरेंट्स नई-नई चीजें सीखते और सीखाते हैं। जन्म के 6 महीने के बाद जब बच्चा घुटनों के बल चलने लगता है, तो कई बार उसे चोट लगती है। वो घर के सामान को गिराते हैं और कई तरह की चीजें करते हैं। इतना ही नहीं जब बच्चा चलना सीखता है, तो उठने, बैठने और दौड़ने की कोशिश के दौरान बच्चे को कई बार चोट लगती है। चोट लगने पर बच्चा रोने लगता है और पेरेंट्स उसे प्यार करने लगते हैं, उसके दर्द को भुलाने की कोशिश करते हैं। मैं खुद 1 साल के बेटे की मां हूं। जब मेरे बेटे ने चलना सीखा, तो वह कई बार गिरता था। चीजों को पकड़कर चलते वक्त उसके हाथ और पैर में कई बार चोट लगी है। जब मेरा बच्चा चलते वक्त गिरता था, तब मैं उसे तुरंत गोद में उठा लेती थी। गिरने की वजह से जब वो रोता था, तो मैं भावनात्मक तौर पर काफी परेशान हो जाती थी। मेरी तरह जो लोग पहली बार पेरेंट्स बने हैं, उनके साथ भी यही समस्या होती है। यही कारण है आज इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं बच्चे को चोट लगने पर पेरेंट्स को किन गलतियों से बचना चाहिए। इस विषय पर ज्यादा जानकारी दे रहे हैं लखनऊ के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण आनंद।
बच्चे के गिरने के बाद पेरेंट्स को क्या नहीं करना चाहिए?- What should parents not do after their child falls?
डॉ. तरूण आनंद ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करके बताया है कि बच्चे के गिरने पर पेरेंट्स को क्या करने से बचना चाहिए।
1. डॉ. तरूण आनंद का कहना है बच्चे के चोट लगने के बाद पेरेंट्स को डांटने और चिल्लाने से बचना चाहिए। ऐसा करने से बच्चे पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है और वह ज्यादा परेशान महसूस कर सकता है।
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2. बच्चे के चोट लगने पर पेरेंट्स ज्यादा प्यार दिखाते हुए उसकी पसंद की चीजें उसे दिलाने लगते हैं। कई बार तुरंत बच्चे को गोद में उठाकर बाहर घुमाने ले जाते हैं, ताकि बच्चा शांत हो जाएगा। लेकिन रोते हुए बच्चे के साथ ऐसा करने से उसकी आदत बिगड़ सकती है।
3. डॉ. तरूण का कहना है कि जब बच्चा चेलने के दौरान या किसी भी कारण गिरता है, तो रोने लगता है। ऐसे में पेरेंट्स घबरा जाते हैं। दरअसल बच्चे के चोट लगने पर न्यू पेरेंट्स इस बात को समझ नहीं पाते हैं कि तुरंत कैसा रिएक्शन देना है। एक्सपर्ट के अनुसार, इस स्थिति में पेरेंट्स को दिमाग को शांत करना चाहिए और घबराना बिल्कुल भी नहीं चाहिए। ऐसी स्थिति में पेरेंट्स को शांत व्यवहार करना चाहिए और बच्चे से प्यार से पूछना चाहिए कि आखिरकार क्या हुआ और कैसे हुआ।
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बच्चे के गिरने पर पेरेंट्स को क्या करना चाहिए?- What should parents do after their child falls?
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बच्चे को शांत करें
चोट लगने के तुरंत बाद बच्चा जोर-जोर से रोने और चिल्लाने लगता है। ऐसे में न्यू पेरेंट्स को बच्चों को शांत करने पर जोर देना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि चोट लगने पर बच्चे को गले लगाएं। कई बार चोट लगने के कारण बच्चे के दिमाग में डर भी बैठ सकता है। इसलिए चोट लगने के बाद बच्चे को गले लगाकर शांत करें, ताकि वह अंदर से सहमे नहीं।
चोटों की जांच करें
अगर आपका बच्चा सीढ़ियां चढ़ते या उतरते वक्त गिर जाता है, तो तुरंत चोटों की जांच करें। गिरने के दौरान अगर आपको बच्चे के शरीर पर किसी तरह की सूजन, चोट या लाल निशान नजर आते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
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आत्मविश्वास बढ़ाएं
अगर बच्चे का गिरना मामूली था, तो अपने बच्चे को उठने और खेलना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करें, जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वह छोटी-छोटी चोट पर घबराएगा नहीं।
न्यू पेरेंटिंग में कई तरह के चैलेंज होते हैं और पेरेंट्स इन्हीं से सीखते हैं, इसलिए बच्चे के साथ होने वाली छोटी-छोटी चीजों पर रिएक्शन देने की बजाय शांत रहने की कोशिश करें।
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