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साइनस (साइनोसाइटिस) की बीमारी से जुड़े 6 मिथक और उनकी सच्चाई जानें डॉक्टर से

साइनस की समस्या नाक में मौजूद साइनस थैली में ब्लॉकेज की वजह से हो सकती है, जानें इस समस्या से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।
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साइनस (साइनोसाइटिस) की बीमारी से जुड़े 6 मिथक और उनकी सच्चाई जानें डॉक्टर से

मौसम में होने वाले बदलाव और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने पर अक्सर लोग सर्दी, जुकाम जैसी समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। इसकी वजह से कई बार मरीजों को कुछ गंभीर लक्षणों से भी गुजरना पड़ता है लेकिन बार-बार सर्दी-जुकाम के साथ बुखार और सिर दर्द, नाक बंद होने या सांस लेने में तकलीफ होने जैसी समस्याएं होने पर इन्हें साइनस (Sinus) का संकेत माना जाता है। साइनस या साइनोसाइटिस एक तरह की समस्या है जिसकी वजह से लोगों में सांस लेने की समस्या और जुकाम आदि हो सकता है। नाक हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण सेन्स ऑर्गन है और सांस लेने की प्रक्रिया के लिए नाक सबसे जरूरी माना जाता है। नाक के अंदर ही चारों तरफ फैली हुई हवा की थैली को साइनस कहा जाता है। इसी थैली से गुजरकर हवा सांस के रूप में आपके फेफड़ों तक जाती है। साइनस का काम शरीर में प्रदूषित हवा को जाने से रोकना और बलगम आदि को निकालना होता है। इस थैली में जब कोई ब्लॉकेज हो जाता है या इसमें समस्या होती है तो इस स्थिति को साइनस या साइनोसाइटिस कहा जाता है। इसमें आपकी थैली में सूजन भी आ जाती है। 

साइनस की समस्या में माथे में दर्द, खांसी, जुकाम और एलर्जी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस समस्या के बारे आपके सिर में लगातार दर्द भी बना रह सकता है। जब साइनस की स्थिति बढ़ जाती है तो इसके लक्षण भी गंभीर होने लगते हैं। साइनस की समस्या के बारे में लोगों में जानकारी की कमी से समय से इसका इलाज नहीं हो पाता है जिसके चलते मरीज को कई परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। इस समस्या से जुड़े कई मिथक लोगों को भ्रम में रखने का काम करते हैं। लखनऊ स्थित सहारा हॉस्पिटल के डॉ सुमीत निगम के मुताबिक साइनस नाक में मौजूद एक ऊतक है जो सामान्य परिस्थितियों में हवा को प्रवाहित होने में मदद करता है। साइनस की सामान्य समस्याएं ज्यादातर पुराने दर्द, नाक के मार्ग में रुकावट और कुछ संक्रमण के कारण होती हैं। आइये जानते हैं साइनस की समस्या से जुड़े कुछ मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।

Myths-Facts-About-Sinus

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साइनस से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई (Sinus Myths And Facts)

किसी भी बीमारी के बारे में उचित जानकारी होने से आप उस समस्या से बचाव के कदम सही ढंग से उठा सकते हैं। साइनस की समस्या के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी का पता नहीं है या उन्हें इसके बारे में भ्रामक बातें पता हैं। जिसके कारण साइनस के लक्षण दिखने पर वे इसे नजरअंदाज करते हैं और समय रहते इससे बचाव के लिए कोई कदम नहीं उठाते हैं। साइनस की समस्या से जुड़े कुछ मिथक और उनकी सच्चाई इस प्रकार से है।

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1. साइनस एक संक्रामक समस्या है (Sinus Is Contagious)

साइनस एक तरह का इन्फेक्शन है जिसकी वजह से बहुत से लोगों में यह धारणा है कि यह एक संक्रमण से होने वाली बीमारी है। साइनस के बारे में ज्यादातर लोगों में यह धारणा है कि यह आसपास के लोगों में साइनस होने से उनमें भी फैल सकता है। दरअसल यह बीमारी वायरल इन्फेक्शन जैसे सर्दी-जुकाम आदि की वजह से हो सकती है या इसकी वजह से आपको सर्दी-जुकाम के लक्षण दिखाई दे सकते हैं लेकिन यह बीमारी संक्रामक नहीं मानी जाती है।

2. साइनस की बीमारी में सर्जरी ही इलाज है (Surgery Is The Only Treatment For Sinus)

साइनस की बीमारी से काफी समय से पीड़ित व्यक्तियों में सर्जरी की आवश्यकता पड़ सकती है लेकिन यह साइनस की समस्या का एकमात्र इलाज नहीं है। सर्जरी के अलावा नाक से लिए जाने वाले स्प्रे, एलर्जी शॉट्स, एक्यूपंक्चर आदि से भी साइनस का इलाज किया जाता है। क्रोनिक साइनस की समस्या में सर्जरी अंतिम विकल्प हो सकता है।

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3. साइनस की समस्या में नेजल स्प्रे से राहत मिल सकती है (Sinus Congestion Can Be Relieved With Nasal Spray)

साइनस संक्रमण में नेजल स्प्रे उपयोगी होते हैं लेकिन इनके इस्तेमाल से आपको स्थायी समाधान नहीं मिलता है। इसके इस्तेमाल से आप नाक में होने वाली रुकावट को थोड़ी देर के लिए दूर कर सकते हैं लेकिन कुछ समय बाद आपको दोबारा कंजेशन हो सकता है। नाक में रुकावट से कुछ देर के लिए छुटकारा दिलाने में नेजल स्प्रे फायदेमंद माना जाता है। लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल करना भी नुकसानदायक होता है। बार-बार इसका इस्तेमाल करने से आपको दर्द और संक्रमण दोनों बढ़ सकते हैं। इसलिए हमेशा इनका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

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4. साइनस की समस्या मौसम में बदलाव में ही होती है (Sinus Increases In Spring Season)

ऐसा बिलकुल नहीं है कि सिर्फ वसंत ऋतु में या मौसम के बदलने पर ही साइनस की समस्या होती है। हालांकि इसकी वजह से लोगों में साइनस की समस्या हो सकती है। साइनस की समस्या किसी भी मौसम में हो सकती है और इसके लिए कई कारण जिम्मेदार माने जाते हैं। सर्दी या वसंत के मौसम में लोगों में साइनस की समस्या ज्यादा हो सकती है। इस दौरान संवेदनशीलता बढ़ने के कारण साइनस के मरीजों में लक्षण गंभीर हो जाते हैं।

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5. साइनस के मरीजों को हमेशा एंटीबायोटिक लेनी पड़ती है (Sinus Patients Always Need To Take Antibiotics)

साइनस संक्रमण में एंटीबायोटिक्स की आवश्यकता केवल तभी होती है जब संक्रमण कई दिनों तक रहता है या दर्द नियंत्रित नहीं होता है। इस समस्या में डॉक्टर एंटीबायोटिक का सेवन करने की सलाह तभी देते हैं जब जीवाणु संक्रमण या एलर्जी बढ़ जाती है। एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से आपको बाहरी समस्याएं नहीं होती हैं या नियंत्रित होती हैं लेकिन इसके सेवन साइनस को ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए हमेशा खुद से एंटीबायोटिक का सेवन करने से पहले आपको चिकित्सक की सलाह जरूर लेनी चाहिए।

6. साइनस के कारण आपको लगातार सिरदर्द हो सकता है (Sinus Is Responsible For Continuous Headache)

साइनस की समस्या से ग्रसित लोगों में सिरदर्द की समस्या सामान्य है लेकिन सिर्फ साइनस के कारण उन्हें सिरदर्द होता है यह कहना ठीक नहीं है। मरीजों में सिरदर्द कई कारणों जैसे प्रदूषण, एलर्जी, जुकाम या अन्य चीजों से हो सकता है। साइनस के दौरान होने वाला सिरदर्द सामान्य रूप से होने वाली सिरदर्द की समस्या से अलग होता है। ऐसे में अगर आपको साइनस की समस्या है तो आपक इन दोनों में अंतर समझ सकते हैं। सिरदर्द के लक्षणों में अंतर के आधार पर आपको चिकित्सक से इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए। 

(all image source - freepik.com)

 

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