
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान बढ़ने वाला वजन आपके लिए फायदेमंद है, नुकसानदेह नहीं। लंबे समय तक फिट रहने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बहुत जरूरी है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक भारी एक्सरसाइज है जिसकी शुरुआत करने से पहले वेट लिफ्टिंग के कुछ नियम जान लेना बहुत जरूरी होता है, जिससे इसका कोई दुष्परिणाम न हो। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग एक्सरसाडज के पहले पूरी तैयारी जरूरी है, कम से कम शुरुआती दौर में हफ्ते में एक से तीन दिन मांसपेशियों की एक्सरसाइज जरूर करें। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में सबसे आसान विकल्प वेट मशीन से एक्सरसाइज और डंबल करना होता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की मदद से पेट सहित पूरे शरीर के फैट को कम कर मसल्स को मजबूत बनाया जा सकता है। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग न केवल वजन घटाने में मदद करता है, बल्कि इसका इस्तेमाल वजन बढ़ाने के लिए भी कर सकते हैं। हालांकि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान बढ़ने वाला वजन आपके लिए फायदेमंद है, नुकसानदेह नहीं। लंबे समय तक फिट रहने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बहुत जरूरी है।
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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से कैसे बढ़ता है वजन
मांसपेशियों के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने के दौरान मसल्स फाइबर में छोटे टीयर्स बनते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान मांसपेशियों में अतिरिक्त कोशिकायें जुड़ती हैं जो भविष्य में फायदेमंद साबित होती हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान समुचित आराम और पोषण आपकी मांसपेशियों के निर्माण में मदद करती है जिससे इसकी क्षमता में बढ़ावा होता है। मांसपेशियों का वजन लोगों में यह भ्रम होता है कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान मांसपेशियों का वजन बढ़ना शरीर में अतिरिक्त चर्बी के बढ़ने के बराबर होता है। जबकि यह सच नही है, इसके विपरीत यदि मांसपेशियों का एक पाउंड वसा के एक पाउंड से कम जगह लेता है। इस दौरान आपके शरीर का आकार और वजन दोनों बढ़ेगा।
कैसे करें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
शुरूआत में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग ट्रेनर की देखरेख में ही करना चाहिए। क्योंकि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने में जहां फ़ायदा है वही खतरा भी है। क्यों कि इससे आपकी मसल्स खिंच सकती हैं और चोट भी लग सकती है। अगर चोट से बचना है तो आप पहले ठीक तरह से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना सीखे। इसमें सभी मसल्स ग्रुप की अपनी अहमियत है, लेकिन अधेड़ लोगों को कूल्हे और पैरों की मांसपेशियों की मजबूती पर ज्यादा मेहनत करनी चाहिए। उन लोगों के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है, जिनके घुटनों में अर्थराइटिस है।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में क्या-क्या होता है
इसके लिए सबसे ज्यादा आसान विकल्प वेट मशीन से एक्सरसाइज और डंबल उठाने होते हैं। मशीन से आपको सही मूवमेंट सीखने को मिलती है। आपको सही मूवमेंट सीखने को मिलती है। मशीन को आप अपने कद के हिसाब से ही एडजस्ट करें। अगर मशीन को ठीक से एडजस्ट न किया गया हो तो आप गलत मूवमेंट में कसरत करेंगे, इससे चोट लगने की संभावनाएं बढ़ेंगी। अगर आप बहुत ज्यादा वजन उठाते हैं तो आपकी कमर पर बुरा असर पड़ सकता है। शरीर के सभी हिस्से के लिए अलग-अलग स्ट्रेंथ ट्रेनिंग होती है।
चेस्ट के लिए बेंच प्रेस, चेस्ट प्रेस मशीन, पुश अप्स, पेक डेक मशीन आदि। बैक के लिए सीटेड रो मशीन, बैक एक्सटेंनशन, पुलडाउन। बाइसेप्स के लिए बाइसेप्स कर्ल, हैमर्ल, कनसेन्ट्रेशन कर्ल। ट्राइसेप्स के लिए ट्राइसेप्स एक्सटेंशन, डिप्स, किकबैक्स। पेट के लिए क्रंच, रीवर्स क्रंच, ऑब्लिक ट्विस्ट, पेल्विक टिल्ट आदि होते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के दौरान अपने बढ़ते वजन से घबराइए मत बल्कि अपनी फिटनेस को देखिए। इसके जरिए आप लंबे समय तक फिट रह सकते हैं।
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