पेरेंट्स की ये 5 गलत‍ियां बच्‍चे को बना सकती हैं स्‍क्रीन एड‍ि‍क्‍शन का श‍िकार, आज ही करें सुधार

Screen Addiction: स्‍क्रीन के साथ ज्‍यादा समय ब‍िताने से बच्‍चे स्‍क्रीन एड‍िक्ट बन जाते हैं। जानें पेरेंट्स की क‍िन गलत‍ियों के कारण होता है ऐसा।

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Feb 21, 2023 11:27 IST
पेरेंट्स की ये 5 गलत‍ियां बच्‍चे को बना सकती हैं स्‍क्रीन एड‍ि‍क्‍शन का श‍िकार, आज ही करें सुधार

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Screen Time And Children: पुराने जमाने में हम ख‍िलौनों से खेलना पसंद करते थे, लेक‍िन समय बदला और नई तकनीक ने बच्‍चों के हाथों में ख‍िलौनों की जगह स्‍क्रीन दे दी। स्‍मार्टफोन, टीवी, लैपटॉप जैसे गैजेट्स स्‍मार्ट जरूर हैं लेक‍िन इनका ज्‍यादा इस्‍तेमाल हर तरह से बच्‍चे के ल‍ए हान‍िकारक ही माना जाता है। स्‍क्रीन टाइम बढ़ने से बच्‍चे अन‍िद्रा, मोटापा, ड‍िप्रेशन, कमजोर दृष्‍टि‍, नर्वस संबंधी श‍िकायत आद‍ि का श‍िकार हो जाते हैं। एक समय ऐसा भी आता है जब स्‍क्रीन चलाते-चलाते बच्‍चे स्‍क्रीन एड‍िक्‍ट बन जाते हैं। हालांक‍ि इसमें बच्‍चों से ज्‍यादा पेरेंट्स की गलत‍ी होती है। मम्‍मी-पापा बच्‍चे को स्‍क्रीन दे तो देते हैं लेक‍िन उसका सही इस्‍तेमाल करना न सीखाते हैं और न खुद करते हैं, इसका बुरा असर बच्‍चों पर पड़ता है। इस लेख में जानेंगे क‍ि पेरेंट्स की कौनसी गलत‍ियां, बच्‍चे को बना देती है स्‍क्रीन का आद‍ि।          

1. लालच के तौर पर बच्‍चे को स्‍मार्टफोन देना

एक्‍सपर्ट्स और काउंसलर की मानें, तो बच्‍चे को क‍िसी चीज से दूर रखने के लि‍ए उसे लालच देना ठीक नहीं है। हालांक‍ि ज्‍यादातर पेरेंट्स, बच्‍चों के साथ यही तरीका आजमाते हैं। बच्‍चे उनकी बात मान जाएं, या कोई ज‍िद्द छोड़ दें इसके ल‍िए माता-प‍िता उन्‍हें फोन चलाने देते हैं या टीवी देखने देते हैं। लेक‍िन ऐसे बच्‍चे आगे चलकर ज‍िद्दी बन जाते हैं और फ‍िर उनकी हर बात मजबूरी में आपको माननी ही पड़ेगी। बच्‍चे को प्‍यार से समझाएं और स्‍क्रीन के नुकसान के बारे में बताएं। अपनी बात मनवाने के ल‍िए इस तरह का लालच देना, उसकी सेहत पर भारी पड़ सकता है।    

2. फोन का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करना

अगर आप खुद फोन का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करते हैं, तो बच्‍चे को फोन से दूर रखना मुश्‍क‍िल है। बच्‍चे आपको देखकर ही अच्‍छी या बुरी आदतें सीखते हैं। अगर आप हर समय सोशल मीड‍िया पर एक्‍ट‍िव रहते हैं, या बच्‍चे के सामने फोन का इस्‍तेमाल करते हैं, तो बच्‍चा भी उसी आदत का श‍िकार बनेगा। बच्‍चे को स्‍क्रीन से दूर रखने के ल‍िए खुद की भी सीमा तय करें। जब बच्‍चे आसपास हों, तो उन्‍हें समय दें और फोन को एक तरफ रख दें।    

3. स्क्रीन देखने की सीमा तय न करना

screen addiction in kids

बच्‍चों का ज्‍यादा समय तक स्‍क्रीन देखना हान‍िकारक है। कई पेरेंट्स स्‍क्रीन टाइम सेट नहीं करते और बच्‍चे लंबे समय तक स्‍क्रीन देखते हैं। माता-प‍िता होने के नाते, आपके ल‍िए जरूरी है क‍ि बच्‍चे की स्‍क्रीन का समय तय करें। पहले सुन‍िश्‍च‍ित करें क‍ि बच्‍चे से अपने सभी जरूरी काम जैसे खाना, होमवर्क करना, पढ़ाई या अन्‍य कोई चीज अधूरी तो नहीं छोड़ी है। ये जान लेने के ल‍िए बाद बच्‍चे को समझाएं क‍ि उसे क‍ितनी देर फोन इस्‍तेमाल करना है या टीवी देखना है। आज के समय में बच्‍चे को सभी तरह की स्‍क्रीन से दूर रखना मुमक‍िन नहीं है लेक‍िन बच्‍चों का स्‍क्रीन टाइम कम क‍िया जा सकता है।

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4. बच्‍चे को समय न देना

ज‍िन बच्‍चों के मम्‍मी-पापा उन्‍हें समय नहीं देते, वे अपना समय ब‍िताने का तरीका खुद ढूंढ लेते हैं। लेक‍िन सही परवर‍िश वही है ज‍िसमें आप बच्‍चे को समय दें। ये अच्‍छी परवर‍िश की तरफ पहला कदम है। बच्‍चे को यूं ही अपने हाल पर नहीं छोड़ा जा सकता। अगर आप बच्‍चे को समय नहीं देंगे, तो वो ऐसी आदतों का श‍िकार बन जाएगा जो आगे जाकर उसके ल‍िए हान‍िकारक हो सकती है।    

5. बच्‍चे को एक्‍ट‍िव‍िटीज न करवाना

मम्‍मी-पापा बच्‍चे के बोर होने पर उसे फोन दे देते हैं। या बच्‍चे का मन लगाने के ल‍िए टीवी चला देते हैं। ये सही आदत नहीं है। छोटे बच्‍चों में एनर्जी ज्‍यादा होती है ज‍िसका सही जगह उपयोग करना जरूरी है। बच्‍चे को इंडोर व आउटडोर एक्‍ट‍ि‍व‍िटीज करवाएं। ऐसे कई मेमोरी गेम्‍स हैं, ज‍िनसे बच्‍चों का द‍िमाग व‍िकस‍ित होगा जैसे शतरंज या सुडोकू आद‍ि।

ऊपर बताई 5 गलत‍ियां, बच्‍चों की शारीर‍िक और मानस‍िक सेहत के ल‍िए हान‍िकारक हो सकती है इसल‍िए इससे दूर रहें। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।

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