पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचाव में मदद करते हैं ये 5 फूड्स, डायटीशियन स्वाति बाथवाल से जानें इनके फायदे

पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या ज्यादातर महिलाओं में प्रसव के बाद शुरू होती है, इससे बचने के लिए न्यूट्रिशनिस्ट स्वाति बाथवाल से जानें जरूरी टिप्स।
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पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचाव में मदद करते हैं ये 5 फूड्स, डायटीशियन स्वाति बाथवाल से जानें इनके फायदे

'पोस्टपार्टम डिप्रेशन' एक ऐसी समस्या है जो 'मंडे ब्लूज' की तरह बच्चों के जन्म के कुछ महीने में शुरू हो सकती है। बच्चे को जन्म देने के बाद उत्तेजना, खुशी, भय और चिंता जैसी कई तरह की भावनाएं ट्रिगर हो सकती हैं। ये बदलाव हर किसी के जीवन में हो सकते हैं विशेषकर जो मां प्रसव के बाद शारीरिक, मानसिक और सामाजिक चुनौतियों से गुजरती हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) के ये लक्षण प्रसव के ठीक बाद या शुरुआत के कुछ महीनों तक हो सकते हैं। लेकिन यह याद रखना जरूरी है कि ये अनुभव सामान्य हैं और आसानी से इनसे छुटकारा भी पाया जा सकता है। कुछ महिलाओं में प्रसव के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जुड़े गंभीर लक्षण देखे जाते हैं तो वहीं कुछ महिलाओं में कुछ कम समय के लिए ये लक्षण दिखते हैं। इस लेख में आइये न्यूट्रिशनिस्ट स्वाति बाथवाल (Swati Bathwal) से कुछ साक्ष्य आधारित शोध के बारे में जानते हैं जो महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन जैसी समस्या से बचाव में बेहद फायदेमंद साबित हुए हैं। 

5 फूड्स जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचाव में हैं फायदेमंद (5 Foods to Overcome Postpartum Depression)

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1. एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidents)

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एंटीऑक्सीडेंट एक ऐसे अस्थिर अनु के रूप में जाने जाते हैं जो डिप्रेशन को बढ़ाने वाले टिश्यू को नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मुक्त कण या ऑक्सीडेंट मस्तिष्क में इमोशनल सेंटर पर प्रभाव डालते हैं इसलिए हमें एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पदार्थो का सेवन करना चाहिए। प्राकृतिक रंग जैसे पीले, नारंगी और लाल दिखने वाले खाद्य पदार्थ जैसे शकरकंद, हरी पत्तेदार सब्जियां, लाल, पीली और हरी शिमला मिर्च एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती हैं। उदाहरण के लिए लाल रंग में लाइकोपीन और कैरोटेनॉयड्स होते हैं जो मस्तिष्क के कामकाज में मदद करते हैं। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर टमाटर और सुपर ग्रीन्स सहित सब्जियां पिगमेंट से भरी होती हैं जो दिमाग और शरीर के लिए अच्छी मानी जाती हैं। हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, ऐमारैंथ के पत्ते, फूलगोभी का साग डिप्रेशन के लक्षणों को कम करने में फायदेमंद होते हैं। पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या से बचने के लिए आप पालक सूप, ब्रोकोली सूप या सलाद, पालक पिलाफ, पालक कोफ्ता, व्हीटग्रास शॉट आदि का सेवन कर सकते हैं। सेब, जामुन, अंगूर, प्याज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन स्तनपान के दौरान भी किया जा सकता है।  प्रसव के बाद मां को फोलेट या फोलिक एसिड भी जरूर लेना चाहिए।

2. किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermented Foods)

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किण्वित खाद्य पदार्थ (Fermented Foods) आंत के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं, यह मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर को बढ़ावा देने के लिए भी फायदेमंद माने जाते हैं। गर्भावस्था के बाद माताओं को इडली, डोसा, किमची, सौकरकूट, ढोकला, खांडवी, दही, गुंड्रुक, अप्पम जैसे किण्वित खाद्य पदार्थ खाने चाहिए और कांजी पानी, छास, लस्सी जैसे किण्वित पेय का सेवन करना चाहिए। गौरतलब हो कि हमारा मस्तिष्क और आंत, मस्तिष्क-आंत अक्ष (Brain-Gut Axis) के माध्यम से जुड़े हुए हैं। आंत  में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया न्यूरोट्रांसमीटर के माध्यम से मस्तिष्क के साथ संचार करते हैं जो हमारे मूड को सही करने का काम करता है। किण्वित खाद्य पदार्थ विटामिन बी 12 से भरपूर होते हैं जो फोलेट के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करते हैं।

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3. हर्बल मिक्स (Herbal Mix)

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हर्बल मिक्स - मोनोअमाइन नामक न्यूरोट्रांसमीटर के महत्वपूर्ण वर्ग होते हैं जिनमें सेरोटोनिन और डोपामाइन शामिल हैं। इन एंजाइम को मोनोअमीन ऑक्सीडेज द्वारा नियंत्रित किया जाता है जो मोनोअमाइन को तोड़ता है। पोस्टपार्टम डिप्रेशन में इन एंजाइम का स्तर अधिक होता है, जिससे मोनोअमाइन (न्यूरोट्रांसमीटर) का विघटन भी अधिक होता है। कुछ एंटीडिप्रेसेंट का इस्तेमाल इन एंजाइम के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है लेकिन हॉलिस्टिक स्पेशलिस्ट लौंग, अजवायन, दालचीनी, केसर और जायफल जैसी जड़ी-बूटियों के माध्यम से उन्हें सुधारने पर काम करते हैं। इन जड़ी बूटियों को आहार में शामिल करना भी आसान है। उदाहरण के लिए, एक चुटकी जायफल को दूध में मिलाकर या सीलोन दालचीनी को सीधे चबाकर इस्तेमाल में लाया जा सकता है, इसके अलावा आप सलाद या भोजन पर कुछ अजवायन छिड़ककर खा सकते हैं जिससे सेरोटोनिन और डोपामाइन के स्तर को बढ़ाने में मदद मिलती है।

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4. बीज (Seeds)

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कुछ पौधों के खाद्य पदार्थों में हैप्पी हार्मोन सेरोटोनिन पाए जाते हैं। लेकिन सेरोटोनिन अकेले ब्लड-ब्रेन बैरियर से छुटकारा नहीं दिला सकता है। सेरोटोनिन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कर हम इसे सीधे मस्तिष्क तक नहीं पहुंचा सकते लेकिन ट्रिप्टोफैन जो सेरोटोनिन के बिल्डिंग ब्लॉक माने जाते हैं उनका सेवन कर हम मस्तिष्क तक इसे ब्लड के माध्यम से पहुंचा सकते हैं। ट्रिप्टोफैन प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की मदद से मस्तिष्क में पहुँचाया जाता है। यही कारण हो सकता है कि उदास महसूस करने के समय लोगों में शुगर की क्रेविंग होती है। सही मायने में, उच्च ट्रिप्टोफैन और प्रोटीन अनुपात वाले खाद्य पदार्थ आसानी से मस्तिष्क तक पहुंच सकते हैं। सूरजमुखी के बीज, तिल और कद्दू के बीज आदि का सेवन ऐसे में फायदेमंद होता है।

5. विटामिन डी (Vitamin D)

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विटामिन डी की कमी भी पोस्टपार्टम डिप्रेशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ज्यादातर घर में रहने और अपर्याप्त सूरज की रोशनी के संपर्क में रहने से शरीर में इसे विटामिन डी के सक्रिय रूप बदलने की क्षमता कम हो जाती है, जो डिप्रेशन का कारण बनता है। विटामिन डी से भरपूर कुछ खाद्य पदार्थ कॉड लिवर या मछली का तेल, समुद्री शैवाल, व्हीटग्रास (सीग्रीन वह जगह है जहां से मछलियों को विटामिन डी मिलता है) आदि का सेवन पोस्टपार्टम डिप्रेशन में फायदेमंद होता है। आदर्श रूप से मूड को ठीक करने के लिए एक दिन में 1000 आईयू विटामिन डी, या डीएचईए और ईपीए सहित 1000 मिलीग्राम मछली के तेल जैसे सप्लीमेंट का सेवन करना चाहिए।

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इसके अलावा नियमित रूप से व्यायाम मूड को ठीक करने और अवसाद के लक्षणों को कम करने का काम करता है। अध्ययनों के मुताबिक सप्ताह में चार बार सामान्य से मध्यम व्यायाम भी मूड में सुधार कर सकता है। वहीं कैफीन का सेवन डिप्रेशन के लक्षण को ट्रिगर कर सकता है, इसलिए इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए। यहां तक कि अनाज, च्युइंग गम, जैम और जेली, पेय, मिठाइयां जिनमें कृत्रिम मिठास होती है, लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं। मीट, अंडे और चिकन एराकिडोनिक एसिड छोड़ते हैं, जो एक प्रिनफ्लेमेटरी यौगिक है और न्यूरोइन्फ्लेमेशन का कारण बनता है। एस्पार्टेम से युक्त डाइट सॉफ्ट ड्रिंक्स, डाइट और शुगर फ्री फूड्स भी डिप्रेशन और अन्य मानसिक समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद माने जाते हैं। पोस्टपार्टम की समस्या से बचने के लिए व्यायाम करें, ध्यान लगाएं और अच्छी नींद जरूर लें। खुश रहने के लिए और मूड को सही रखने के लिए आपको बस एक कटोरी साग, कुछ मेवे और पर्याप्त धूप की आवश्यकता है।

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