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शरीर में दिखें ये 5 संकेत तो समझ जाए फिजियोथेरेपिस्ट को दिखाने की है जरूरत

जोड़ों, हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में फिजिथेरेपिस्ट काफी मदद कर सकती है। लेकिन, किसी भी व्यक्ति को कब फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाना चाहिए, आइए जानते हैं- 
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शरीर में दिखें ये 5 संकेत तो समझ जाए फिजियोथेरेपिस्ट को दिखाने की है जरूरत


Signs You May Need to See a Physical Therapist in Hindi: मौमस में बदलाव के साथ जोड़ों में दर्द और अकड़न आम बात है। लेकिन, कई बार ये समस्याएं इतनी ज्यादा बढ़ जाती हैं, कि व्यक्ति को आराम पाने के लिए दवाई का सहारा लेना पड़ता है। जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द की समस्या किसी भी कारण हो सकती है। कई बार बचपन में लगी चोट या गिरने के कारण ये परेशानी बढ़ सकती है। तो वहीं, कुछ लोगों को सर्जरी या फ्रैक्चर के बाद हड्डियों, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे में लोग अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं, और दवाइयों पर निर्भर रहने लगते हैं, जो कुछ समय के लिए तो आपको दर्द से राहत दिला सकते हैं, लेकिन समय के साथ ये दवाइयां आपके सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में जरूरी है कि हड्डियों, जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाली समस्या से राहत पाने के लिए आप फिजियोथेरेपिस्ट की मदद (How do you know when to go to physiotherapy) लें, ताकि वे आपको दर्द से राहत पाने का सही इलाज दे सकें। तो आइए नई दिल्ली के द्वारका में स्थित पैन फ्री फिजियोथेरेपी क्लिनिक के सीनियर कंसल्टेंट फिजियोथेरेपिस्ट, ऑस्टियोपैथिक और काइरोप्रैक्टिक डॉ. रोशन झा ( Dr. Roshan Jha, Senior Consultant Physiotherapist, Osteopathic and Chiropractic, Pain Free Physiotherapy Clinic, Dwarka, New Delhi) से जानते हैं कि फिजियोथेरेपी के लिए किसे और कब जाना चाहिए? (signs you need physiotherapy)

फिजियोथेरेपिस्ट के पास कब जाना चाहिए? - When Do You See A Physiotherapist in Hindi?

1. लगातार दर्द होने पर

अगर आपके मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न और हड्डियों से कटकट की आवाजे आती हैं, तो आपको फिजियोथेरेपिस्ट से मिलने की जरूरत है। आपके जोड़ों, मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द या अकड़न की समस्या, अक्सर चोट या खराब मुद्रा जैसे कारणों से हो सकती है। ऐसे में एक फिजियोथेरेपिस्ट आपके दर्द के सही कारणों का पता लगाकर, आपको दर्द से आराम दिलाने में मदद कर सकता है।

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2. शरीर का मूवमेंट कम होना

शरीर की गतिशीलता कम होना या सीमित होना भी आपके इस बात का संकेत हो सकता है कि आपको फिजियोथेरेपिस्ट को दिखाने की जरूरत है। अगर आपको पहले लगी किसी चोट के कारण शरीर में अकड़न, कमजोरी या चलने-फिरने या रोजाना की गतिविधियों में परेशानी होती है, तो इन समस्याओं से राहत दिलाने में फिजियोथेरेपिस्ट मदद कर सकता है। फिजियोथेरेपिस्ट आपके स्थिति के अनुसार सही एक्सरसाइज और अन्य फिजिकल गतिविधियों के बारे में बता सकते हैं।

3. चोट लगने पर

अगर आपको हाल ही में किसी तरह की चोट लगी है या फ्रैक्चर हुआ है या मोच आई है तो आपको फिजियोथेरेपिस्ट से मिलने की जरूरत हो सकती है। एक फिजियोथेरेपिस्ट आपको चोट के कारण होने वाले दर्द से और रिकवरी में मदद कर सकता है, जिससे आपको राहत मिल सकती है।

When To See Physiotherapist

4. जोड़ों और मांसपेशियों से जुड़ी पुरानी समस्याएं

गठिया, डायबिटीज या नर्व से जुड़ी समस्याओं के साथ रहना आपके सेहत पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में एक फिजियोथेरेपिस्ट आपके स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के अनुसार आपको सही गतिशीलता बनाए रखने और शरीर के कार्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।

5. सर्जरी के बाद

सर्जरी के बाद, सुरक्षित और सही रिकवरी में फिजियोथेरेपिस्ट आपकी मदद कर सकता है। इसलिए, अगर आपके घुटने या शरीर के अन्य किसी हिस्से की सर्जरी हुई है और आप सही तरह से और जल्दी ठीक होना चाहेत हैं तो फिजियो थेरेपी आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

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फिजियोथेरेपी क्यों महत्वपूर्ण है? - Why Physiotherapy is Important in Hindi?

फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. रोशन झा का कहना है कि, बैरोमीटर का दबाव, जो मौसम में बदलाव के साथ होता है, आपके जोड़ों में दर्द की समस्या को ट्रिगर करता है, जिसमें गठिया, पुराने फ्रैक्चर के मामले, मोच जैसी पहले से मौजूद स्थितियां शामिल होती है, जिन्हें पहले फिजियोथेरेपी की मदद से ठीक नहीं किया जाता है। इस समस्या में फिजियोथेरेपिस्ट आपकी समस्या को जानकर दर्द को कम करने की कोशिश करते हैं। साथ ही, फिजियोथेरेपी गठिया या पोस्ट ट्रॉमेटिक चोटों, फ्रैक्चर से प्रभावित जोड़ों में गति की सीमा को फिर से ठीक करने में मदद करते है, रोजाना की गतिविधियों और खेल के लिए मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन को बेहतर बनाने में मदद करती है, जिससे व्यक्ति को अपने शरीर का संतुलन बनाए रखने और दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। फिजियोथेरेपी में अलग-अलग तरीकों और मैनुअल तकनीकों की मदद से दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

अगर आप इनमें से किसी भी संकेत का अनुभव कर रहे हैं तो आपको फिजियोथेरेपिस्ट से जरूर कंसल्ट करना चाहिए। फिजियोथेरेपिस्ट आपकी समस्या से राहत दिलाने, दर्द को कम करने और गतिशीलता में सुधार करने में मदद कर सकता है।
Image Credit: Freepik

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