हरी सब्जियां और मांस खाने वाले बरतें सावधानी, सामने आया जानलेवा टेपवर्म का मामला

अगर आप भी हरी पत्तेदार सब्जियों और मांस का सेवन करते हैं, तो सावधान हो जाएं। आप टेपवर्म का शिकार हो सकते हैं। टेपवर्म एक तरह का कीड़ा होता है, जो ज्यादातर हरी-पत्तेदार सब्जियों और दूषित पानी में पाया जाता है। टेपवर्म खाने-पीने की चीजों जैसे- जानवरों के मांस, पालक, पत्तागोभी, पानी आदि के द्वारा मनुष्यों के शरीर में पहुंच जाते हैं और आंतों में प्रजनन के द्वारा अपनी संख्या तेजी से बढ़ाते जाते हैं। धीरे-धीरे ये कीड़े खून के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और व्यक्ति की जान ले सकते हैं।
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हरी सब्जियां और मांस खाने वाले बरतें सावधानी, सामने आया जानलेवा टेपवर्म का मामला


अगर आप भी हरी पत्तेदार सब्जियों और मांस का सेवन करते हैं, तो सावधान हो जाएं। आप टेपवर्म का शिकार हो सकते हैं। टेपवर्म एक तरह का कीड़ा होता है, जो ज्यादातर हरी-पत्तेदार सब्जियों और दूषित पानी में पाया जाता है। टेपवर्म खाने-पीने की चीजों जैसे- जानवरों के मांस, पालक, पत्तागोभी, पानी आदि के द्वारा मनुष्यों के शरीर में पहुंच जाते हैं और आंतों में प्रजनन के द्वारा अपनी संख्या तेजी से बढ़ाते जाते हैं। धीरे-धीरे ये कीड़े खून के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच जाते हैं और व्यक्ति की जान ले सकते हैं।

संक्रमित कबाब खाने से हुई लड़के की मौत

हाल में ही फरीदाबाद में 18 साल का एक लड़का कबाब खाने के बीमार हो गया। अस्पताल ले जाने पर लड़के की एमआरआई जांच की गई। रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि लड़के के शरीर में कबाब के द्वारा टेपवर्म पहुंच गए थे, जो बढ़ते-बढ़ते उसके मस्तिष्क तक पहुंच गए थे। अस्पताल में लड़के की हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। ये रिपोर्ट न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छापी गई है। रिपोर्ट के अनुसार लड़के के दिमाग के सभी हिस्सों में इन कीड़ों को पाया गया है। डॉक्टर्स इसे न्यूरोसिस्टिसरकोसिस कह रहे हैं।

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2 सप्ताह में ही मस्तिष्क तक फैल गया वायरस

इस रिपोर्ट के अनुसार टेपवर्म के इस मरीज को एंटीपैरासिटिक दवाएं नहीं दी गईं क्योंकि उसके दिमाग और आंखों में बहुत ज्यादा मात्रा में सिस्ट मौजूद थे। उसकी आंखों के साथ-साथ मस्तिष्क में भी सूजन आ गई थी। ऐसे में अगर ये दवाएं उसे दे दी जातीं, तो उसके अंधे होने का खतरा रहता। यह वायरस इतना खतरनाक है कि 2 सप्ताह में ही इसने लड़के की जान ले ली।

इसके पहले गुड़गांव के फोर्टिस अस्पताल में भी एक बच्ची की मौत टेपवर्म के कारण हुई थी। ये टेपवर्म बच्ची के शरीर में संक्रमित पत्तागोभी खाने के बाद पहुंचा था। उस मामले में भी एक सप्ताह में ही बच्ची के मस्तिष्क में सूजन आ गई थी, जिसके कारण उसे तेज सिरदर्द की शिकायत रहने लगी थी।

कैसे करें टेपवर्म से बचाव

  • बाजार में मिलने वाले मोमोज, चाउमीन और अन्य ऐसे फूड्स जिनमें कच्ची सब्जियों का प्रयोग होता है, उन्हें न खाएं। खासकर ऐसी चीजें जिनमें कच्ची पत्तागोभी का प्रयोग किया गया हो।
  • टेपवर्म से बचाव के लिए जरूरी है कि आप पत्ते वाली सब्जियों और मांस खाने में सावधानी बरतें। हरी सब्जियों को अच्छी तरह धोकर और पकाकर ही खाएं। कच्ची सब्जियों को प्रयोग से पहले गर्म पानी में अच्छी तरह धोएं।
  • जानवरों के मांस जैसे- चिकन, मछली, मटन आदि को अच्छी तरह पकाकर ही खाएं। अधपके मांस में इन वायरस के होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है।
  • सब्जियां और मांस हमेशा अच्छी और साफ-सुथरी जगह से ही लें।

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टेपवर्म के लक्षण होते हैं बहुत सामान्य

टेपवर्म जब शरीर में पहुंचते हैं, तो लक्षण जाहिर होने में कुछ समय लग सकता है। आमतौर पर टेपवर्म आंतों को पहला शिकार बनाते हैं इसलिए पेट दर्द, डायरिया, कमजोरी, उल्टी आदि की समस्या हो सकती है। लगातार प्रजनन से अगर टेपवर्म के अंडे शरीर में ज्यादा फैल जाएं, तो सिरदर्द, चक्कर आना, बेहोशी और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

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