Chronic Inflammation Symptoms In Hindi: शरीर में सूजन बढ़ना एक बहुत ही आम समस्या है। लेकिन आपको बता दें कि सूजन सेहत के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। खासकर, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय शरीर में सूजन या क्रोनिक इन्फ्लेमेशन से जुड़ी स्थितियों से जूझ रहा है, तो आपको बता दें कि यह सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. वरालक्ष्मी यनामंद्र (BAMS Ayurveda) क्रोनिक सूजन ऑटोइम्यून और क्रोनिक लाइफस्टाइल रोगों का सबसे आम मूल कारण है। बहुत से लोग अक्सर यह पूछते हैं कि आखिर सूजन को इतना खतरनाक क्यों माना जाता है? आपको बता दें कि क्रोनिक सूजन होने पर आपके शरीर के किसी एक क्षेत्र में इसका कोई विशिष्ट लक्षण नहीं दिखता है, लेकिन आमतौर पर ये शरीर के उन विभिन्न हिस्सों में फैलती है, जहां कमजोरी होती है। क्रोनिक सूजन को बीमारी में पूरी तरह से बदलने में महीनों और वर्षों का समय भी लग सकता है। डॉ. वरालक्ष्मी ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में क्रोनिक सूजन को पहचाने के लिए कुछ लक्षण बताए हैं। साथ ही, उन्होंने क्रोनिक इन्फ्लेमेशन में योगदान देने वाले कुछ कारण भी शेयर किए हैं। इन लक्षणों को समय रहते पहचानकर और कारणों के बारे में जानकार आप किसी गंभीर स्थिति से बच सकते हैं। इस लेख में हम आपको इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं....
क्रोनिक सूजन के कारण क्या होते हैं?- Chronic Inflammation Causes In Hindi
1. अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स, प्रोसेस्ड शुगर से बने उत्पाद और अनहेल्दी फैट
2. नींद की कमी और अनियंत्रित भावनाएं
3. अधिक मात्रा में शराब का सेवन और स्मोकिंग करना
4. आनुवंशिक प्रवृत्ति
इसे भी पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान हो रही है सूजन की समस्या तो जरूर करें बचाव, बढ़ाता है बच्चों में स्ट्रेस का जोखिम
क्रोनिक इन्फ्लेमेशन के लक्षण- Chronic Inflammation Symptoms In Hindi
- पेट संबंधी समस्याएं जैसे कब्ज, दस्त और एसिड रिफ्लक्स
- त्वचा संबंधी समसाएं जैसे डर्मेटाइटिस, एक्जिमा और मुंहासे
- हार्ट अटैक, स्ट्रोक और फेलियर जैसे हृदय रोग
- नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं जैसे एंग्जायटी डिप्रेशन और मूड डिसऑर्डर
- मांसपेशियां और जोड़ों से जुड़ी समस्याएं, माइग्ला और आर्थल्जिया, जोडों में दर्द
- इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याएं जैसे यीस्ट इन्फेक्शन और एलर्जी
- हार्मोनल समस्याएं जैसे अनियमित पीरियड्स, फाइब्रोइड्स और दर्दनाक पीरियड्स
- थाराइड रोग, ऑटोइम्यून स्थितियां
- फेफड़ों से जुड़ी समस्याएं जैसे एलर्जी और अस्थमा
View this post on Instagram
एक्सपर्ट क्या सलाह देती हैं?
अगर किसी व्यक्ति को उपरोक्त स्थितियां अक्सर परेशान करती हैं, तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करते रहना चाहिए। ध्यान न देने पर क्रोनिक सूजन स्वस्थ कोशिकाओं, टिश्यू और अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है। यह आंतरिक घाव, टिश्यू के नष्ट होने और पहले से स्वस्थ कोशिकाओं में मौजूद डीएनए को नुकसान पहुंचा सकती है। यह कैंसर या टाइप-2 डायबिटीड जैसी संभावित स्थितियों का विकास में भी योगदान दे सकती है।
All Image Source: Freepik