जल्द ही आपका स्मार्टफोन आपकी नींद से जुड़ी समस्याओं की पहचान करेगा। इजरायली रिसर्चर्स ने स्मार्टफोन आधारित एक प्रणाली ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (ओएसए) विकसित की है। इससे मरीज के सोने और जागने की गतिविधि का विश्लेषण किया जा सकता है।
वर्तमान में मरीजों की नींद संबंधी समस्या का निदान पॉलीसोम्नोग्राफी (पीएसजी) के जरिए पूरी रात दिमाग की तरंगों, खून में ऑक्सीजन के स्तर, दिल की धडक़न, श्वसन और आंख और पांव की गतिविधि को रिकॉर्ड कर किया जाता है। नई प्रणाली में संपर्क सेंसर के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होती है। इसे स्मार्टफोन या दूसरे उपकरण में लगाया जा सकता है और इसमें एनवायरमेंट माइक्रोफोन लगा रहता है।
नेगेव के बेन-गुरियन यूनिवर्सिटी (बीजीयू) की टीम का कहना है कि यह यूजर्स के जगे होने पर बातों और पूरी रात के श्वसन की प्रक्रिया दोनों को रिकॉर्ड और उनके मूल्यांकन का कार्य करता है। यह नई टेक्नोलॉजी के पीएसजी की तुलना में कम खर्चीली व सरल है। बीयूजी के बायोमेडिकल सिग्नल प्रोसेसिंग रिसर्च लैब के प्रमुख डॉ. यानिव जिगेल ने कहा, 'हमने ओएसए और नींद से जुड़ी दिक्कतों के सहजता से निदान के लिए एक टेक्नोलॉजी विकसित की है।'
इसमें रिसर्चर्स ने 350 से ज्यादा विषयों पर बोली और सांस लेने में ध्वनि विश्लेषण प्रणालियों का परीक्षण किया है। इसमें प्रयोगशाला के पीएसजी और घर में रिकॉर्ड की गई गतिविधियों को शामिल किया गया है। तरासिउक ने कहा, 'हम इस गैर संपर्क नींद ट्रैकिंग प्रणाली को लेकर उत्साहित हैं, जिसे मरीज की निगरानी के लिए उसे पहनाए जाने की जरूरत नहीं है। यह प्रयोग सीपीएपी (निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव) मशीन के यूजर्स के लिए महत्वपूर्ण है, इससे स्लीप एपनिया उपचार के प्रभाव को जांचने में मदद मिलेगी।'
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