Symptoms Of Heavy Metal Toxicity In Body In Hindi: शरीर में जहरीली या भारी धातुओं की अधिकता (Heavy Metal Toxicity) होना एक गंभीर स्थिति है, जिसके हमारे स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम देखने को मिल सकते हैं। हेवी मेटल टॉक्सिसिटी की समस्या तब होती है जब हमारे शरीर में सीसी, पारा, कैडमियम, थैलियम और आर्सेनिक जैसी भारी धातुएं प्रवेश कर जाती हैं। ये भारी धातुएं कोशिकाओं के कुछ हिस्सों को बांध देती हैं, जिसके कारण शरीर के कई अंग अपना काम ठीक से नहीं कर पाते हैं। हालांकि, ये धातुएं कई तरह से हमारे शरीर में प्रवेश करती हैं और धीरे-धीरे जमा होती हैं। ऐसा नहीं है कि टॉक्सिन्स रातों रात शरीर में जमा हो जाते हैं। अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया जाता है, तो इसके सेहत पर कई दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। अच्छी बात यह है कि हेवी मेटल टॉक्सिसिटी के लक्षणों को पहचानकर आप समय रहते डॉक्टर के पास जा सकते हैं और उपचार ले सकते हैं। शरीर में जहरीली और भारी धातुओं की अधिकता स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करती है और इसके क्या-क्या लक्षण शरीर में देखने को मिलते हैं, इस लेख में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं...
हेवी मेटल टॉक्सिटी सेहत को कैसे प्रभावित करती है- How Heavy Metal Toxicity Affect Health In Hindi
ऐसा कई भारी धातुएं हैं, जिनके संपर्क में हम रोज आते हैं। कुछ भारी धातुएं जहरीली होती हैं, क्योंकि इनके मोलेक्यूल हमारे शरीर में जाने के बाद कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं। यह हमारे शरीर के अंगों के फंक्शन को प्रभावित करते हैं। हमारे शरीर में पहले से ही आयरन, कॉपर और जिंक जैसी धातुएं होती हैं, जो अंगों को स्वस्थ रखने और उनके फंक्शन को बनाए रखने में मदद करती हैं। लेकिन अगर शरीर में अन्य धातुएं भी अधिक मात्रा में जमा हो जाती हैं, तो यह मस्तिष्क, लिवर और किडनी जैसे महत्वपूर्ण अंगों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
शरीर में भारी धातुओं की अधिकता (हेवी मेटल टॉक्सिसिटी) के लक्षण- Symptoms Of Heavy Metal Toxicity In Body In Hindi
- डिहाइड्रेशन की समस्या
- बहुत ठंड लगना या शरीर का तापमान सामान्य से कम होना
- पेट में दर्द होना और दस्त की समस्या
- उल्टी या मतली होना
- शारीरिक रूप से कमजोर महसूस होना
- हाथ-पैरों में सुन्नपन या चुभन महसूस होना
- गले में खराश या खरोंच जैसा महसूस होना
हेवी मेटल टॉक्सिटी के गंभीर लक्षणों में शामिल हैं....
- शरीर में खून की कमी एनीमिया
- मेमोरी लॉस और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचना
- सांस लेने में परेशानी होना
- हार्टबीट असामान्य होना
- खराब या डैमेज किडनी
- गर्भवती महिलाओं में मिसकैरेज
- खराब लिवर फंक्शन
- कैंसर आदि जैसे गंभीर रोग
अगर कोई भी व्यक्ति इनमें से अधिकांश लक्षण अक्सर नोटिस करता है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर के दिए उपचार के यह भी ध्यान रखना चाहिए कि आप थोड़े-थोड़े समय में शरीर को डिटॉक्स करने पर भी ध्यान केंद्रित करें। इससे आपको टॉक्सिसिटी को कम करने में जल्द मदद मिलेगी।
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