
TB Eradication in India: टीबी यानी ट्यूबरक्लोसिस को मानव इतिहास की सबसे पुरानी बीमारी कहा जाता है। इस बीमारी का जिक्र वेदों से लेकर प्राचीन ग्रंथों में भी किया गया है। ट्यूबरक्लोसिस की वजह से दुनियाभर में हर साल लाखों मरीजों की मौत होती है। टीबी की बीमारी ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के ड्रॉपलेट इन्फेक्शन की वजह से फैलती है। टीबी एक संक्रामक और जानलेवा बीमारी है। दुनियाभर में टीबी उन्मूलन के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। भारत में भी साल 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी उन्मूलन का प्रयास शुरू किया है। काशी में हुए वर्ल्ड टीबी समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीबी मुक्त भारत अभियान को लेकर अपने संबोधन में भी कहा था कि, "TB के खिलाफ लड़ाई में भारत ने जो बहुत बड़ा काम किया है, वो है- People’s Participation, जनभागीदारी। भारत ने कैसे एक Unique अभियान चलाया, ये जानना विदेश से आए हमारे अतिथियों के लिए बहुत दिलचस्प होगा।" आइये इस लेख में आंकड़ों के जरिए यह समझने की कोशिश करते हैं कि क्या वाकई भारत में साल 2025 तक टीबी की बीमारी खत्म हो जाएगी और इस देश में मौजूदा समय में टीबी की स्थिति क्या है।
बीते 8 सालों में घटे टीबी के 13% मामले- 13% Drop in TB Cases in Eight Years
आंकड़ों पर गौर करें तो बीते कुछ सालों में भारत में टीबी के मामलों में काफी कमी आई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया था कि बीते 8 सालों में भारत में टीबी के मरीज 13 प्रतिशत कम हुए हैं। ये आंकड़े वाकई अच्छी खबर का संकेत हैं। हालांकि इससे पहले सरकार द्वारा जारी आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2021 में ही भारत में 16 लाख लोगों की मौत टीबी की वजह से हुई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 27 अक्टूबर, 2022 को जारी डब्ल्यूएचओ ग्लोबल टीबी रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि भारत ने अन्य देशों की तुलना में टीबी उन्मूलन को लेकर बेहतर प्रदर्शन किया है।

साल 2021 में भारत में टीबी के मरीज प्रति 100,000 जनसंख्या पर 210 थे, वहीं साल 2015 में यह संख्या प्रति एक लाख जनसंख्या पर 256 थी। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में 2015 से 2021 के बीच टीबी के मरीजों की संख्या में 18 प्रतिशत की कमी आई है। वहीं वैश्विक स्तर पर ये आंकड़े 11 प्रतिशत ही हैं।
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टीबी से होने वाली मौत के आंकड़े बढ़े- TB Deaths in India in Hindi
भारत में भले ही बीते कुछ सालों में टीबी के नए मामलों में कमी देखने को मिली है, लेकिन मौत के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। हर साल टीबी से होने वाली मौत के आंकड़ों में कमी के लक्ष्य से हम अभी भी पीछे चल रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2020 में प्रति एक लाख आबादी पर 15 मरीजों की मौत होती थी। ये आंकड़े साल 2022 में बढ़कर 23 पर पहुंच गए हैं। भारत में टीबी से होने वाली मौतों को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट भी यही इशारा करती है।
सरकार 5T अप्रोच के साथ कर रही काम
सरकार ने भले ही साल 2025 तक देश में टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। लेकिन आंकड़े ये बताते हैं कि साल 2022 में ही भारत में टीबी के कुल 21.42 लाख मरीज दर्ज किये गए थे। साल 2021 की तुलना में 2022 में टीबी के मामले 13 प्रतिशत बढ़े थे। हालांकि बीते 8 सालों के आंकड़े के मुताबिक देश में टीबी के मामलों में 13 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ल्ड टीबी समिट को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि, "TB खत्म करने का ग्लोबल टार्गेट 2030 है। भारत अब वर्ष 2025 तक TB खत्म करने के लक्ष्य पर काम कर रहा है। दुनिया से पांच साल पहले और इतना बड़ा देश बहुत बड़ा संकल्प लिया है। और संकल्प लिया है देशवासियों के भरोसे। भारत में हमने कोविड के दौरान हेल्थ इनफ्रास्ट्रक्चर का capacity enhancement किया है। हम Trace, Test, Track, Treat and Technology पर काम कर रहे हैं। ये स्ट्रेटजी TB के खिलाफ हमारी लड़ाई में भी काफी मदद कर रही है।"
(Image Courtesy: Freepik.com)
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