ज्यादा नमक खाने से ब्लड प्रेशर, दिल का दौरा और ब्रेन हैमरेज जैसी स्वास्थ्य समस्याएं घेर लेती हैं। लेकिन अब अमेरिकी डाक्टरों के एक दल ने यह निष्कर्ष निकाला है कि ज्यादा नमक खाने से पेट में अल्सर हो सकता है। शरीर में नमक की ज्यादा मात्रा से इस प्रजाति के बैक्टीरिया में आनुवंशिक बदलाव आता है। जिससे ये बैक्टीरिया और ताकतवर हो जाते हैं और वे अल्सर की वजह बन जाते हैं।
नमक से होता है अल्सर
अमेरिकन सोसायटी फार माइक्रोबायोलाजी के सम्मेलन में शोधकर्ताओं ने कहा कि नमक और हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (एच पाइलोरी) बैक्टीरिया के संयुक्त असर से पेट में अल्सर की बीमारी होती है। नमक इस खतरनाक बैक्टीरिया को सक्रिय करता है। ज्यादा नमक की उपस्थिति से एच पाइरोली बैक्टीरिया खतरनाक रूप लेते हैं और पाचन तंत्र को कमजोर कर देता है। कई लोगों को तो अपने पेट में इस बैक्टीरिया की उपस्थिति के लक्षण का भी पता नहीं चल पाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि लोग गैस्टि्रक कैंसर में नमक की भूमिका से तो अवगत हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि नमक किस तरह एच पाइरोली को खतरनाक रूप से सक्रिय करता है।
ये रखें सावधानी
अल्सर के रोगी को भरपेट भोजन नहीं करना चाहिए। थोड़ा-थोड़ा भोजन पांच-छ: बार में करें, क्योंकि भोजन का पचना पहली शर्त होती है| भरपेट भोजन से अल्सर पर दवाब पड़ सकता है और खाया-पिया उल्टी के रूप में निकल सकता है| चाय बहुत हल्की पिए।यदि चाय की जगह पपीते, मौसमी, अंगूर या सेब का रस लें तो लाभकारी होगा। भोजन के बाद टहलने का कार्य अवश्य करें। पानी उबला हुआ सेवन करें। भोजन के बाद अपनी टुण्डी पर सरसों का तेल लगा लें। रात को सोने से पूर्व पेट पर सरसों का तेल मलें। पैर के तलवों पर भी तेल की मालिश करें। यदि अल्सर के कारण पेट में दर्द की शिकायत हो तो एक चम्मच जीरा, एक चुटकी सेंधा नमक तथा दो रत्ती घी में भुनी हुई हींग - सबको चूर्ण के रूप में सुबह-शाम भोजन के बाद खाएं| ऊपर से मट्ठा पिएं। अत्यधिक रेशेदार ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें जिससे कि अल्सर होने की सम्भावना कम की जा सके या उपस्थित अल्सर को ठीक किया जा सके।
अगर अल्सर का समय पर उचित इलाज नहीं हुआ तो वह कैंसर में तब्दील हो जाता है।एच पाइरोली बैक्टीरिया आंत के कैंसर का भी कारण बन सकता है। लोगों को खान-पान में सीमित मात्रा में ही नमक का इस्तेमाल करना चाहिए।
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