अगर आप गलत तरीके से मेडेटेशन यानी ध्यान करते हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव आपके शरीर पर पड़ सकता है। गलत तरीके से मेडिटेशन करने के कारण मेंटल और फिजिकल हेल्थ दोनों पर ही असर पड़ता है। मेडिटेशन को सेल्फ मेथड भी माना जाता है जिसे आप अपनी सहूलियत के मुताबिक कर सकते हैं पर कुछ बातों का आपको ध्यान रखना है नहीं तो मेडिटेशन आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। अगर आपको भी मेडिटेशन करते समय पॉजिटिव महसूस नहीं हो रहा है तो एक्सपर्ट से मिलकर अपने तरीकों में बदलाव करें, मेडिटेशन से मन की शांति मिलती है पर अगर इससे आपको नुकसान हो रहा है तो मेडिटेशन बंद कर दें। इस लेख में हम गलत तरीके से मेडिटेट करने के नुकसान पर चर्चा करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद से बात की।
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1. बुरी यादें ताजा होना (Recalling bad experiences)
अगर आप गलत तरीके से मेडिटेशन करते हैं तो आप पास्ट की मेमोरीज में जा सकते हैं जो आपके लिए अच्छी नहीं थीं। इससे आपको डर लगता है, डिप्रेशन, एंग्जाइटी के लक्षण भी देखने मिल सकते हैं। आपको खुद को सब के बीच रखकर मेडिटेशन करना चाहिए जैसे अकेले बाहर जाने के बजाय बालकनी में बैठकर ही मेडिटेट करें ताकि अपनों के पास रहें। डॉ नेहा ने बताया कि पुरानी बातों को याद करने में परेशानी नहीं है पर आप अच्छी बातों को बुरी बातों को मन से निकाल दें।
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2. मोटिवेशन या प्रेरणा न होना (Low or no motivation)
अगर किसी चीज में आपकी दिलचस्पी नहीं है तो आप उस काम को ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं। जबरदस्ती कोई काम करने से आपके अंदर से कॉन्फिडेंस और मोटिवेशन कम होने लगता है। अगर आपका मेडिटेशन करने का मन नहीं है और फिर भी आप उसे करने की कोशिश करते हैं तो आपका मन किसी काम में नहीं लगेगा। अगर आपको लगता है कि आपको ब्रेक की जरूरत है तो ब्रेक लें पर मेडिटेशन को जबरदस्ती किया नहीं जा सकता नहीं तो आपको मेडिटेशन के तरीके से कोई लाभ नहीं मिलेगा। मेडिटेशन की जगह भी बदलें, एक ही जगह बैठकर ध्यान करने से भी आप बोर हो सकते हैं।
3. नकारात्मक विचार आना (Negative thinking)
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अगर आप गलत तरीके से मेडिटेशन करते हैं तो आपके मन को नकारात्मक विचार आने लगते हैं ऊपर से अगर आप सेंसिटिव नेचर के हैं तो आप छोटी-छोटी बातों पर लंबा विचार करते होंगे। ज्यादा समय तक मेडिटेशन करने से नेगेटिव थिकिंग आ जाती है क्योंकि आप ज्यादा समय के लिए खुद को बाकि दुनिया से अलग रखते हैं जिसका परिणाम हमेशा अच्छा हो ये जरूरी नहीं है। आपके शरीर पर बुरा असर भी पड़ सकता है। आपको ऐसी समस्या हो तो अपने डॉक्टर से मिलें और पॉजिटिव रहने के तरीके पर उनसे चर्चा करें।
4. मन के साथ-साथ शरीर को भी पहुंचता है नुकसान (Physical damage by wrong method of meditation)
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ऐसा नहीं कि मेडिटेशन को गलत तरीके से करने के कारण केवल मानसिक समस्याएं होंगी, बल्कि कुछ लोगों को मेडिटेशन के बाद दर्द, प्रेशर, सिर में दर्द के लक्षण, थकान, कमजोरी, उल्टी आने का अहसास, पेट से जुड़ी शिकायतें आदि देखने को मिलती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हो तो मेडिटेशन तुरंत रोक दें और एक गिलास पानी पीएं और खुद को रिलैक्स रखने की कोशिश करें, आप कुछ देर सो भी सकते हैं तो बॉडी नॉर्मल हो जाएगी। अगर मेडिटेशन के बाद घबराहट हो रही हो तो आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
5. लोगों से अलग हो जाना (Being antisocial)
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मेडिटेशन के फायदे हैं तो नुकसान भी हो सकते हैं। गलत तरीके से मेडिटेट करते हैं तो आप लोगों से दूरी बना सकते हैं। जिन लोगों को मेडिटेशन के कारण अकेलापन महसूस होता है वो धीरे-धीरे लोगों से कटने लगते हैं। इससे न सिर्फ उनके निजी बल्कि औपचारिक संबंध भी खराब हो जाते हैं और एक समय के बाद व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। बाकि रिश्तों के साथ-साथ व्यक्ति का खुद के साथ संबंध भी खराब होता है, ऐसा होने पर आप न दूसरों के साथ अच्छा महसूस करते हैं और न आपको अकेले अच्छा लगता है।
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मेडिटेशन के दौरान की जाने वाली गलतियां (Mistakes during meditation)
- बंद जगह मेडिटेशन न करें, कुछ लोग शांत जगह ढूंढने के कारण एकदम सुनसान जगह जाकर मेडिटेशन करते हैं पर ये तरीका गलत है।
- आपको खुली जगह मेडिटेशन करना, इससे आप खुद को अकेला महसूस नहीं करेंगे, मन की शांति के लिए आप पेड़-पौधों के बीच मेडिटेशन कर सकते हैं।
- कुछ लोग लंबे समय के लिए मेडिटेशन करते हैं जिससे मन और शरीर पर बुरा असर पड़ता है, आपको एक बार में आधे घंटे से ज्यादा ध्यान नहीं करना चाहिए।
- रात के समय मेडिटेशन करने से बचें, रात को अंधेरे में आपको अकेलापन महसूस होगा और नकारात्मक विचार आने लगेंगे।
- रात के समय मेडिटेशन करने से बॉडी को एनर्जी मिल जाएगी और आपको अनिद्रा के लक्षण देखने को मिल सकते हैं इसलिए मेडिटेशन को सुबह के वक्त करें, नींद पूरी होगी तो डिप्रेशन नहीं होगा।
मेडिटेशन करने का सही तरीका (Right manner to follow for meditation)
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मेडिटेशन करते समय इन बातों का ध्यान रखें-
- मेडिटेशन करने के लिए आप ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं, इससे आपकी बॉडी रिलैक्स रहेगी।
- तनाव या अकेलेपन से बचने के लिए आंखों को खुला रखें, लेकिन आपके आसपास ज्यादा चहल-पहल नहीं होनी चाहिए।
- 10 से 15 बार गहरी सांस भरें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें, आपको मन को शांत करना है।
- आप हरे-भरे वातावरण में बैठें पर अकेले या एकांत जगह में बैठने से बचें, पक्षियों की आवाज, हवा के चलने से आपके ऊपर अच्छा प्रभाव पड़ेगा।
- मेडिटेशन को 15 से 20 मिनट से ज्यादा न करें, ज्यादा समय तक मेडिटेशन करना किसी भी व्यक्ति के लिए अच्छा नहीं होता।
- ध्यान करते समय शरीर के मुख्य बिन्दुओं पर फोकस करते हुए ध्यान करें।
अगर आप एक्सपर्ट की निगरानी में मेडिटेशन कर सकते हैं तो ये आपके लिए फायदेमंद होगा, शुरूआत में मेडिटेशन करने के लिए एकांत जगह न ढूंढें।
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