
लंबे समय से विशेषज्ञ यह मानते रहे हैं कि तनाव या अवसाद में रहने पर इनसान उन आदतों को अपना लेता है जो शरीर के लिए नुकसानदेह होती हैं। मसलन जंक फूड खाना या सिगरेट-शराब पीना, परन्तु ऐसा नही है।
नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि तनाव से किसी व्यक्ति की आदतें नहीं बदलती। यूनिवर्सिटी ऑफ साउदर्न कैलिफोर्निया के मुताबिक तनाव में रहने पर इनसान वहीं काम करता है जो उसक स्वभाव में शामिल हो। मिसाल के तौर पर अगर कोई नियमित रूप से स्वास्थ्यवर्द्वक चीजें खाने या व्यायाम करने का आदी है तो दबाव में होने पर भी वह ऐसा ही करेगा।
प्रमुख शोधकर्ता वेंडी वुड के मुताबिक, मुश्किल हालात में भी लोग उन्हीं आदतों की ओर रूख करते हैं जो पहले से कायम हों। इनसान में इतनी क्षमता नहीं होती कि वह विषम परिस्थितियों में खुद को अनुशासित रख सके। इसलिए सामान्य अवस्था में उसका खुद पर जितना नियंत्रण होता है, तनाव में भी उतना ही होता है। आदतें उस अवस्था में भी, कायम रहती हैं जब इनसान खुद पर काबू रखने की शक्ति खो देता है।
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