हकलाहट में डाक्‍टर को कब सम्पर्क करें

अगर 5 साल के बाद भी बोलने में समस्‍या हो रही है आवाज तोतली है तो यह हकलाहट हो सकता है, इसके पुष्टि के लिए चिकित्‍सक से संपर्क करें और इसका उपचार करायें।
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हकलाहट में डाक्‍टर को कब सम्पर्क करें


बच्‍चों की तोतली बोली लोगों को उनकी तरफ आकर्षित करती है, लेकिन उम्र बढ़ने के बाद भी यदि उच्चारण साफ न हो और तुतलाहट या हकलाहट बनी रहे तो उसे एक बीमारी माना जाता है।

बोलने में हमारे शरीर की 100 से भी अधिक मांसपेशियां काम करती हैं। इन सभी में आपसी तालमेल बैठने पर ही हमारे जबान से स्पष्ट उच्चारण निकलता है। अगर किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव, डर या हीनता के बोध से बोलने या ध्वनि का उच्‍चारण बिगड़ जाता है।

अगर किसी को पहले कभी हकलाने की समस्या नहीं रही तो 10 साल के बाद उसका हकलाना शुरू करना असामान्य है। कभी-कभी (बहुत कम मामलों में) हकलाना किसी स्ट्रोक या मस्तिष्क में चोट अथवा किसी क्षति के कारण शुरू हो सकता है या किसी प्रकार की दवा के साइड-इफेक्ट के कारण या मानसिक बीमारी के कारण भी हकलाने की समस्‍या हो सकती है। अगर आपको भी बोलने में समस्‍या हो तो इसके लिए चिकित्‍सक से सलाह कर सकते हैं।

Doctor Se Kab Sampark Karen in Hindi

कब मिलें चिकित्‍सक से

  • यदि आप बार-बार और लंबे समय तक हकलाते हैं।
  • हकलाहट लगातार कुछ मिनटों से अधिक समय तक हो।
  • 5 वर्ष से अधिक उम्र का होने के बाद भी हकलाने की समस्‍या हो रही हो।
  • ऐसे शारीरिक लक्षण दिखें, जिससे लगे कि उसे बोलने में कठिनाई आ रही है।
  • बोलने में परेशानी के कारण लोगों के सामने बोलने से घबरा रहे हों।
  • उस स्थिति से स्पष्ट रूप से बचता हो जहां उसे बात करना जरूरी होगा।
  • क्लिष्‍ट शब्‍दों के साथ-साथ सामान्‍य शब्‍दों के उच्‍चारण में भी समस्‍या हो रही हो।
  • किसी प्रकार की दवा के साइड-इफेक्‍ट के कारण हकलाने की समस्‍या हो।
  • किसी प्रकार की सर्जरी के बाद हकलाना शुरू किया हो।

Haklane Ke Ilaaj Ke Liye

हकलाहट के लक्षण

  • एक ध्वनि को बार-बार दुहराना या एक शब्दांश को इसी प्रकार दुहराना, पूरे वाक्यांश को दुहराना।
  • किसी ध्वनि या शब्दांश को लंबा खींचना।
  • बोलने के सामान्य प्रवाह के बीच देर तक विराम या हिचकिचाहट।
  • पूरे वाक्य को तेजी से बोल देना, जिससे कि लोगों को समझ न आये।
  • बोलते वक्‍त चेहरे का भाव अजीब सा हो जाना।



हालांकि हकलाहट भरी बोली की पहचान करना आसान है, लेकिन वास्तविक हकलाहट की जांच हमेशा विशेषज्ञ के द्वारा ही करानी चाहिए। अगर आपको लगता है कि आप हकलाते हैं तो इसकी पुष्टि के लिए चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए।

 

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