Sickle Cell Awareness Month 2023: हर साल सितंबर माह में सिकल सेल अवेयरनेस मंथ मनाया जाता है। सिकल सेल अवेयरनेस मंथ का उद्देश्य सिकल सेल रोग के खिलाफ लोगों को जागरूक करना है। इस कड़ी में ओनलीमायहेल्थ आपको इस रोग के पहले चरण के बारे में बताएगा। पहला चरण यानी जांच। कैसे पता चलता है कि शरीर में सिकल सेल रोग है और इसकी जांच कैसे की जाती है। सिकल सेल रोग एक अनुवांशिक रक्त विकार है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन्हें जोड़ों में सूजन या दर्द रहता है, बार-बार बुखार या जुकाम हो जाता है, इम्यूनिटी घट जाती है और बचपन में यह रोग बच्चे को हो जाए और उपचार न मिले, तो बच्चे की मौत भी हो सकती है। अगर आपके परिवार में किसी को सिकल सेल एनीमिया हो जाए, तो शिशु की जांच जरूर करवानी चाहिए। आगे लेख में हम जानेंगे सिकल सेल रोग के लिए जरूरी जांच। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।
सिकल सेल रोग की जांच कैसे की जाती है?- Sickle Cell Disease Diagnosis
सिकल सेल रोग को ज्यादातर गर्भावस्था के दौरान या शिशु के जन्म के समय डायग्नोज किया जाता है। अगर आपके परिवार में किसी को यह रोग है, तो शिशु को सिकल सेल रोग होने का खतरा दोगुना हो जाता है। सिकल सेल रोग की जांच के लिए कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट किया जाता है। इसके अलावा छुपे हुए इन्फेक्शन का पता लगाने के लिए छाती का एक्स-रे भी किया जाता है। सिकल सेल रोग के लिए किए गए ब्लड टेस्ट को सिकल सेल टेस्ट भी कहा जाता है।
पिछले तीन महीनों में खून चढ़वाया है तो न करवाएं जांच- Sickle Cell Disease Test
सिकल सेल एनीमिया के मरीजों को बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। अगर आपने पिछले तीन महीनों में खून चढ़वाया है, तो यह ब्लड टेस्ट नहीं करवाना चाहिए। इसके अलावा सिकल सेल टेस्ट करवाने के लिए पहले से किसी भी तरह की कोई तैयारी नहीं करनी पड़ती। जांच की रिपोर्ट में हीमोग्लोबिन की मात्रा चेक की जाती है। जिन मरीजों को सिकल सेल रोग होता है, उनमें हीमोग्लोबिन एस के साथ हीमोग्लोबिन बी भी मौजूद रहते हैं जिसे हीमोग्लोबिन एफ कहा जाता है। बच्चों में सिकल सेल रोग की जांच हर छह महीनों में करवाई जाती है।
सिकल सेल रोग का इलाज क्या है?- Sickle Cell Disease Treatment
सिकल ब्लड सेल, सामान्य ब्लड सेल्स की तुलना में जल्दी नष्ट हो जाते हैं जिसके कारण एनीमिया हो जाता है। सिकल सेल खून की नसों को ब्लॉक कर देता है जिससे मांसपेशियां और हड्डियां डैमेज हो सकती हैं। सिकल सेल रोग का इलाज जानने के लिए यह पता होना चाहिए कि व्यक्ति के शरीर में रोग के लक्षण गंभीर हैं या हल्के। गंभीर स्थिति में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत भी पड़ती है। लेकिन यह जोखिम भरी प्रक्रिया है इसलिए इसे रेयर केस में ही किया जाता है। कम लक्षणों वाले मरीज कुछ सावधानियों के साथ सामान्य जीवन जीते हैं।
इसे भी पढ़ें- शरीर की रक्त वाहिकाओं का आकार बिगाड़ देता है सिकल सेल एनीमिया, जानें लक्षण और उपचार का तरीका
सिकल सेल रोग होने पर बरतें ये सावधानियां- Sickle Cell Disease Precautions
सिकल सेल रोग में जो सबसे लेटेस्ट एडवांसमेंट है वह यह है कि डॉक्टर इस बीमारी का इलाज करने के लिए जीन थेरेपी पर रिसर्च कर रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है कि जिन मरीजों को सिकल सेल रोग है वह सामान्य जीवन नहीं जी सकते हैं। बस उन्हें कुछ खास सावधानियों का ख्याल रखना पड़ता है। इन सावधानियों के बारे में जरूर जान लें-
- अगर शिशु को सिकल सेल रोग है, तो उसे फ्लू और न्यूमोकॉकल और मेनिंगोकॉकल का टीका लगवाना चाहिए।
- सिकस सेल रोग होने पर डॉक्टर की सलाह पर फोलिक सप्लीमेंट्स खाने की सलाह दी जाती है ताकि नई लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण हो सके।
- इसके अलावा डॉक्टर एनालजेसिक और दर्दनिवारक दवाएं देते हैं ताकि गंभीर दर्द से बचा जा सके।
- सिकल सेल रोग के मरीजों को डॉक्टर पानी की पर्याप्त मात्रा का सेवन करने की सलाह देते हैं ताकि दर्द को कंट्रोल किया जा सके।
उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version