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बच्चों में तनाव का कारण हो सकती हैं परवरिश से जुड़ी ये 5 गलतियां

Parenting Mistakes in Hindi: पेरेंट‍िंग के गलत तरीकों का असर बच्‍चे को तनाव में डाल सकता है। जानें परवर‍िश से जुड़ी गलत‍ियों के बारे में।

Yashaswi Mathur
Written by: Yashaswi MathurUpdated at: Feb 16, 2023 15:32 IST
बच्चों में तनाव का कारण हो सकती हैं परवरिश से जुड़ी ये 5 गलतियां

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Parenting Mistakes in Hindi: बच्चों के सही आचरण और बेहतर भविष्य को बनाने में अच्छी परवरिश का अहम किरदार होता है। माता-पिता किस तरह से अपने बच्चों की परवरिश करते हैं इसका सीधा असर बच्चों के व्यवहार और उनके जिंदगी जीने के नजरिए पर पड़ता है। अगर बच्चे को अच्छी परवरिश मिलेगी तो वो ऊंचे मुकाम हासिल करेगा और बेहतर इंसान बनेगा। गलत परवारिश का असर भी गलत होता है। इससे बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है। आपने सुना होगा कि बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं। उन्हें जो आकार दिया जाए वो उसी में ढल जाते हैं। कई डॉक्टर और साइकोलॉजिस्ट ऐसा मानते हैं कि पेरेंटिंग का तरीका गलत है तो बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है। परवरिश में की गई गलतियों का सीधा असर बच्चों के कोमल मन पर पड़ता है। अगर आपके बच्चे में भी तनाव के लक्षण नजर आ रहा है तो ध्यान दें। कहीं आप बच्चे की परवरिश में कोई गलती तो नहीं कर रहे हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे पैरेंटिंग से जुड़ी 5 गलतियां जो आपके बच्चे का मानसिक स्वास्थ्य कर सकती हैं खराब। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्‍सलिंग साइकोलॉज‍िस्‍ट डॉ नेहा आनंद से बात की।

1. बच्‍चों के सामने लड़ाई करना

पत‍ि-पत्‍नी जब माता-प‍िता बन जाते हैं, तो उनकी ज‍िम्‍मेदारी बढ़ जाती है। माता-प‍िता बनने के बाद आपके आसपास कोई और भी होता है जो आपके बीच की बातें सुन और देख रहा होता है। अगर माता-प‍िता लड़ाई करेंगे, तो बच्‍चे के मन पर बुरा असर पड़ेगा। क‍िसी भी बहस या बात को बच्‍चे के सामने करने के बजाय उसके पीछे करें। ज‍िन माता-प‍िता के बीच अक्‍सर लड़ाई होती है, उनके बच्‍चे आगे चलकर र‍िश्‍तों पर व‍िश्‍वास नहीं कर पाते और तनाव का श‍िकार हो जाते हैं। 

2. बच्‍चों को मारना 

बच्‍चे को मारना सही नहीं है। इससे बच्‍चे की मानस‍िक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ज‍िन पेरेंट्स के बच्‍चे मार के डर में जीते हैं उनमें तनाव के लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे बच्‍चे ड‍िप्रेशन का श‍िकार भी हो सकते हैं। आपका बच्‍चा शैतान है, तो उसे समझाने के ल‍िए गेम्‍स का सहारा लें। बच्‍चे को मारने से आप उसे अंधकार में ढकेल देते हैं। ऐसे बच्‍चे ज‍िद्दी बन जाते हैं। इस गलती से हर माता-प‍िता को बचना चाह‍िए।  

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3. बच्‍चों को डराना

wrong style of parenting

कुछ माता-प‍िता बच्‍चे को अपने ढंग से चलाने के ल‍िए हर बात पर डराते हैं। इससे बच्‍चे को गलत जानकारी म‍िलती है। ये परवर‍िश का गलत तरीका है। पेरेंट‍िंग एक्‍सपर्ट्स की मानें, तो माता-प‍िता अपनी बात मनवाने के ल‍िए बच्‍चे के मन में डर पैदा करते हैं। उदाहरण के ल‍िए बच्‍चे को स्‍व‍िच बोर्ड से दूर रखने के ल‍िए वो करंट या झटका लग जाने का डर बच्‍चे के मन में डाल देते हैं। उत्‍सुकता में बच्‍चे वो काम जरूर करते हैं। बच्‍चे को डराने के बजाय उसे समझाएं क‍ि आपके फैसले बच्‍चे के ल‍िए क्‍यों सही है। बच्‍चे का पक्ष भी जानें। बच्‍चे को डराने से उसमें तनाव बढ़ सकता है इसल‍िए परवर‍िश से जुड़ी इस गलती से बचें।        

4. बच्‍चों को समय न देना 

आजकल की भागती-दौड़ती ज‍िंदगी में क‍िसी के पास समय नहीं है। लेक‍िन आपके घर में पैट्स या बच्‍चे हैं, तो उनके ल‍िए आपको समय न‍िकालना ही होगा। ज‍िन बच्‍चों के माता-प‍िता दोनों वर्क‍िंग होते हैं, उनके बच्‍चों को तनाव ज्‍यादा होता है। बच्‍चे ज्‍यादा समय अकेले ब‍िताएंगे, तो उन्‍हें सही और गलत के बीच फर्क समझने में मुश्‍क‍िल होगी। अगर आप बच्‍चे से दूर रहते हैं, तो भी बात करने का जर‍िया न बंद करें। बच्‍चे के ल‍िए समय न‍िकालना हर तरह से फायदेमंद है। इससे आपके और बच्‍चे के बीच का बॉन्‍ड मजबूत होता है।          

5. ज्‍यादा सख्‍ती बरतना  

बच्‍चे के साथ ज्‍यादा सख्‍त होना जरूरी नहीं है। आप बच्‍चे को कोई भी बात सही लॉज‍िक और उदाहरण के साथ समझा सकते हैं। बच्‍चे के साथ ज्‍यादा सख्‍त हो जाएंगे, तो वो अपने मन की बात आपके साथ शेयर नहीं करेगा। आजकल बच्‍चों में तनाव का ये सबसे बड़ा कारण है। डॉ नेहा ने बताया क‍ि हमारे पास कई ऐसे माता-प‍िता आते हैं ज‍िन्‍हें ये पता नहीं होता है क‍ि उनके बच्‍चे को पेरेंट‍िंग के गलत तरीके के कारण परेशानी हो रही है। आप बच्‍चे के साथ नरमी से पेश आएं और उसका दोस्‍त बनने की कोश‍िश करें।  

बच्‍चे में तनाव के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो उससे बात करें। बच्‍चे को साइकोलॉज‍िस्‍ट के पास लेकर जाएं ओर परवर‍िश से जुड़ी गलत‍ियों को सुधार लें।  

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