बच्चों के साथ रिश्ता तभी शुरू हो जाता है जब आपको पता चलता है कि आप पेरेंट्स बनने वाले हैं। बचपन में माता-पिता बच्चे को दुलार करते हैं, उसकी जरूरतों का ख्याल रखते हैं। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं, माता-पिता उन्हें अपनी तरह से जिंदगी जीने की आजादी दे देते हैं। ये आजादी कई बार दूरियां बना देती है। बच्चे और माता-पिता के बीच रिश्ते तभी मजबूत रहेंगे, जब दोनों एक-दूसरे को समझने को तैयार हों। लेकिन कई बार माता-पिता के व्यस्त होने या बच्चों के मूड को देखते हुए दूरी कम करना मुश्किल हो जाता है। जो बच्चे अपने माता-पिता से दूर होने लगते हैं वो अक्सर अकेले ज्यादा समय बिताते हैं, उन्हें अपनी बात कहने में हिचकिचाहट महसूस होती है, ऐसे बच्चे गुमसुम होने लगते हैं। आपके बच्चे में भी ऐसे लक्षण नजर आ रहे हैं, तो समय रहते रिश्तों को संभाल लें। इस लेख में हम आपको बताएंगे कुछ आसान टिप्स, जिनकी मदद से बच्चे के साथ आपका रिश्ता मजबूत भी होगा और मन की दूरी भी मिटेगी।
वर्किंग पेरेंट्स बच्चे को समय दें
बच्चे की सही परवरिश तभी मुमकिन है जब आप उसे समय दें। आज के समय में वर्किंग पेरेंट्स, बच्चे को सभी सुख-सुविधाएं तो देते हैं लेकिन उसे माता-पिता का प्यार नहीं मिलता। इस कारण आपके और बच्चे के बीच का रिश्ता कमजोर हो सकता है। कामकाजी हैं, तो बच्चे को वीकेंड्स पर समय दें। उसके साथ पिकनिक पर जाएं या ऐसी एक्टिविटी का हिस्सा बनें जिसे बच्चा पसंद करता हो।
बच्चों से बात करें
समय की कमी के चलते हम फोन पर तो बात कर लेते हैं, लेकिन सामने बैठे व्यक्ति से बात करने का समय नहीं निकाल पाते। आजकल के पेरेंट्स भी कुछ ऐसी ही गलती करते हैं। वे अपने बच्चे को समय नहीं देते। आप रोजाना बच्चे से बात करें। पास नहीं हैं, तो वीडियो कॉल का सहारा लें। लेकिन हर दिन बच्चे की दिनचर्या, उसकी मेमोरीज, उसके अच्छे और बुरे अनुभवों को जानें और समझें। बच्चे को संभालना एक बड़ी जिम्मेदारी है जिसके लिए वक्त निकालना जरूरी है।
बच्चों की शिकायत भी सुनें
अगर आपके और बच्चों के बीच की दूरी बढ़ रही है, तो इसका कारण भी आप दोनों के बीच ही होना चाहिए। ऐसा हो सकता है कि आप किसी मत पर बच्चे के हित के लिए डटे हों लेकिन आपका बच्चा इससे अलग सोच रखता हो। बच्चे की शिकायत सुनें। उसे आपकी शिकायत करने और आपके खिलाफ किसी फैसले को रखने का पूरा हक है। पहले बच्चे की बात सुनें, समझें और फिर बीच का रास्ता निकालें। अपनी मर्जी उस पर थोपने से आपको बचना चाहिए।
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एज गैप नहीं बनेगी अड़चन
बच्चे को ये महसूस न होने दें कि आपके और उसकी उम्र के बीच लंबा फासला है। बेशक बच्चे को आपकी इज्जत करनी चाहिए, लेकिन उसके साथ बड़ों जैसा व्यवहार करने के बजाय उसकी उम्र के मुताबिक अपने व्यवहार को ढालें। कभी-कभी बच्चों के साथ बच्चा बनने में ही खुशी मिलती है। अगर आप बच्चे का दोस्त बनकर उसके साथ रहेंगे, तो आप दोनों के बीच बढ़ रही दूरी कम हो सकती है।
बच्चों का मन नाजुक होता है, ऐसे में उन्हें किस बात का ज्यादा बुरा लगा है कई बार ये पता लगाना नामुमकिन हो जाता है। बच्चों के साथ रिश्तों में बढ़ रही दूरी को कम करने के लिए ऊपर बताई टिप्स को फॉलो करें।
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