रोज साइकिलिंग करते हैं तो जरूर करें ये 4 स्ट्रेच एक्सरसाइज, दूर होगी शरीर में अकड़न और दर्द की समस्या

अगर आप भी रोजाना साइकिलिंग करते हैं तो यहां जानें साइकिलिंग करने के बाद की जाने वाली स्ट्रेच के बारे में।   
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रोज साइकिलिंग करते हैं तो जरूर करें ये 4 स्ट्रेच एक्सरसाइज, दूर होगी शरीर में अकड़न और दर्द की समस्या


साइकिलिंग करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। नियमित रूप से साइकिलिंग करने वाले लोगों में साइकिल नहीं करने वालों की तुलना में हार्ट संबंधी समस्याएं होने का खतरा काफी कम हो जाता है। साइकिलिंग न सिर्फ आपको चुस्त दुरुस्त बनाती है बल्कि शरीर से कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में अहम भूमिका निभाती है। लेकिन रोजाना साइकिलिंग करने वाले लोगों को साइकिलिंग करने के बाद स्ट्रेचिंग भी करनी चाहिए। हालांकि प्रोफेश्नल साइकिलिस्ट ऐसा करते हैं। लंबे समय तक या फिर साइकिल से लंबी दूरी तय करने के बाद आपके हिप्स और कंधों के आस-पास के हिस्सों में कई बार अकड़न बन जाती है। साइकिलिंग करने के बाद कुछ स्ट्रेचेज करने के बाद आपकी शरीर में स्टिफनेस होने की आशंका कम हो जाती है और मसल्स को भी आराम और फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है। चलिए जानते हैं साइकिलिंग करने के बाद कौन से स्ट्रेचेज करना फायदेमंद होता है। 

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क्यों है साइकिलिंग के बाद स्ट्रेच करना जरूरी (Why Is it Important to do Stretching after Cycling)

लगातार साइकिलिंग करने के बाद शरीर में जकड़न बन सकती है। इसलिए शरीर में मोबिलिटी और स्ट्रेंथ बढ़ाने के साथ ही अकड़न दूर करने के लिए स्ट्रेचिंग की जानी काफी जरूरी होती है। स्ट्रेचिंग करने से हैमेस्ट्रिंग की मसल्स ठीक रहने के साथ ही दर्द आदि की समस्या में भी राहत मिलती है। 

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1. लोअर बैक रोटेशन (Lower Back Rotation)

लंबे समय तक साइकिलिंग करने के बाद अधिकांश लोगों में कमर दर्द की समस्या देखी जाती है। हालांकि साइकिलिंग करने से लोअर बैक पेन ठीक भी होता है। लेकिन कई बार लगातार साइकिल की सख्त सीट पर बैठने से लोअर बैक पेन हो सकता है। ऐसे में लोअर बैक में स्टिफनेस और दर्द से बचने के लिए आपको लोअर बैक रोटेशन का सहारा लेना चाहिए। इसे करने के लिए आप जमीन पर लेटें और दोनों घुटने मोड़ें। अब अपने दाएं घुटने को बाईं ओर ले जाएं और बाएं घुटने को दाईं ओर लाएं। इसे विपरीत दिशा में करने को ही लोअर बैक रोटेशन कहा जाता है। ऐसा 5 से 10 बार करें। इससे आपको साइकिलिंग के दौरान कोई समस्या नहीं होगी। 

2. नेक स्ट्रेच (Neck Strech)

नेक स्ट्रेच मुख्य रूप से गर्दन को स्वस्थ रखने के लिए किया जाता है। अगर आप रोजाना साइकिलिंग करते हैं तो यह स्ट्रेचिंग आपको खासतौर पर करनी चाहिए। लगातार साइकिलिंग करने के दौरान आपकी स्पाइन के साथ ही गर्दन भी झुकी हुई रहती है। इसे नजरअंदाज करने पर गर्दन में दर्द और अकड़न होने के साथ ही गर्दन मोड़ने में भी समस्या हो सकती है। नेक स्ट्रेचिंग करने के लिए साइकिलिंग करने के बाद गर्दन को कंधों के दोनों ओर मोडें और कुछ सेकेंड के लिए रोककर रखें। साथ ही गर्दन को अपनी चिन तक लाने का भी अभ्यास करें। इससे गर्दन टाइट नहीं होगी और स्टिफनेस बनने की भी आशंका कम होगी। 

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3. अधो मुख सवासन (Adho Mukha Savasana) 

अधो मुख सवासन को डाउनवार्ड डॉग फेसिंग स्ट्रेच के नाम से भी जाना जाता है। यह साइकिलिंग करने के बाद मांसपेशियों मे होने वाले दर्द और जकड़न से छुटकारा दिलाने के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह आपकी एब्डॉमिनल मसल्स में स्ट्रेंथ लाता है। साथ ही स्पाइन में ब्लड फ्लो को बेहतर कर साइकिलिंग के बाद होने वाले कमर दर्द और जकड़न की समस्या को दूर करता है। इसे आप कहीं भी आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथों और पैरों पर दबाव बनाते हुए अपने पेट और हिप्स को उपर की ओर उठाएं और नीचे की ओर आएं। ऐसा कई बार करें। इससे आपकी मसल्स को आराम मिलेगा। 

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4. क्वैड स्ट्रेच (Quad Strech)

क्वैड स्ट्रेस मांसपेशियों से अकड़न कम करने के लिए एक बहुत ही अच्छी स्ट्रेच है। लगातार साइकिलिंग करने से आपके घुटनों में दर्द होने के साथ ही मोबिलिटी भी कम हो जाती है। वहीं क्वैड स्ट्रेच शरीर की मोबिलिटी बढ़ाने के साथ ही घुटनों के दर्द को कम उन्हें मजबूत बनाता है। यह आपकी हैमिस्ट्रिंग की मसल्स में स्ट्रेंथ लाने में भी सहायक होती है। इसे करने के लिए आप जमीन पर बैठें और अपना एक पैर आगे की ओर लाएं और शरीर को आगे की ओर झुकाते हुए उपर ले जाएं। अब दूसरे पैर के साथ भी यह अभ्यास करें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।  

साइकिलिंग करने के बाद स्ट्रेच करना काफी जरूरी होता है। इस लेख में दी गई स्ट्रेचिंग्स को आप कर सकते हैं। 

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