माना कि मीट प्रोटीन, आयरन, विटामिन बी 12, और अन्य जरूरी पोषक तत्वों का महत्वपूर्ण स्रोत है। लेकिन एक सवाल जो अक्सर लोगों के मन में संशय का कारण बनता है कि मीट को स्टोर करने या पकाने से पहले धोएं (Washing Meat) या नहीं? असल में किसी भी मीट जैसे कि चिकन या बीफ को नल के नीचे धोते समय (Washing Meat) पानी की छींटों के माध्यन से कुछ बैक्टीरिया आपके हाथ, किचन के स्लैब, आपके कपड़ों या खाना पकाने वाले बर्तनों पर फैल सकते हैं। आमतौर पर कोई भी चीज पानी के धार में धोई जाए तो पानी की बूंदें 40 से 50 सेंटीमीटर तक तो फैलती ही हैं। इन बूंदों में कैम्पिलोबैक्टर बैक्टीरिया के होने की काफी संभावनाएं रहती हैं। अगर थोड़ी मात्रा में भी कैम्पिलोबैक्टर आपके शरीर में पहुंच जाए, तो किसी भी प्रकार की फूड प्वाइजनिंग होने की आशंका बनी रहती है। कच्चे मांस का बैक्टीरिया जब किसी भी सतह पर फैलता है तो उन्हें साफ करना मुश्किल होता है। गलती से भी अगर ये बैक्टीरिया शरीर के अंदर चला जाए तो बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है। शरीर में प्रवेश करने वाला ये बैक्टीरिया कई परेशानियों का कारण बन सकता है, जैसे-
- पेट में दर्द होना
- बुखार होना
- सिर में में दर्द के साथ जी मिचलाना
- उल्टी आना और 6 से 7 दिनों तक तबीयत खराब रहना
कितना उपयोगी नमक के पानी में भिगोकर रखना?
बहुत से लोग मांस को पकाने से पहले उसे नमक के पानी में भिगोकर रख देते हैं। लेकिन ऐसा करने से उल्टा संक्रमण का का खतरा यानी क्रॉस संदूषण की संभावना रहती है। तो मीट धोने (Washing Meat) से अच्छा है उसे रेफ्रिजरेटर में रखें।
इसे भी पढ़ें: हफ्ते में 2 बार चिकन, रेड और प्रोसेस्ड मीट का सेवन आपको बना सकता है ह्रदय रोग का शिकार, पढ़ें डॉक्टर की राय
मीट से बैक्टीरिया खत्म करने के लिए कितने तापमान पर पकाएं?
मीट या चिकन को पकाने से सभी बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। किसी भी मीट को पकाने के लिए कम से कम 145 डिग्री फारेनहाइट का तापमान सही रहता है। आप इस तापमान को फूड थर्मामीटर से भी माप सकते हैं।
डिफ्रॉस्ट करने के बाद मीट को धोने की जरूरत नहीं
अगर मांस डिफ्रॉस्ट है तो मीट धोना (Washing Meat) जरूरी नहीं होता। क्योंकि इस तरह पकाने में उसके वैसे भी सारे बैक्टीरिया मर जाते हैं। अगर मीट जीरो डिग्री सेल्सियस में रखा गया है तो ये लंबे समय तक सुरक्षित रहेगा।
इसे भी पढ़ें: चिकन के साथ कभी नहीं खानी चाहिए ये 3 चीजें, शरीर को पहुंचता है बेहद नुकसान
मैरिनेट करने से पहले मीट धोना कितना जरूरी?
मैरीनेट करने से पहले मीट धोते (Washing Meat) हैं तो यह सही नहीं। वैसे भी अगर इसे ठीक से मसालों में मैरिनेट कर पका लिया जाए तो उसके कीटाणु वैसे भी मर जाएंगे। आप मैरिनेट करके,पकाने से पहले, कुछ दिनों के लिए मीट को फ्रिज में रख सकते हैं और किसी भी क्रॉस संदूषण (क्रॉस कंटैमिनेशन) को रोकने के लिए प्लास्टिक बैग का प्रयोग करें।
गंभीर हो सकता है साल्मोनेला
मीट की तरह ही सी फूड खासकर पोल्ट्री मछली में अकसर नुकसानदायक पैथोजन्स होते हैं, जो फूड प्वाइजनिंग का कारण बन सकते हैं। इसलिए इससे हाई रिस्क फूड भी माना गया है। इनको धोने से फैलने वाले साल्मोनेला सैल भी उतना ही गंभीर संक्रमण फैला सकते हैं जितना कैम्पिलोबैक्टर सैल। आपकी इम्यूनिटी यदि कमजोर है विशेषकर की बुजुर्ग या 7 साल से छोटे बच्चे तो यह उनके लिए खतरनाक हो सकता है। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मीट को धोने से बचें।
तो ये थी मीट से जुडी कुछ ऐसी बातें, जिनकी जानकारी शायद ही आपको हो। मीट को धोने और ना धोने को लेकर बातें तो कई हैं, लेकिन जो सबसे अहम हैं वो साफ़ सफाई का ख्याल रखना और हेल्दी रहना। बिमारियों के इस मौसम में जितना हो सके उतना इस बात का ख्याल रखें कि आपकी सेहत के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा। इसे सही तरीके से पकाया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होगा।
Read More Articles on Healthy Diet in Hindi