सावन के महीने की शुरुआत हो चुकी है। कुछ लोग सावन के पवित्र माह में व्रत रखते हैं और इस दौरान सिर्फ सात्विक भोजन ही करते हैं। व्रत रखने से शरीर डिटॉक्स होता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि सप्ताह में एक बार व्रत रखने से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं और बॉडी को अंदर से क्लीन करने में मदद मिलती है।
सावन के महीने में व्रत रखने के दौरान कुछ लोगों को शारीरिक कमजोरी महसूस होती है। कई बार व्रत रखने की वजह से सिर में दर्द, कब्ज और पाचन संबंधित समस्याएं भी देखी जाती हैं। अगर आप भी सावन में व्रत रख रहे हैं, तो अपने खाने में मखाने की खीर को शामिल कर सकते हैं। मखाने की खीर में मखाना , काजू, घी, गुड़, इलायची पाउडर, दूध और कई तरह के सूखे मेवे का इस्तेमाल किया जाता है। इन सभी चीजों का सेवन व्रत के दौरान आसानी से किया जा सकता है।
व्रत में मखाने की खीर खाने के फायदे - Benefits of Makhana kheer during Fasting
लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस होता है
मखाने में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जिसकी वजह से पेट लंबे समय तक पेट भरा हुआ लगता है। लंबे समय तक पेट भरा हुआ रहने से ओवरइटिंग की संभावना काफी कम हो जाती है और व्रत के दौरान परेशानी नहीं होती है।
कब्ज और अन्य पाचन संबंधी समस्या नहीं होती है
कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि मखाने में फाइबर और घी में गुड फैट पाया जाता है, जिसका सेवन करने से पाचन संबंधित समस्याओं से बचा जा सकता है। व्रत में मखाने की खीर खाने से कब्ज, पेट में दर्द जैसी समस्याएं नहीं होती हैं।
शरीर को मिलती है एनर्जी
इस खीर को बनाने के लिए दूध का इस्तेमाल किया जाता है। दूध प्रोटीन, कैल्शियम और राइबोफ्लेविन (विटामिन बी2) युक्त होता है। इनके अलावा इसमें विटामिन ए, डी, के और ई सहित फास्फोरस और मैग्नीशियम पाए जाते हैं, जो शरीर को एनर्जी देने का काम करते हैं। जिन लोगों को व्रत के दौरान ऑफिस जाना पड़ता है या हल्का-फुल्का काम करना पड़ता है, उनके लिए मखाने की खीर बेस्ट फलाहार माना जाता है।
कमजोरी की परेशानी से मिलती है राहत
व्रत के दौरान पिस्ता को छोड़कर बाकी सभी तरह के नट्स जैसे की काजू, बादाम, अखरोट, सूखा नारियल और अंजीर खाने की सलाह दी जाती है। नट्स में प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ कई जरूरी विटामिन्स और मिनरल्स मौजूद होते हैं। ताजे फलों की अपेक्षा नट्स ज्यादा फायदेमंद माने जाते हैं। दरअसल, बारिश के मौसम में वातावरण में नमी ज्यादा होती है, जिसके कारण फलों पर बैक्टीरिया और कीटाणु तेजी से पनपते हैं। मखाने की खीर में भी नट्स का इस्तेमाल किया जाता है। व्रत के दौरान जिन लोगों को कमजोरी महसूस होने या चक्कर आने जैसी समस्याएं होती हैं, वे मखाने की खीर में नट्स डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
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पित्त का संतुलन बनाए रखने में सहायक
सावन का महीना बारिश का होता है। बारिश के दौरान व्रत रखने से कई लोगों को पित्त के अंसतुलन की शिकायत रहती है। पित्त को संतुलित करने के लिए भी मखाने की खीर खाना फायदेमंद हो सकता है।
अगर आपको घी, नट्स या दूध से किसी तरह की एलर्जी है, तो मखाने की खीर बनाते समय आप इनके विकल्प ट्राई कर सकते हैं।
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