
Signs of Psychopathy in Kids in hindi: बच्चों का हंसना, रोना, गुस्सा होना और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना आम बात है। लेकिन अगर इन सबसे अलग, कोई बच्चा भावहीन नजर आता हो, दूसरों पर अक्सर नाराज रहता हो, बात-बात पर गुस्सा दिखाता हो, दूसरों से बात-बात पर झूठ बोलता हो, तो ये सभी बातें पेरेंट्स के लिए चिंता के विषय हैं। असल में, ये छोटे-छोटे लक्षण आपके बच्चे के व्यक्तित्व के बारे में बहुत कुछ खुलासा करते हैं। कई बार इन्हीं संकेतों और लक्षण की अनदेखी करने से बच्चा साइकोपैथ बन सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि आप अपने बच्चे की आदतों पर गौर करें और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। यहां हम आपको बता रहे हैं, बच्चे में साइकोपैथ होने के शुरुआती लक्षणों के बारे में।
सहानुभूति की कमी
अगर आपका बच्चा दूसरों को दुखी देखकर खुश हो रहा है या फिर अक्सर दूसरों को जानबूझकर कष्ट पहुंचाता है, दूसरों के साथ दुर्व्यवहार करता है, जानबूझकर किसी को चोट पहुंचाता है या ऐसा करने की कोशिश करता है, तो यह स्थिति सही नहीं है। इसका मतलब है कि बच्चे में सहानुभूति की कमी है और यह साइकोपैथ यानी मनोरोगी होने का शुरुआती लक्षण है। ऐसे बच्चे को दूसरों को दर्द में देखना अच्छा लगता है।
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आक्रामक होते हैं
बच्चों का आक्रामक होना भी मनोरोगी होने के शुरुआती लक्षण के रूप में देखा जा सकता है। हालांकि, बच्चे स्वभाविक रूप से थोड़े आक्रामक होते हैं, जो कि उनका गुस्सा दिखाने या ध्यान आकर्षित करने का एक जरिया भर होता है। अगर बच्चा कभी-कभी आक्रामक होता है, तो पेरेंट्स ऐसे बच्चे को आसानी से संभाल सकते हैं। लेकिन अगर स्थिति इससे अलग हुई, यानी बच्चा अक्सर आक्रामक बना रहता है, उसका गुस्सा हमेशा सातवें आसमान पर रहता है और अक्सर क्रोध के प्रति ओवर सेंसिटिव रहता है, तो इन लक्षणों को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
बहुत ज्यादा टैंट्रम दिखाना
विशेषज्ञों की मानें, तो बच्चे बहुत ज्यादा आक्रामक होते हैं। वे बहुत ज्यादा नखरे भी दिखाते हैं। ऐसे बच्चे अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यही नहीं, इस तरह के बच्चे अपने पेरेंट्स की तकलीफों को नहीं समझते। जाहिर है, बच्चे छोटे हों या बड़े, उन्हें हमेशा अपने पेरेंट्स की फिक्र होती है। अगर किसी वजह से पेरेंट्स उनकी जरूरतों को पूरा न कर पाएं, तो बच्चे उनकी समस्या को समझने की कोशिश करते हैं। यदि, बच्चा साइकोपैथ है, तो उसके लिए अपने पेरेंट्स की परेशानियों की कोई अहमियत नहीं होती।
पछातावा नहीं होता
साइकोपैथ बच्चे को गलत काम करने का कोई पछतावा नहीं होता है। यही नहीं, अगर इन बच्चों ने कुछ गलत कर दिया है और इनसे माफी मांगने के लिए कहा जाए, तो ये बच्चे इसके लिए कभी राजी नहीं होते। इन्हें लगता है कि इन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, तो फिर माफी मांगी क्यों जाए।
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बहुत ज्यादा झूठ बोलना
अमूमन बच्चे झूठ बोलते हैं। लेकिन जब बच्चा बहुत ज्यादा झूठ बोलता है, बात-बात पर खुद को सही साबित करने के लिए दूसरों को झूठा साबित करने की कोशिश करता है, तो यह भी साइकोपैथ होने के लक्षण ही हैं। इस तरह के बच्चे न सिर्फ झूठ बोलते हैं, बल्कि दूसरों के सामने खुद को अच्छा और बेहतर साबित करने के लिए किसी भी प्रकार का झूठ बोलने से नहीं हिचकिचाते।
कब डॉक्टर के पास जाएं
अगर बच्चा झूठ बोलता है या आपसे कुछ छिपाता है, तो इसका यह मतलब नहीं है कि बच्चा साइकोपैथ है। लेकिन अगर उसके अंदर सहानुभूति की कमी है, गलत काम करने के बाद उसमें पछतावा नहीं दिखता, वह बहुत कठोर और आक्रामक हो चुका है, अन्य लोगों को धमकाना, जानवरों या अपने से कमजोर के साथ दुर्व्यवहार करना, इस तरह के लक्षण दिखे, तो आपको अपने बच्चे के लिए बाल रोग विशेषज्ञ से बात करने की सलाह दी जाती है। अगर आपको स्कूल या अन्य बच्चों के माता-पिता से कोई शिकायत मिलती है, तो भी जरूरी है कि आप बच्चे के व्यवहार पर नजर रखें।
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