हमारे शरीर की चार पेशियां कंधे की हड्डी और पसलियों की मांसपेशियों को ऊपरी बांह की हड्डी के साथ जोड़ती हैं। क्योंकि ये पेशियां बांह को उसके कोटर के भीतर घूमने में मदद करती हैं, इन पेशियों के आस्तीन को रोटेटर कफ कहा जाता है। रोटेटर कफ में पेशियां आसानी से घायल हो सकती हैं क्योंकि ये एक तंग जगह के भीतर घूमती हैं।
जब कंधे को उसके घुमाव की प्राकृतिक सीमा की हद में मोड़ा या उठाया जाता है, इस तंग जगह में पेशियां, भी घूमती हैं। रोटेटर कफ की पेशियां उसके ऊपर के हड्डीदार लौंदे या कंधे के सामने एक अस्थिबंध से टकरा या रगड़ खा सकती हैं। इस घर्षण को इंमपिंगमेंट सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है और रोटेटर कफ में सूजन का कारण भी बनता है। रोटेटर कफ घर्षण की सूजन पैदा करने की सबसे अधिक संभावना होती है यदि आपके कंधे का घुमाव कठिन या दोहरावदार है। ये सूजन तीन समस्याएं पैदा कर सकती हैं, जैसे, रोटेटर कफ टेन्डोनाइटिस, रोटेटर कफ टीयर तथा शोल्डर बर्साइटिस।
रोटेटर कफ इन्जरी का लक्षण
रोटेटर कफ की चोटें आपके कंधे और ऊपरी बांह में दर्द पैदा करती हैं, दर्द सबसे अधिक महत्वपूर्ण तब हो सकता है जब आप अपने हाथ ऊपर या बाहर की तरफ फैलाते हैं। जब आप अपने हाथ उठाते हुये घुमाते हैं, तब पेशियों की आसपास के ढांचों से रगड़ने की अधिक संभावना है। इस कारण जब आप अपने बालों में कंघी करने या अपनी बांह आस्तीन में डालने की कोशिश करते हैं तब आपके कंधों में असहनीय दर्द हो सकता है। रात के वक्त यह दर्द बहुत बढ़ सकता है। इनके कारण कंधे कमजोर हो सकते हैं, हल्के वजह की वस्तुओं को उठाने में भी समस्या होती है।
रोटेटर कफ इन्जरी की चिकित्सा
कंधे में टेन्डोनाइटिस, बर्साइटिस और छोटे रोटेटर कफ टियर्स को प्रभावित करने के लिए कोर्टिकोस्टेरॉयड दवा की सुई के साथ इसका उपचार किया जाता है। इसके बाद कंधे की गति को पुनःसंचलन में लाने और रोटेटर कफ की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करवाया जाता है। नॉन स्टेरोइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी) जैसे आइबुप्रोफेन (एडविल, मोट्रिन आदि) दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
अगर चिकित्सक को पता लगता है कि आपको कैल्सिफिक टैन्डोनाइटिस है, तब इसके लिए वह अन्य उपचार के तरीके आजमा सकता है। इसके लिए अल्ट्रासाउंड या लिथोस्कोपी नामक प्रक्रिया आजमायी जाती है, इस तरीके से उपचार के दौरान अल्ट्रासाउंड की किरणें दी जाती हैं, जिन्हें शॉक वेव्स के रूप में जाना जाता है।
इसके अलावा सेकेंडरी रोटेटर कफ की चोटों या रोटेटर कफ पेशी में बड़े चीरों के लिए सर्जरी की आवश्यक हो सकती है। या इसके लिए आर्थ्रोस्कोपी (कैमरे की मदद से सर्जरी) या पारंपरिक ओपन सर्जरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
रोटेटर कफ इन्जरी बचाव
अगर थोड़ी सी सावधानी बरती जाये तो रोटेटर कफ इन्जरी से बचाव किया जा सकता है। अपने सिर के ऊपर की वस्तुओं तक पहुंचने के लिए कुर्सी या फिर सीढ़ी का प्रयोग कीजिए। अगर आपको पहले भी गठिया की बीमारी है तब नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें। व्यायाम करने से मांसपेशियों में खिंचाव होता है और हड्डियां भी मजबूत होती हैं। इसलिए नियमित रूप से व्यायाम जरूर करें।
Read More Articles On Rotator Cuff Injury In Hindi.
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version