20 साल तक सुस्त जीवनशैली बिताने वालों में अकस्मात मृत्यु का जोखिम दोगुनाः रिसर्च

पेरिस में आयोजित ईसीएस कांग्रेस 2019 में प्रस्तुत अध्ययन में बताया गया कि  20 वर्षों से सुस्त जीवनशैली अपना रहे लोगों में स्वस्थ जीवन बिता रहे लोगों की तुलना में अकस्मात मृत्यु का खतरा दो गुना हो जाता है।   
  • SHARE
  • FOLLOW
20 साल तक सुस्त जीवनशैली बिताने वालों में अकस्मात मृत्यु का जोखिम दोगुनाः रिसर्च


एक नए अध्ययन में सामने आया है कि 20 वर्षों से सुस्त जीवनशैली अपना रहे लोगों में स्वस्थ जीवन बिता रहे लोगों की तुलना में अकस्मात मृत्यु का खतरा दो गुना हो जाता है। नार्वे विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक ट्राइन मोहोल्डट का कहना है कि हमारे अध्ययन से प्राप्त  निष्कर्ष बताते हैं कि अकस्मात मृत्यु के सभी कारण और ह्रदय रोगों से होने वाली मौतों के खिलाफ सुरक्षा के लिहाज से शारीरिक गतिविधियों के अधिकतम लाभ को पाने के लिए आपको शारीरिक रूप से सक्रिय रहने की जरूरत है।

इस अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई कि कैसे पिछले 22 वर्षों से ज्यादा समय में शारीरिक गतिविधियों में बदलाव सभी प्रकार की मृत्यु और ह्रदय रोगों के बीच संबंध रहा है।  'द हंट' अध्ययन ने नार्वे के सभी निवासियों, जिनकी उम्र 20 वर्ष या उससे अधिक थी उन्हें 1984-86, 1995-1997 और 2006-2008 में शामिल होने के लिए बुलाया था।

इन सभी तीनों समय में लोगों से उनके शारीरिक गतिविधियों की अवधि और वह कितनी देर तक इन गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं उसके बारे में पूछा गया। वर्तमान अध्ययन में पहले और तीसरे सर्वे से प्राप्त आंकड़ों का प्रयोग किया गया।

इसे भी पढ़ेंः रात को सोने से पहले जमकर लें प्रोटीन नहीं बढ़ेगा बेली फैट, बस करना होगा ये 1 कामः रिसर्च

इस विश्लेषण में कुल 23,146 पुरुष और महिलाओं को शामिल किया गया था। शारीरिक गतिविधियों को बिल्कुल नहीं करने, सामान्य, सप्ताह में दो घंटे से कम व  ज्यादा और सप्ताह में दो या उससे अधिक में वृगीकृत किया गया था।

शारीरिक गतिविधियों का डेटा नार्वे कॉज ऑफ डेथ रजिस्ट्री का प्रयोग करते हुए वर्ष 2013 के अंत तक हुई मौतों की जानकारी से जुड़ा हुआ था।  प्रत्येक शारीरिक गतिविधि समूह में मृत्यु के जोखिम की तुलना संदर्भ समूह से की गई थी। दोनों ही सर्वों के दौरान लोगों ने उच्च स्तर के व्यायाम करने की बात कही थी।

इसे भी पढ़ेंः भारत में 70 से 90 और मुंबई में 88 फीसदी लोग विटामिन डी कमी से परेशान, जानें कैसे दूर करें इसकी कमी

संदर्भ समूह की तुलना में वे लोग, जो 1984-86 और 2006-2008 दोनों में किसी प्रकार की एक्सरसाइज नहीं करते थे उनमें ह्रदय रोगों से मरने का जोखिम 2.7 गुना और अन्य कारणों से मृत्यु का जोखिम दो गुना तक था।

दोनों समय में सामान्य शारीरिक गतिविधियां करने वाले लोगों में संदर्भ समूह की तुलना में क्रमश सभी कारणों से होने वाली मौतों और ह्रदय रोगों से मरने का जोखिम 60 और 90 फीसदी रहा था।  पेरिस में ईसीएस कांग्रेस 2019 में प्रस्तुत अध्ययन के बारे में मोहोल्डट ने कहा, ''हमारा डेटा बताता है कि अगर आप पहले शारीरिक रूप से सक्रिया नहीं थे लेकिन जल्द ही आप सक्रिय हो जाते हैं तो आप जल्द ही सकरात्मक परिणाम देखेंगे।''

Read more articles on Health News in Hindi

Read Next

70 की उम्र में भी रह सकते हैं फिट रोजाना करें एक्‍सरसाइज: स्‍टडी

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version