आयरन की कमी से (iron deficiency) शरीर में खून की कमी हो जाती है। पर ये सिर्फ आयरन की कमी का एक लक्षण नहीं है बल्कि, आयरन की कमी के शरीर में कई अन्य लक्षण भी होते हैं। दरअसल, आयरन की कमी के कई स्टेज हैं (stages of iron deficiency) और हर स्टेज में शरीर में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं। हालांकि इनमें शुरुआती स्टेज के लक्षणों को पहचानना थोड़ा मुश्किल होता है और ये लक्षण आखिरी स्टेज तक आते-आते पूरी तरह से उभर आते हैं। आयरन की कमी के इन्हीं विभिन्न स्टेज के बारे में बात करने के लिए हमने डॉ. पीयूष जैन (Dr. Peeyush Jain), निदेशक नॉन-इनवेसिव कार्डियोलॉजी, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट, ओखला रोड, नई दिल्ली से बात की। जिन्होंने हमें आयरन की कमी के कुछ छिपे हुए संकेतों से भी अवगत करवाया।
आयरन की कमी के अलग-अलग स्टेज-Stages of iron deficiency
आयरन की कमी (iron deficiency) को लेकर डॉ. पीयूष जैन (Dr. Peeyush Jain) कहते हैं कि आमतौर आयरन की कमी की गंभीरता के आधार पर अलग-अलग डिग्री के एनीमिया के रूप में प्रकट होती है। जैसे कि
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स्टेज 1. फेरिटिन की कमी (Storage Depletion)
आपने कई बार फेरिटिन टेस्ट के बारे में सुना होगा। दरअसल, इस टेस्ट के जरिए हम पता लगाते हैं कि हमारे शरीर में आयरन कितना है और इसी टेस्ट से हम एनीमिया का पता लगाते हैं। दरअसल, फेरिटिन एक रक्त प्रोटीन (Blood Protein) है जिसमें आयरन होता है। जब शरीर में फेरिटिन की कमी होने लगती है तो, माना जाने लगता है कि शरीर में आयरन की कमी हो रही है। ये आयरन की कमी का शुरुआती संकेत है। ये एक तरह से लोहे का भंडारण के रूप में है और लो फेरिटिन लेवल इस बात का पहला संकेत है कि शरीर के लोहे के स्टोरेज में कमी आ रही है। इसके विभिन्न लक्षणों को आप महसूस कर सकते हैं। हालांकि, इस चरण के भीतर, कमी की अलग-अलग डिग्री हो सकती है। आमतौर पर, एथलेटिक प्रदर्शन में कमी तब स्पष्ट नहीं होती है जब लिवर में लोहे के भंडार कम होते हैं, लेकिन यह तब हो सकता है जब हड्डियों की मांसपेशी या अन्य ऊतकों में लोहे के भंडार समाप्त हो जाते हैं। ऐसे में अगर आपको संदेह है कि आपमें आयरन की कमी हो गई है, तो अपने डॉक्टर को दिखाएं आपके सीरम ट्रांसफ़रिन रिसेप्टर्स के साथ-साथ सीरम फ़ेरिटिन की सांद्रता को भी चेक किया जाएगा। हालांकि, ध्यान रखें कि सीरम फेरिटिन अक्सर एथलीटों में ज्यादा होता है और एथलीटों में शरीर में इसकी कमी अच्छा नहीं है।
स्टेज 2. आयरन की हल्की कमी (Mild Deficiency)
आयरन की कमी के दूसरे चरण के दौरान, आयरन के मूवमेंट में कमी आ जाती है। इसे ट्रांसफरिन के रूप में जाना जाता है, जो कम हो जाता है। दरअसल, ट्रांसफरिन एक प्रोटीन है जो खून में आयरन को अपने अंदर रखता है। यह अक्सर रेड ब्लड सेल्स (RBCs) में कमी के साथ होता है, भले ही हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य रहता है। यह चरण तब होता है जब आयरन की आपूर्ति रेड ब्लड सेल्स के निर्माण का समर्थन करने के लिए अपर्याप्त होती है। जिंक प्रोटोपोर्फिरिन (ZPP) नामक ब्लडमार्कर का उच्च स्तर इस चरण का संकेत दे सकता है। दरअसल, जब आयरन आसानी से उपलब्ध नहीं होता है, तो इसके स्थान पर जिंक का उपयोग किया जाता है, जिससे ZPP का उत्पादन होता है। आयरन की कमी के इस स्टेज में इलाज के लिए, आपका चिकित्सक आपके ट्रांसफरिन टेस्ट करवा सकता है। यह टेस्ट में अगर प्रोटीन के 15 प्रतिशत से कम में आयरन होता है। तो ये आयरन की कमी को इंगित करता है।
स्टेज 3. एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)
स्टेज 3 में ज्यादातर लोगों में एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) का पता चल जाता है। इस दौरान हीमोग्लोबिन अंतिम चरण में गिरना शुरू हो जाता है, जिसे अन्य रक्त कार्य के आधार पर औपचारिक रूप से परिभाषित किया जा सकता है। इस स्तर पर आपकी लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या कम होती है, छोटी होती है और उनमें कम हीमोग्लोबिन होता है। इस अंतिम चरण में, हीमोग्लोबिन का कंस्ट्रेशन प्रभावित होने लगती है और सामान्य सीमा से नीचे चली जाती है। ये आमतौर पर महिलाओं के लिए 12 से 15 ग्राम प्रति डेसीलीटर और पुरुषों के लिए 14 से 16.5 ग्राम प्रति डेसीलीटर होती है। हालांकि, अधिक ऊंचाई पर रहने वाले एथलीटों के लिए सामान्य सीमा थोड़ी अधिक होगी। इसी दौरान आपको आयरन की कमी के कई छिपे हुए संकेत नजर आ सकते हैं।
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आयरन की कमी के 7 छिपे हुए संकेत-Iron deficiency symptoms in hindi
1. जीभ का पीला पड़ जाना
एनीमिया होने पर अक्सर लोग आंखों का पीला या चेहरे के पीलेपन की बात करते हैं पर कोई जीभ के पीलेपन की बात नहीं करता। इसे लेकर डॉ. पीयूष जैन कहते हैं कि एनीमिया के एक संकेत के रूप में अक्सर लोग त्वचा के पीलापन पर ज्यादा जोर देते हैं। पर गहरे रंग के लोगों में, पीलापन की पहचान करना मुश्किल हो सकता है। तो एनीमिया का एक अधिक विशिष्ट संकेत पीली जीभ और इससे भी अधिक विशेष रूप से पीली आंखें। इस तरह आप गोरे लोगों में भी आयरन की कमी की पहचना कर सकते हैं।
Inside image credit: Medimetry
2. खराब नाखून
पीलापन एनीमिया का संकेत है लेकिन आयरन की कमी के लिए विशिष्ट संकेत नहीं है। आयरन की कमी का एक अधिक विश्वसनीय संकेत सपाट या फिर खराब- भंगुर नाखून है। भंगुर नाखून (koilonychia) काफी विश्वसनीय संकेत हैं।
3. छोटी और पीली ब्लड सेल्स
आयरन की कमी को खून में माइक्रोसाइटिक हाइपोक्रोमिक (छोटी और पीली) लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) की उपस्थिति के जरिए समझा जा सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में आरबीसी (RBC) नॉर्मोसाइटिक नॉरमोक्रोमिक सामान्य दिखने वाले हो सकते हैं। दूसरी ओर, माइक्रोसाइटिक हाइपोक्रोमिक आरबीसी एनीमिया के अन्य रूपों जैसे बीटा थैलेसीमिया में मौजूद हो सकता है, जो एक विरासत में मिला गुण है।
4. सिरदर्द और चक्कर आना
सिरदर्द और चक्कर आना आयरन की कमी का छिपा हुआ संकेत हो सकता है। हीमोग्लोबिन की कमी का मतलब यह हो सकता है कि पर्याप्त ऑक्सीजन मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाती है, जिससे संभवतः इसकी रक्त वाहिकाओं में सूजन आ जाती है और दबाव बन जाता है। इसलिए यूं ही अगर आपको सिरदर्द और चक्कर आ रहे हो तो डॉक्टर को दिखाएं।
5. सांस लेने में तकलीफ
सांस लेने में तकलीफ आयरन की कमी का एक लक्षण है। ऐसा इसलिए कि कम हीमोग्लोबिन के स्तर का मतलब है कि शरीर ऑक्सीजन को मांसपेशियों और ऊतकों तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने में सक्षम नहीं है।
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6. आराम करते समय पैरों का हिलाना
आयरन की कमी से होने वाले लोगों में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (restless leg syndrome) होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे लोग आपको आराम करते समय भी पैरों को हिलाने हुए नजर आ जाएंगे।
7. डिप्रेस्ड महसूस करना
आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया वयस्कों में अवसाद से जुड़ा हो सकता है। ऐसे लोग हमेशा दुखी रहते हैं और डिप्रेशन के लक्षणों को महसूस करते हैं। इसलिए आयरन की कमी वाली गर्भवती महिलाओं में अवसाद विकसित होने की संभावना भी अधिक होती है।
ऐसे में तुरंत अपने डॉक्टर के पास जाएं और फेरिटिन टेस्ट करवाएं। और अगर आपको पता चलता है कि आपको आयरन की कमी के ऐसे मामलों का इलाज के लिए आपको आयरन सप्लीमेंट्स दिए जा सकते हैं। साथ ही आपको आयरन से भरपूर डाइट लेनी चाहिए।
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