रविवार को हुई टाटा मुंबई मैराथन 2020 में दौड़ते वक्त कार्डियक अरेस्ट से एक 64 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई जबकि 1350 अन्य धावकों (runners)को मामूली चिकित्सा लेनी पड़ी। मृतक की पहचान गजानन मलजालकर के रूप में हुई है। गजानन 4 किलोमीटर दौड़ने के बाद अचानकर गिर पड़े, जिसके बाद उन्हें तुरंत बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचते ही डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गजानन वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में दौड़ रहे थे।
गजानन की मृत्यु के अलावा मैराथन में एक 40 वर्षीय प्रतिभागी को एंजियोप्लास्टी से गुजरना पड़ा और एक अन्य व्यक्ति, जिसकी उम्र 51 वर्ष थी उसे ब्रेन स्ट्रोक पड़ा।
एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट एंड मेडिकल डायरेक्टर के क्रिटिकल केयर एंड मेडिकल अफेयर्स के डायरेक्टर डॉ. विजय डी सिल्वा के हवाले से एक दैनिक अखबार ने कहा, ''19 धावकों को गंभीर डिहाइड्रेशन का शिकार होना पड़ा। उन्होंने बेस कैंप पर रि-हाइ़ड्रेशन थेरेपी देकर घर भेज दिया गया है।''
इसके अलावा कुल 17 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसमें से 9 बॉम्बे अस्पताल में, छह लोग लीलावती अस्तपाल में और एक-एक व्यक्ति को जीटी व हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके साथ ही आपात स्थिति से निपटने के लिए 11 चिकित्सा सहायता केंद्र और दो मेडिकल बेस कैंप बनाए गए थे, जिसमें 40 और 20 बेड लगाए गए थे। इस मामले के सामने आने के बाद मैराथन में दौड़ने के लिए जरूरी फिटनेस और ट्रेनिंग को लेकर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
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शालीमार बाग स्थित मैक्स सुपरस्पेशयालिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी हेड और डायरेक्टर डॉ. नवीन भामरी का कहना है कि मैराथन में दौड़ते वक्त हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का शिकार वहीं लोग होते हैं, जो पहले से ही किसी ह्रदय रोग से पीड़ित हों और उन्हें इस बात की जानकारी न हो। डॉ. नवीन के मुताबिक दौड़ के दौरान जब अचानक दिल पर दबाव पड़ने लगता है तो प्लाक रप्चर हो जाता है। यही रप्चर हमारी धमनियों को ब्लॉक कर देता है, जिस कारण दिल का दौरा पड़ता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति के मस्तिष्क की धमनियों में प्लाक रप्चर हो जाए तो ब्रेन स्ट्रोक पड़ सकता है।
डॉ. भामरी कहते हैं कि वे लोग, जो मैराथन में दौड़ते हैं उनके दिल की धमनियों में कठोरता बढ़ जाती है, जिस कारण दिल की धड़कन अचानक तेज हो जाती है या बिल्कुल मंद हो जाती है और व्यक्ति की अचानक मौत की आशंका बढ़ जाती है।
उन्होंने कहा कि जब किसी की मौत दौड़ के दौरान होती है तो उसके पीछे ह्रदय में जेनेटिक असामान्यता को जिम्मेदार ठहराया जाता है, जिसे हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी कहते हैं। इस स्थिति में हमारे ह्रदय की मांसपेशियों का एक हिस्सा मोटा हो जाता है और रक्त पंप करने में दिक्कत आने लगती है। ब्लड पंप में परेशानी के कारण रक्त की मांग और आपूर्ति में संतुलन नहीं हो पाता और व्यक्ति दौड़ के दौरान गिर जाता है।
64 वर्षीय व्यक्ति की मौत के सवाल पर डॉ. भीमर का कहना है कि उम्रदराज इंसान की मौत का कारण पहले से मौजूद रहे ह्रदय रोग हो सकता है। हालांकि कुछ मामलों में कारण सामने नहीं आ पाते हैं। डॉ. भामरी का कहना है कि मैराथन के दौरान कार्डियक अरेस्ट के मामले कम ही होते हैं।
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मैराथन में दौड़ने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश
- दौड़ से कम से कम दो घंटे पहले सेब या केले का सेवन जरूर करें।
- दाल, चावल, आलू और पास्ता में कार्ब की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, इसलिए दौड़ से पहले की रात 8 बजे तक भोजन कर लें और इन चीजों का सेवन करें।
- पहली बार मैराथन में दौड़ रहे धावक खुश हों। मैराथन के लिए ट्रेनिंग और उसे खत्म करने से आपकी धमनियों की आयु चार साल तक बढ़ सकती है।
- मैराथन में नींबू पानी का सेवन करें क्योंकि ये आपको हाइ़ड्रेट रखता है।
- अपनी क्षमता से ज्यादा तेज न दौड़े क्योंकि ऐसा करने से आप जल्दी थक जाते हैं।
- मैराथन के दौरान स्पोर्ट ड्रिंक का इस्तेमाल करें क्योंकि इसमें सोडियम और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलेट होते हैं, जो आपके एनर्जी देने का काम करते हैं।
- मैराथन के बाद प्रोटीन ड्रिंक पीएं क्योंकि ये डेमेजड टिश्यू को रिपेयर करने और मांसपेशियों को रिबिल्ड करने में मदद करता है।
- मैराथन के लिए नए जूते न खरीदें, जिनमें ट्रेनिंग ली है उन्हीं जूतों में दौड़ें।
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