Signs of Toxic Behavior : टॉक्सिक बिहेवियर का मतलब होता है दूसरे व्यक्ति के साथ बदतमीजी करना, उसका अपमान करना, बात-बात में उसे नीचा दिखाना और खुद को सामने वाले से बेहतर समझना। जाहिर है, जो लोग इस तरह का व्यवहार करते हैं, वे न तो निजी जिंदगी में खुश होते हैं और न ही कोई उनका साथ देना पसंद करता है। दफ्तर में भी इस तरह के लोगों से उनके सहकर्मी दूरी बनाए रखते हैं। दरअसल, टॉक्सिक लोगों की मौजूदगी से ही माहौल खराब हो जाता है और आसपास नकारात्मकता छाने लगती है। कहीं न कहीं इस स्थिति का असर व्यक्ति के मेंटल हेल्थ पर भी पड़ता है। सवाल है कि कहीं आपका व्यवहार भी तो टॉक्सिक नहीं है? कई बार देखने में आता है कि लोगों को उनके अपने व्यवहार के बारे में समझ नहीं आता है। ऐसे में आप यहां बताए गए संकेतों पर गौर करें और समझें कि आप भी इसी खेमे का हिस्सा तो नहीं हैं। खुद को जानकर अपने व्यवहार में अच्छे बदलाव करने की कोशिश करें। ऐसा करके आप अपनी मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बना सकते हैं।
अक्सर शिकायत करना
अगर आप उन लोगों में से हैं, जो संतुष्ट होने के बजाय अक्सर शिकायतों पर फोकस करते हैं, तो बिना देर किए समझ लीजिए कि आप टॉक्सिक पर्सन हैं। आप उन लोगों में से हैं, जिन्हें हर काम में मीनमेख निकालना पसंद है। यहां तक कि अपनी जिंदगी में हो रही अच्छी-बुरी घटनाओं को लेकर भी आप अक्सर शिकायतें करते नजर आ जाते हैं। वास्तव में आप ऐसे व्यक्ति हैं, जो अक्सर नकारात्मकता पर ज्यादा जोर देते हैं। ध्यान रखें कि जो लोग नकारात्मक सोच रखते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य भी बुरी तरह प्रभावित रहता है। आप जैसे लोग आसानी से किसी से खुश नहीं हो पाते हैं।
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दूसरों पर अधिकार जताना
एक सीमा तक अपने रिश्तेदारों, दोस्तों या करीबियों पर हक जताना सकारात्मकता की निशानी है। लेकिन जब आप दूसरों पर जरूरत से ज्यादा अधिकार जताने लगते हैं और आप चाहते हैं कि वे वही करें, जो आप चाहते हैं, तो समझ लीजिए कि आपका टॉक्सिक लोगों में शुमार हैं। वैसे संभव है कि आप दूसरों पर अधिकार जताकर खुद को स्ट्रेस फ्री रखते हैं, लेकिन आपका यह व्यवहार सामने वाले के लिए अच्छा नहीं है। आपके आते ही दूसरे आपसे दूर भागना चाहते हैं क्योंकि आप उन्हें उनका पर्सनल स्पेस भी नहीं देते हैं। ध्यान रखें कि हर व्यक्ति को अपना पर्सनल स्पेस चाहिए होता है। अधिकार जताने के नाम पर सामने वाले व्यक्ति का पर्सनल स्पेस ले लेना सही नहीं होता है।
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दूसरों का इस्तेमाल करना
क्या जब भी काम पड़े तो आप बिना किसी झिझक किसी भी व्यक्ति को फोन कर देते हैं और काम पूरा हो जाने के बाद क्या कभी उसे पलटकर फोन करते हैं या मिलने जाते हैं? अगर आप हमेशा काम की वजह से ही दूसरों से रिश्ता रखते हैं, तो आप टॉक्सिक लोगों में से ही एक हैं। आप किसी भी तरह के रिश्ते का सम्मान नहीं करते हैं और अपना काम निकलवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह सब अच्छी बात नहीं है। जब दूसरों की जरूरत पर आप काम नहीं आएंगे, तो जाहिर है कोई भी आपका काम करना नहीं चाहेगा। याद रखें कि लोगों ने आपसे दूरी बना ली तो आप अकेले रह जांएगे और इसका बहुत गहरा असर आपके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ेगा।
भावनाओं को ठेस पहुंचना
जो लोग टॉक्सिक होते हैं, वे दूसरों की भावनाओं की कद्र नहीं करते हैं। हालांकि ऐसे लोग अपने इमोशंस की काफी केयर करते हैं और चाहते हैं कि उन्हें कोई ठेस न पहुंचाएं। लेकिन ऐसे लोगों को दूसरों की भावनाओं की जरा भी परवाह नहीं होती है। अगर कोई उनसे किसी तरह भावनात्मक उम्मीद रखता है, तो टॉक्सिक लोग उनकी भावनाओं अपमान करने में जरा भी देरी नहीं करते। अगर आप भी जाने-अंजाने ऐसा करते हैं, तो समझ जाइए कि आप भी टॉक्सिक पर्सन ही हैं।
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