भारत में कोरोना वायरस के चलते रोज-रोज स्थिति भयावह होती जा रही है। अगर ताजा आंकड़ो की बात करें, तो आज देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2 करोड़ के पार हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में 3.57 लाख लोग नए मामले सामने आए हैं और 3449 लोगों की मौत हुई है और इन्हें मिला कर मृतकों की कुल संख्या 2 लाख के पार हो चुकी है। पर इस बीच राहत की बात ये है कि भारत के कुछ राज्यों में अब संक्रमण का दर घटने लगा है और सरकार इस बीच टीकाकरण को तेज करने की कोशिश में लगी हुई है। भारत में पहले से दो वैक्सीन (corona vaccine in india), कोविशील्ड (covishield) और कोवैक्सिन (covaxin)है ही और अब तीसरी वैक्सीन, जो कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक V (Sputanik V Vaccine) है, इसके इस्तेमाल को भी मंजूरी दे दी गई है। स्पूतनिक V की पहली खेप भी भारत आ चुकी है और अब लोगों के अंदर इसके लेकर कई प्रश्न है और वो इसे वैक्सीन के बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। इसलिए स्पूतनिक V वैक्सीन से जुड़े सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमने पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट डॉ. गजेंद्र सिंह ( Dr. Gajendra Singh) से बात की।
क्या है स्पूतनिक V (Sputanik V Vaccine)?
स्पूतनिक V रूस के द्वारा बनाई गई वैक्सीन है, जो कि दुनिया का पहला पंजीकृत वैक्सीन है और ये अच्छी तरह से अध्ययन करने के बाद मानव एडेनोवायरल वेक्टर (adenoviral vector) के आधार पर बनाया गया है। ये गामाले नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी (Gamaleya National Research Institute of Epidemiology and Microbiology) द्वारा विकसित है और ये हर ट्रायल में सुरक्षित रहा है।
कैसे बना है स्पूतनिक V?
स्पूतनिक V दो वैक्टर से बना है, पहला एडेनोवायरस 26 (Ad26) और दूसरा एडेनोवायरस 26 (Ad26)। ये दोनों मिल कर कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन (SARS-CoV-2) के खिलाफ कारगर तरीके से काम करते हैं।स्पूतनिक V पहली और दूसरी खुराक के लिए टीके के दो अलग-अलग संस्करण का उपयोग करता है। इसके दो अलग-अलग न्यूट्रल वायरस को वेक्टर यानी रोगवाहक के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके पीछे तर्क यह है कि दो अलग-अलग वेक्टर के उपयोग से शरीर का इम्यून सिस्टम तब की तुलना में ज्यादा मजबूत होगा जब शरीर में एक ही वेक्टर दो बार जाएगा। इसके दो डोज 21 दिन के अंतर पर दिए जाते हैं।
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स्पूतनिक V की खास बात क्या है?
स्पूतनिक V की खास बात ये है कि ये कोरोनावायरस के खिलाफ दो-वेक्टर वाला वैक्सीन (two-vector vaccine against coronavirus)है। ये गम-कोविड-वैक (Gam-COVID-Vac) के रूप में भी जाना जाता है। इसके कई सारे खासियत है। जैसे
- -ये 2 से 8 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।
- - वैक्सीन का भंडारण और ढुलाई करना आसान है।
- -स्पूतनिक V एक के बजाय दो वायरस से बनाया गया है।
कितना प्रभावी है स्पूतनिक V
दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में से एक लैंसेट नेस्पूतनिक वी के नैदानिक परीक्षणों के तीसरे चरण के परिणामों को प्रकाशित किया है जो टीका की प्रभावकारिता साबित करता है। जर्नल में इसके सकारात्मक परिणामों की पुष्टि की है और विभिन्न उपसमूहों में वैक्सीन की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में अधिक डेटा प्रदान किया है। यह भी कहा गया है कि वैक्सीन COVID-19 के गंभीर मामलों से पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित करता है, जो फाइजर के 75% से अधिक है और ये रूसी टीका 97.6% प्रभावी है।
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राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम (National Immunization Programme) में एक वैक्सीन की शुरुआत से पहले, नियामक और सार्वजनिक स्वास्थ्य नीति अनुमोदन के लिए प्रभावकारिता, सुरक्षा, इम्यूनोजेनेसिटी और विनिर्माण के संबंध में जांच की आवश्यकता है। स्पूतनिक V इन तमाम मापदंडों पर खड़ा उतरता है। स्पूतनिक V को विश्व के 60 देशों में 1.5 बिलियन से अधिक लोगों में सुरक्षित पाया गया है। भारत में स्पूतनिक वी का रोलआउट जल्द ही शुरू हो सकता है और यह राष्ट्र की वैक्सीन रणनीति को कारगर बनाने में मदद करेगा।
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