What are the Causes of Urticaria: त्वचा संबंधित समस्याएं न सिर्फ निखार कम करती हैं, बल्कि कॉन्फिडेंट लेवल भी कम कर सकती हैं। त्वचा से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर पूरी तरह इलाज कराना बहुत जरूरी है। वरना परेशानी लगातार बढ़ सकती है। स्किन में कोई भी चेंज आने पर हम अक्सर ध्यान नहीं देते हैं और नॉर्मल या फूड एलर्जी समझकर नजरअंदाज कर देते हें। ऐसा ही कुछ मेरे साथ हुआ। करीब दो साल पहले 2023 में मेरी स्किन पर पित्ती आना शुरू हुई। पहले तो मैने इसे नॉर्मल एलर्जी समझकर नजरअंदाज कर दिया था, क्योंकि मुझे लगा कि यह एलर्जी मुझे धूप से हुई है। लेकिन जब पित्ती कुछ ही दिनों में बार-बार आने लगी, तो मैने डॉक्टर से संपर्क किया। इसके इलाज के दौरान मैने कई चीजें फॉलो की।
खानपान से लेकर स्किन केयर रूटीन तक हर चीज फॉलो की। फिर मेरे डर्मेटोलॉजिस्ट ने मुझसे कुछ टिप्स शेयर की, जिसे फॉलो करने के कुछ दिन के अंदर मुझे बहुत राहत मिली। त्वचा से जुड़ी समस्याओं को लेकर लोगों में जागरूकता और सही जानकारी पहुंचाने के लिए ओनलीमायहेल्थ ‘स्किन केयर डायरी’ सीरीज पर काम कर रहा है। आज इस सीरिज के लेख के माध्यम से मैं आपको बताउंगी मैने कैसे अर्टिकेरिया (urticaria) की समस्या से राहत पाई। साथ ही, इस दौरान किन चीजों का ध्यान रखा या क्या-क्या अवॉइड किया।
दो साल पहले शुरू हुई थी समस्या
मुझे अर्टिकेरिया की समस्या 2023 में हुई थी। जब मैं थ्रेडिंग करवाती थी, तो मेरी आइब्रो के उप्पर नन्हे दाने निकल आते थे। इन दानों में खुजली होती थी और त्वचा लाल हो जाती थी। कभी-कभी काम करने के दौरान या सोते वक्त भी मुझे शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर पित्ती हो जाती थी। कुछ ही देर में समस्या ठीक हो जाती थी, तो मैने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। लेकिन धीरे-धीरे परेशानी बढ़ने लगी और मैं बहुत ज्यादा परेशान हो जाती थी।
टॉप स्टोरीज़
डॉक्टर से किया कंसल्ट
परेशानी बढ़ने पर मैने डॉक्टर से कंसल्ट किया, तो मुझे अर्टिकेरिया (How long does urticaria last) यानी पित्ती के बारे में पता चला। इसके बाद मेरा इलाज शुरू हुई। इलाज के दौरान डॉक्टर ने कई हेल्थ चेकअप्स भी करवाएं। लेकिन ब्लड टेस्ट में मेरे अर्टिकेरिया का कारण नहीं पता चल रहा था। फिर एक्सपर्ट ने मेरी पुरानी हेल्थ रिपोर्ट की जानकारी ली। इससे पता चला कि मुझे हार्मोनल इशु रहने के कारण यह समस्या हुई है। मैं पीसीओडी के लिए दवा तो पहले से ले ही रही थी, लेकिन अब पित्ती के लिए दवा खाना भी शुरू किया।
इसे भी पढ़ें- बार-बार होती है पित्ती की समस्या? आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से जानें कैसे करें कंट्रोल
डाइट और लाइफस्टाइल में अपनाए बदलाव
लगातार 2 से 3 महीने तक दवा खाने के बाद भी मुझे ज्यादा राहत नहीं मिली थी। मुझे बार-बार पित्ती हो जाती थी। फिर मेरी डर्मेटोलॉजिस्ट ने मुझे डाइट और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने के लिए कहा। मेरी एक्सपर्ट ने मुझे कहा कि कोई भी दवा तब तक पूरी तरह असर नहीं करती है, जब तक हमारी डाइट और लाइफस्टाइल हेल्दी न हो।
डर्मेटोलॉजिस्ट की सलाह पर मैनें इन टिप्स को फॉलो करना शुरू किया
- एक्सपर्ट ने मुझे कहा कि दिन में पित्ती कितनी बार हो रही है, इसे नोटिस करना जरूरी है। मैने ऐसा ही किया। इससे मुझे पता चला डाइट और दवा मेरे शरीर पर कितना असर दिखा रही है और कितना नहीं।
- मसालेदार खाना और तला-भूना खाना बहुत कम कर दिया। क्योंकि तीखा खाने से भी अर्टिकेरिया ट्रिगर हो सकता है।
- गर्मी बढ़ने पर भी पित्ती उभर आती थी। इसलिए गर्मी और गर्म जगह जानाअवॉइड किया। गर्मी के पूरे सीजन में ठंडे तापमान वाले कमरे में रही।
- टाइट कपड़े पहनने अवॉइड करें क्योंकि मुझे प्रेशर अर्टिकेरिया था। इसलिए अगर मैं टाइट कपड़े पहनती थी तो मुझे पित्ती निकल आती थी।
- स्ट्रेस के कारण भी अर्टिकेरिया ट्रिगर हो सकता है। इसलिए स्ट्रेस कंट्रोल करने पर काम किया। इसके लिए मैं मेडिटेशन करती थी और माइंड को रिलैक्स्ड रखती थी।
- पित्ती होने पर त्वचा में बहुत ज्यादा खुजली होती थी। पित्ती मुझे आधे घंटे तक रहती थी। ऐसे में मेरी डॉक्टर ने मुझे ठंडी सिकाई यानी बर्फ की सिकाई करने की सलाह दी। इसके अलावा, पित्ती की रेडनेस कम करने के लिए मैं एलोवेरा जेल लगाती थी।
इसे भी पढ़ें- गर्मियों में क्यों बढ़ जाती है पित्ती (urticaria) की समस्या, जानें इसके जोखिम कारक
निष्कर्ष
अर्टिकेरिया की समस्या कई कारणों से हो सकती है। यह समस्या खानपान में गलती, शरीर में गर्मी बढ़ने, वातावरण में तापमान बढ़ने या हार्मोन इंबैलेंस के कारण हो सकती है। इसे कंट्रोल रखने के लिए दवा करने के साथ सही डाइट फॉलो करना बहुत जरूरी है। ओनलीमायहेल्थ की इस सीरीज में हम असर जिंदगी से जुड़ी ऐसी ही कहानियां आपसे शेयर करते हैं। जिससे आपको त्वचा संबंधित समस्याओं के बारे में सही जानकारी मिल पाए। अर्टिकेरिया के परमानेंट इलाज के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। इस सीरीज के अन्य लेख आप ओनलीमायहेल्थ की वेबसाइट पर पढ़ सकते हैं।
FAQ
पित्ती को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?
पित्ती से जल्द छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर से दवा करना ही एकमात्र सही तरीका। क्योंकि बिना चेकअप के इसके ट्रिगर को पहचानना मुश्किल होता है। साथ ही, दवा के जरिए इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है।किस विटामिन की कमी से पित्ती हो सकती है?
डॉक्टर के मुताबिक शरीर में कई मिनरल की कमी से पित्ती हो सकती है। लेकिन विटामिन सी लेवल कम होना इस समस्या के मुख्य कारणों में माना जाता है। इसका पता केवल ब्लड टेस्ट के जरिए लगाया जा सकता है।पित्ती होने का मुख्य कारण क्या है?
पित्ती होने के कई कारण होते हैं। डॉक्टर के मुताबिक चेकअप और ब्लड टेस्ट के जरिए ही इसके ट्रिगर को समझा जा सकता है। यह समस्या खानपान में गलती, शरीर में गर्मी बढ़ने, वातावरण में तापमान बढ़ने या हार्मोन इंबैलेंस के कारण हो सकती है। ज्यादा मसाले खाने या शरीर में पोषक तत्वों की कमी भी इसका खतरा बढ़ा सकती है।