मुंबई मैराथन 2019: मैराथन के लिए ट्रेनिंग कैसे करें, एक्‍सपर्ट से जानें सही जानकारी

महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई में 20 जनवरी से 'मुंबई मैराथन' की शुरूआत हो रही है। मुंबई मैराथन एक ऐसी दौड़ प्रतियोगिता है जिसमें अलग-अलग राज्‍यों, वर्ग और उम्र के लोग शामिल होते हैं। हर साल की तरह इस बार भी मुंबई मैराथन बहुत ही रोमांचक होने वाला है। मैराथन में धावकों के बीच मुकाबला काफी दिलचस्‍प हो सकता है। अगर आपमें भी मैराथन प्रतियोगिता जीतने का जूनून है तो यहां हम आपको मैराथन जीतने के कुछ ऐसे टिप्‍स बता रहे हैं जिससे आपको काफी मदद मिलेगी। 
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मुंबई मैराथन 2019: मैराथन के लिए ट्रेनिंग कैसे करें, एक्‍सपर्ट से जानें सही जानकारी

महाराष्‍ट्र की राजधानी मुंबई में 20 जनवरी से 'मुंबई मैराथन' की शुरूआत हो रही है। मुंबई मैराथन एक ऐसी दौड़ प्रतियोगिता है जिसमें अलग-अलग राज्‍यों, वर्ग और उम्र के लोग शामिल होते हैं। हर साल की तरह इस बार भी मुंबई मैराथन बहुत ही रोमांचक होने वाला है। मैराथन में धावकों के बीच मुकाबला काफी दिलचस्‍प हो सकता है। अगर आपमें भी मैराथन प्रतियोगिता जीतने का जूनून है तो यहां हम आपको मैराथन जीतने के कुछ ऐसे टिप्‍स बता रहे हैं जिससे आपको काफी मदद मिलेगी। 

मैराथन जीतने के लिए जरूरी है कि आप एक बेहतर धावक बनें और इसके लिये सबसे अच्छा तरीका है, ठीक से दौड़ना! दूरी, गति और रनिंग ट्रेक में बदलाव कर आप अपनी रनिंग क्षमताओं का परीक्षण कर उन्हें और बेहतर बनाकर, एक अच्छा धावक बन सकते हैं। इसके अलावा क्रोस ट्रेनिंग को अपने रनिंग ट्रेनिंग में शामिल कर खुद को और बेहतर रनर बनाया जा सकता है। इसे लिये निम्न एक्सरसाइज और ट्रेनिंग करें। 

 

जंपिंग जैक और स्‍टैंडिंग स्‍क्‍वैट्स का नियमित अभ्यास

जंपिंग जैक और स्‍टैंडिंग स्‍क्‍वैट्स दोनों ही एक्सरसाइज जांघों, घुटनों और पिंडलियों की मांसपेशियों को मजबूती देती हैं और स्टेमिना बढ़ाती हैं। जंपिंग जैक करने के लिए ऊपर कूदकर हाथों को कंधों तक सीधा करें और नीचे लेंड करने पर पैरों से सटा लें। इसे करते हुए हर जंप के साथ केवल आपने पंजों पर ही जमीन पर लेंड हों। वहीं स्‍टैंडिंग स्‍क्‍वैट्स करने के लिये सीधे खड़े हो जाएं और फिर दोनों हाथ कंधों की सीध में आगे की ओर करते हुए कूल्हों को पीछे ले जाएं और फिर नीचे की ओर झुकें। इस तरह आप ऐसी स्थिति में आ जाएंगे जैसे कि आप कुर्सी पर बैठे हों। और फिर वापस आ जाएं। 

खुद को फोकस करें

अपने मन से उन विचारों को निकाल बाहर करें जो आपको दौड़ने से रोकते हैं, जैसे आज बहुत गर्मी है, बारिश हो रही है, धूल और धूर बहुत है, लोग क्या सोचेंगे आदि। बस अपने दिमाग में मेराथन की ट्रॉफी रखिये। दौड़ने के लिए सुबह का समय सबसे बेहतर होता है। इस समय काम आदि का तनाव कम होता है। हफ्ते के पांच दिन 30 से 35 मिनट का समय अपनी रनिंग के लिये अलग रखें। एक बार शुरुआत करें, देखियेगा जल्द ही आपको इस फिटनेस हॉबी की आदत लग जाएगी। 

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हेल्थ चैकअप जरूरी

ट्रेनिंग शुरू करने से पहले ही आपका वजन, कोई बीमारी, दर्द आदि शारीरिक स्थितियों की जांच करा लेनी चाहिये। उसके आधार पर ही ट्रेनर या आप खुद अपना शेड्यूल बनाएं। सेहत और दौड़ दोनों स्तर पर अपनी इंप्रूवमेंट को नोट करें। आप चाहें तो एक डायरी बना लें और रोज़ाना की शारीरिक गतिविधियों के बारे में आंकडे दर्ज करें, जैसे दौड़ते समय आप कब सबसे अच्छा महसूस करते हैं, कब दौड़ने में आसानी होती है, कब सांस लेने में समस्या होती है, वगेहरा। 

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खुद के कोच आप खुद बनें

रनिंग की ट्रेनिंग में आप खुद शुरुआती दौर में खुद के सबसे अच्छे कोच होते हैं। इससे धीरे-धीरे आपको अपनी क्षमताओं का भी पता चल जाता है। शुरुआती दौर में दौड़ने की प्रक्रिया में बहुत ज्यादा जल्दबाजी न दिखाएं। ज्यादा पुश करने से पहले शरीर को कम से कम एक से दो हफ्ते का समय दें।  यदि कभी बहुत ज्यादा थकावट महसूस हो तो उस दिन खुद को धीरे कर लें। हरेक दिन शरीर की ऊर्जा एक तरह की नहीं होती। इससे अपनी थकावट के कारण को ठीक से समझ पाएंगे। स्टेमिना का ध्यान रख सकेंगे और शरीर पर ज्यादा बेहतर पकड़ बन पाएगी।

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