माता-पिता बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए सारे प्रयास करते हैं लेकिन वो बच्चे का व्यवहार तय नहीं कर सकते। हर बच्चे का स्वभाव एक-दूसरे से अलग होता है। जब बात बच्चे की व्यवहार की आती है, तो ये भी देखा जाता है कि वो लोगों के साथ मिलने में, बात करने में कितना सहज है। किसी भी इंसान के लिए एक-दूसरे से बात करना जरूरी है। यही कारण है कि इंसान को सोशल एनिमल भी कहा जाता है। अगर आपका बच्चा हर समय शांत रहता है और लोगों से मिलना उसे नहीं पसंद, तो इस व्यवहार को कुछ हद तक बदलने की जरूरत पड़ सकती है। इस तरह के व्यवहार को एंटी सोशल बिहेवियर के नाम से जाना जाता है। यानी ऐसा व्यवहार जिसमें एक व्यक्ति, अन्य लोगों से नहीं जुड़ना चाहता। वैसे तो ये एक निजी मामला हो सकता है लेकिन इसके कारणों का पता लगाना जरूरी है खासकर जब ये व्यवहार एक बच्चे का हो। आगे जानेंगे एंटी सोशल बिहेवियर के लक्षण और कारण। पेरेंट्स ऐसे व्यवहार को बदलने के लिए क्या कर सकते हैं इस पर भी चर्चा करेंगे।
बच्चे में एंटी सोशल बिहेवियर के लक्षण- Anti Social Behavior Symptoms
- लोगों से बात न करना।
- झूठ बोलना या गुस्सा करना।
- लोगों के प्रति अपमानजनक व्यवहार।
- बच्चे का हिंसक व्यवहार।
- चीजों को नुकसान पहुंचाना।
बच्चों में एंटी सोशल बिहेवियर के कारण- Causes Of Anti Social Behavior In Kids
अगर बच्चा हर समय गुस्से में रहे, उसे किसी से बात करना पसंद न हो तो ये एंटी सोशल बिहेवियर की ओर संकेत करते हैं। ऐसे व्यवहार को बदल देना बेहतर है। ऐसा व्यवहार किसी भी उम्र के बच्चे में देखा जा सकता है। एंटी सोशल बिहेवियर रखने वाले बच्चे ऐसा क्यों करते हैं इसका कारण समझ लें-
- माता-पिता, बच्चे पर ज्यादा गुस्सा करते हों।
- माता-पिता का एक-दूसरे के प्रति इज्जत न रखना।
- स्कूल या आसपास का वातावरण अच्छा न होना।
- बच्चे के मन में लोगों के प्रति डर होना।
- बच्चे में कॉन्फिडेंस की कमी के चलते एंटी सोशल बिहेवियर देखने को मिल सकता है।
- परिवार या रिश्तेदारों का बच्चे के प्रति खराब व्यवहार होना।
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Tips To Prevent Anti Social Behavior In Kids
बच्चे में एंटी सोशल बिहेवियर को दूर किया जा सकता है। जानें आसान तरीके-
- बच्चे के साथ फैमिली, टीचर्स आदि से मिलें और बात करें।
- अगर बच्चे को किसी व्यक्ति का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं लग रहा है, तो उस पर गौर करें।
- एंटी सोशल बिहेवियर के साथ बच्चे को छोड़ना ठीक नहीं है, उसकी काउंसलिंग करवाएं। आप साइकोलॉजिस्ट से भी संपर्क कर सकते हैं।
- बच्चे को घर पर ही सोशल होने के तरीके सिखाएं, जैसे साथ मिलकर खाना या चीजों को शेयर करके इस्तेमाल करना आदि।
- बच्चे के सामने लड़ाई करने या गुस्से करने की आदत छोड़ दें। बच्चे आपको देखकर हिंसक हो सकते हैं और बाकि दुनिया से खुद को दूर कर सकते हैं।
- एंटी सोशल बिहेवियर से बचने के लिए बच्चे को पब्लिक प्लेस पर लेकर जाएं। आप परिवार के साथ फैमिली ट्रिप या पिकनिक मनाने जा सकते हैं।
बच्चे को एंटी सोशल बिहेवियर से बचाने के लिए ऊपर बताए उपायों को आजमां सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।
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