हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, द यूनिवर्सिटी ऑफ मेइने के वैज्ञानिकों द्वारा की गई एक रिसर्च में एजिंग की प्रक्रिया को कम करने का दावा किया गया है। दरअसल, इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने केमिकल मेथड के जरिए बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम करने की बात कही है। इसमें उम्र के साथ बढ़ने होने वाली बीमारियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी ठीक करने का दावा किया जा रहा है। केमिकल मेथड के जरिए एजिंग की प्रक्रिया को कम करने का यह दुनिया का पहला दावा किया जा रहा है। हालांकि जीन थेरेपी के जरिए ऐसा होने की बातें पहले भी सामने आ चुकी हैं।
वैज्ञानिकों ने कही ये बड़ी बात
बढ़ती उम्र को कम करने की प्रक्रिया को लेकर वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता मिली है। वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की गई इस रिसर्च में उन्होंने शरीर में मिलने वाले सेल्स को रिडेवलप कर कैमिकल कॉकटेल्स को अप्लाई करने की बात कही है। ऐसा करने से उम्र बढ़ने के कारण होने वाली समस्याओं को कम किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में 6 कैमिकल कॉकटेल्स को स्टोर करके उन्हें पुरानी सेल्स पर उपयोग करके देखा गया।
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उम्र से जुड़ी समस्याओं को भी किया जा सकता है कंट्रोल
इस मेथड की खोज करने वाले वैज्ञानिकों ने उम्र के साथ बढ़ने वाली कई समस्याओं को भी कंट्रोल करने की बात की है। इस प्रक्रिया में न सिर्फ कैमिकल्स द्वारा बढ़ती उम्र के लक्षणों को कम किया जा सकता है, बल्कि कुछ फीजिकल और मेंटल डिसऑर्डस पर भी रोक लगाई जा सकती है। इस रिसर्च को लेकर यह सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि क्या यह प्रक्रिया इंसानों पर सुरक्षित साबित होगी भी या नहीं। इस प्रक्रिया के तहत किए लिए जाने वाले ट्रीटमेंट को जीन थेरेपी के मुकाबले सस्ता और फास्ट बताया जा रहा है।
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क्या कहती है रिसर्च?
इस प्रोजेक्ट की अगुवई कर रहे वैज्ञानिक डॉ. सिंक्लेयर ने बताया कि उनकी टीम इस इस रिसर्च को करने में कामयाब साबित हुई। इस रिसर्च में यह पता चल सका कि वास्तव में उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को कम भी किया जा सकता है। उनके मुताबिक एजिंग को कम करने को लेकर देखे जाने वाला सपना अब साकार होता नजर आ रहा है।