अक्सर आपने देखा होगा कि खेलते वक्त या हाई हिल्स के कारण अक्सर पैर में मोच आ जाती है। यह काफी दर्दनाक स्थिति हो सकती है। इसके कारण व्यक्ति को पैरों में सूजन या गंभीर दर्द का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में लोग कुछ गलती के कारण अपने पांव की मौच को और बढ़ा देते हैं। ऐसा ही फ्रैक्चर के दौरान भी होता है जब व्यक्ति को फैक्चर होता है तो थोड़ी सी लापरवाही समस्या को और बढ़ा सकती है। आज का हमारा लेख मोच और फ्रैक्चर पर ही है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि मौच और फैक्चर में क्या अंतर है। साथ ही मोट और फैक्चर होने पर व्यक्ति को किन चीजों से बचना चाहिए। इसके बारे में भी जानेंगे। इसके लिए हमने जॉव्इंट केयर फिजियोथेरेपी एंड रेहाब सेंटर ग्रेटर नोएडा के डॉक्टर अंकुर नागर (Physiotherapist Dr. Ankur Naagar) से बात की है। पढ़ते हैं आगे...
मोच और फैक्चर में क्या है अंतर?
बता दें कि जब किसी व्यक्ति को मौच आती है तो उसके कारण व्यक्ति की मांसपेशियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। वही जब किसी व्यक्ति को फ्रैक्चर होता है तो इसका मतलब ये है कि उस व्यक्ति कि हड्डी टूट गई है। ऐसे में मोच और फैक्टर एक-दूसरे से बेहद अलग हैं।
मोच आने पर किन बातों का रखें ख्याल
1 - मोच आने पर व्यक्ति को भरपूर आराम करना चाहिए, जिससे प्रभावित हिस्से पर ज्यादा दबाव ना पड़े।
2 - जिस व्यक्ति को मोच आए तो ऐसे में वह प्रभावित स्थान के नीचे तकिये का इस्तेमाल करे, जिससे सूजन की समस्या कम हो। हालांकि तकिये के ज्यादा इस्तेमाल से भी समस्या बढ़ सकती है।
3 - मोच आने पर बर्फ की सिकाई भी एक अच्छा विकल्प है। लेकिन डायरेक्ट बर्फ का इस्तेमाल प्रभावित स्थान पर बचें।
4 - अगर आपको मोच आई है तो गलती से भी मसाज ना करें।
5 - मोच आने पर एक्सरसाइज करने से बचें।
6 - मोच आने पर शराब का सेवन ना करें।
7 - मोच आने पर गर्म सिखाई से सेक ना लें।
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मोच आने के लक्षण
जब व्यक्ति को मोच आती है तो निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं-
1 - त्वचा पर नील पड़ जाना।
2 - त्वचा पर सूजन महसूस करना।
3 - त्वचा को छूने पर दर्द महसूस करना।
4 - प्रभावित स्थान का गर्म होना।
5 - जकड़न महसूस करना
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फ्रैक्चर आने पर बरतने वाली सावधानी
1 - फ्रैक्चर आने पर व्यक्ति को अपनी हड्डी को नहीं हिलाना चाहिए।
2 - फ्रैक्चर वाले स्थान पर यदि खून निकल रहा है तो साफ कपड़े से साफ करें।
3 - फ्रैक्टर वाले स्थान पर कोई वाम ना लगाएं।
4 - अगर फ्रैक्चर की समस्या है तो प्रभावित स्थान को किसी कठोर चीज से बांध लें।
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फ्रैक्चर के लक्षण
जब व्यक्ति को फ्रैक्चर होता है तो निम्न लक्षण नजर आ सकते हैं। यह लक्षण इस प्रकार हैं-
2 - तेज दर्द महसूस करना।
3 - सूजन महसूस करना।
4 - चलने के दौरान दर्द महसूस करना।
5 - प्रभावित स्थान पर दबाव महसूस करना।
6 - प्रभावित स्थान का गर्म होना
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि मोच या फैक्चर होने पर व्यक्ति को कई लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में ये पता होना चाहिए कि दोनों में क्या अंतर है। इससे अलग मोच और फ्रैक्चर की समस्या होने पर व्यक्ति को किन चीजों से दूर रहना चाहिए और किन चीजों को अपनी दिनचर्या में जोड़ना चाहिए इसके बारे में भी पता होना जरूरी है।
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