Role of Physiotherapy after Knee Surgery : बढ़ती उम्र, खाने में पोषक तत्वों की कमी और कई कारणों से आजकल कम उम्र में लोगों को घुटनों की परेशानी हो रही है। कई बार इन परेशानियों को दूर करने के लिए घुटनों की सर्जरी करवाई जाती है। घुटने की सर्जरी, चाहे वह आर्थ्रोस्कोपी हो, लिगामेंट रिपेयर हो या फिर टोटल नी रिप्लेसमेंट (Total Knee Replacement – TKR), शरीर के लिए एक बड़ा ऑपरेशन होता है।
इस प्रकार की सर्जरी के बाद शरीर को सामान्य स्थिति में लाने के लिए कई प्रकार की दवाएं, पर्याप्त आराम और सही खानपान की जरूरत होती है। इस दौरान फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapy kya hai in hindi) से मिलना भी बहुत जरूरी होता है। घुटनों की सर्जरी के बाद अगर फिजियोथेरेपिस्ट (Who is Physiotherapy) से न मिला जाए, तो ये लंबे समय तक चलने, बैठने और सामान्य गतिविधियां करने में परेशानी का कारण बन सकती है।
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घुटने की सर्जरी के बाद होने वाली परेशानियां- Complications after knee surgery
अहमदाबाद स्थित मारेंगो सीआईएमएस अस्पताल के ऑर्थोपेडिक और ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विभाग के डायरेक्टर डॉ. के. सी. मेहता (Dr. K. C. Mehta as Director - Orthopaedics and Joint Replacement, Marengo CIMS Hospital, Ahmedabad) का कहना है कि घुटनों की सर्जरी के बाद मरीज को कई प्रकार की परेशानियां होती हैं। जिनमें शामिल हैः
- सामान्य रूप से चलने-फिरने में दिक्कत
- घुटने में सूजन और जकड़न महसूस होना
- मांसपेशियों की कमजोरी
- घुटने की गति सीमित हो जाना
- लंबे समय तक दर्द बना रहना
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घुटने की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपिस्ट से मिलना क्यों जरूरी है- Ghutne ki Surgery ke baad Physiotherapist se Kyu Milna Chaiye
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि फिजियोथेरेपी सिर्फ एक एक्सरसाइज का नाम नहीं है। ये एक मेडिकल प्रक्रिया है। फिजियोथेरेपी के जरिए व्यक्ति के शरीर के मूवमेंट, मांसपेशियों की ताकत और संतुलन को बैलेंस करने में मदद मिलती है। घुटनों की सर्जरी के बाद जब मरीज सही प्रकार से उठ- बैठ और सो नहीं पाते हैं, तब फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका और भी अहम हो जाती है।
1. घुटने की गति बढ़ाना
घुटनों की सर्जरी के बाद उसे सही तरह से मोड़ा और सीधा न किया जाए, तो ये स्थायी रूप से जकड़न की परेशानी बनी रहती है। इस स्थिति में फिजियोथेरेपिस्ट धीरे-धीरे सही तरीके से घुटनों को सामान्य गति देने का काम करते हैं। घुटनों की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपिस्ट घुटनों को प्राकृतिक रूप से काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं। जिससे घुटनों में दर्द, कमजोरी और जकड़न की समस्या दूर होती है।
2. दर्द और सूजन को कम करना
सर्जरी के बाद घुटनों में दर्द और सूजन सामान्य होते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट ठंडी पट्टियों (ice packs), इलेक्ट्रोथेरेपी, और एक्सरसाइज के जरिए घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। घुटनों की सर्जरी के एक सप्ताह के भीतर अगर फिजियोथेरेपिस्ट से मिल लिया जाए, तो दर्द और सूजन को कम कर सकते हैं।
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3. मांसपेशियों को बनाए मजबूत
घुटनों की सर्जरी के बाद लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करने के कारण जांघ और पिंडली की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। इस स्थिति से मरीज को उबारने में भी फिजियोथेरेपिस्ट मदद करते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट कई ऐसी एक्सरसाइज बताते हैं, जो घुटनों को स्थिर और संतुलित बनते हैं, जिससे मांसपेशियों की रिकवरी तेज होती है।
4. चलने में संतुलन
घुटनों की सर्जरी के बाद मरीज को चलने के लिए वॉकर और स्टिक की जरूरत होती है। इस स्थिति में फिजियोथेरेपिस्ट आपको सही तरीके से इन उपकरणों का उपयोग करना सिखाते हैं और फिर धीरे-धीरे बिना सहारे चलना सिखाते हैं। इसलिए घुटनों की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपिस्ट से मिलना जरूरी है।
5. मरीज की स्थिति की तरह प्लानिंग
हर व्यक्ति की उम्र, वजन, जीवनशैली और घुटनों की सर्जरी का प्रकार अलग होता है। कई बार जो एक्सरसाइज घुटनों की सर्जरी के बाद बुजुर्गों को बताई जाती है, वो युवाओं पर लागू नहीं होती है। ऐसे में फिजियोथेरेपिस्ट मरीज की शारीरिक स्थिति को समझकर आपको एक्सरसाइज बताते हैं, जिससे घुटनों को सामान्य प्रक्रिया में लाने में आसानी होती है।
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घुटनों की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपिस्ट से मिलने के फायदे- Benefits of visiting a physiotherapist after knee surgery
डॉक्टर का कहना है कि घुटनों की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपिस्ट से मिलने से सेहत को कई प्रकार से फायदे मिलते हैं।
- घुटनों की सर्जरी के बाद व्यक्ति सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी कमजोर हो जाता है। ऐसे में फिजियोथेरेपिस्ट मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।
- सर्जरी के बाद अक्सर लोगों में मूड स्विंग और चिड़चिड़ेपन की परेशानी देखी जाती है। इस स्थिति में फिजियोथेरेपी के दौरान की जाने वाली एक्सरसाइज आपको राहत दिला सकती है।
- फिजियोथेरेपिस्ट सर्जरी के बाद न सिर्फ एक्सरसाइज करवाते हैं, बल्कि मरीज का मनोबल भी बढ़ाते हैं। ताकि वो दोबारा से सामान्य जीवन जी सके।
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निष्कर्ष
घुटने की सर्जरी के बाद मरीज का सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहना सही नहीं है। घुटनों की सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपिस्ट से मिलने के बाद आपको शरीर की तेजी से रिकवरी में मदद मिलती है। डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि फिजियोथेरेपिस्ट सिर्फ मरीज को सिर्फ एक्सरसाइज नहीं करवाते हैं, बल्कि ये आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाते हैं। अगर आपकी भी हाल फिलहाल में कोई घुटनों की सर्जरी हुई है, तो फिजियोथेरेपिस्ट की मदद जरूर लें।
FAQ
फिजियोथेरेपिस्ट के पास कब जाना चाहिए?
अगर आपके मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न और हड्डियों में अक्सर दर्द रहता है या उनमें से कटकट की आवाज आती है, तो आपको फिजियोथेरेपिस्ट से मिलने की जरूरत है। मांसपेशियों और हड्डियों से आने वाली इस तरह की आवाजें अकड़न की समस्या, अक्सर चोट या खराब मुद्रा जैसे कारणों से हो सकती है। ऐसे में एक फिजियोथेरेपिस्ट दर्द और कटकट की आवाज का सही पता लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं।फिजियोथेरपी क्या है?
फिजियोथेरेपी एक मेडिकल प्रक्रिया है। फिजियोथेरेपी के जरिए शरीर की कार्यक्षमता को सुधारने में मदद मिलती है। फिजियोथेरेपी उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होती है, जो किसी चोट, बीमारी, विकलांगता या सर्जरी के बाद शारीरिक दुर्बलता या जकड़न की परेशानी का सामना कर रहे होते हैं।घुटनों में दर्द क्यों होता है
घुटनों में दर्द अनेक कारणों से हो सकता है, जैसे बढ़ती उम्र, गठिया (आर्थराइटिस), अधिक वजन, चोट लगना, असंतुलित आहार, विटामिन D या कैल्शियम की कमी, अधिक चलना या चढ़ाई-उतराई करना। इसके अलावा गलत मुद्रा में बैठने, किसी प्रकार की चोट लगने से भी घुटनों में दर्द की परेशानी होती है।