Diabetic Neuropathy: डायबिटिक न्यूरोपैथी एक तरह की नसों से जुड़ी समस्या है। यह परेशानी ब्लड शुगर लेवल बढ़ने के कारण होती है। यह परेशानी डायबिटीज के रोगियों में देखी जाती है। असल में, डायबिटीज की वजह से अक्सर ब्लड शुगर का स्तर प्रभावित रहता है, जिसका निगेटिव असर नसों पर पड़ने लगता है। अगर लंबे समय तक डायबिटीज के रोगी अपने ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस न करें, तो ऐसे में हथेली और पैरों के तलवों में नसों की समस्या होने लगती है। डायबिटिक न्यूरोपैथी के कारण मरीज को हाथों की उंगलियों में चुभन और पिन चुभने जैसा अहसास हो सकता है। इसी तरह, पैरों में झुनझुनी, जलन और सुन्नता की समस्या देखने को मिलती है। डायबिटिक न्यूरोपैथी से राहत पाने के लिए जरूरी है कि आप लाइफस्टाइल को मैनेज करें और ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित बनाए रखें। सवाल यह है कि क्या डाइट्री सप्लीमेंट्स की मदद से डायबिटिक न्यूरोपैथी से राहत मिल सकती है? इस संबंध में Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की। आइए, जानते हैं इनके बारे में।
क्या डाइट्री सप्लीमेंट्स की मदद से नसों की समस्या से राहत मिलती है?- Can Dietary Supplements Help In Diabetic Neuropathy In Hindi
नसों की समस्या को दूर करने में जिस तरह लाइफस्टाइल की अहम भूमिका होती है। उसी तरह, डाइट्री सप्लीमेंट्स की मदद से भी नसों की समस्या से राहत मिल सकती है। लेकिन, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि डायबिटिक न्यूरोपैथी को मैनेज करने के लिए इन्हें अपने पारंपरिक डाइट के साथ रिप्लेस नहीं करना चाहिए। हां, डाइट्री सप्लीमेंट्स डायबिटिक न्यूरोपैथी में हेल्पफुल होते हैं। आप इन्हें अपनी रेगुलर डाइट के साथ ले सकते हैं। आगे इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि डायबिटिक न्यूरोपैथी में किस तरह के डाइट्री सप्लीमेंट्स कारगर साबित हो सकते हैं।
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कौन-से डाइट्री सप्लीमेंट्स की मदद से नसों की समस्या से राहत मिलती है
अल्फा-लिपोइक एसिड
यह एक तरह का नेचुरल एंटी-ऑक्सीडेंट है। हमारी बॉडी इसे अपने आप जनरेट करती है। हालांकि, यह कई तरह के फूड में भी मौजूदा होता है। बहरहाल, इसे अपनी डाइट का हिस्सा बनाने से डायबिटिक न्यूरोपैथी के लक्षणों को कम करने और नर्व फंक्शन में सुधार करने में मदद मिलती है।
एसिटाइल-एल-कार्निटाइन
एक्सपर्ट की मानें, तो डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या होने पर एसिटाइल-एल-कार्निटाइन लिया जा सकता है। आपको बता दें कि यह एल-कार्निटाइन शरीर द्वारा बनाया जाता है। यह फैट को एनर्जी में परिवर्तित करने के काम आता है। यह आपको कुछ फूड आइटम्स में भी मिल जाता है। इसकी मदद से नर्व पेन से छुटकारा मिल सकता है।
विटामिन बी-12
विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन बी-12 भी डायबिटिक न्यूरोपैथी की समस्या में कारगर भूमिका निभा सकता है। डायबिटिक न्यूरोपैथी होने पर व्यक्ति को नसों में दर्द होने नर्व फंक्शन बाधित होने लगता है। वहीं, अगर आप विटामिन बी-12 को अपने रेगुलर डाइट का हिस्सा बनाते हैं, तो डायबिटिक न्यूरोपैथी में आराम मिल सकता है।
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ओमेगा-3 फैटी एसिड
यह तत्व मछली के तेल में काफी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इससे सूजन को कम करने और नर्व फंक्शन में सुधार करने में मदद मिलती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए आप नट्स, सीड्स और प्लांट ऑयल का सेवन कर सकते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह
किसी भी सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले, डाइटिशियन की सलाह लेना आवश्यक होता है। खासकर, तब जब आप कोई दवा रेगुलर बेसिस पर ले रहे हैं यानी आपको अगर कोई बीमारी है। ध्यान रखें कि कई बार डाइट में किया गया बदलाव आपकी हेल्थ पर निगेटिव असर डाल सकता है। वहीं ढायबिटिक न्यूरोपैथी की बात करें, तो इसे सिर्फ डाइट्री सप्लीमेंट की मदद से मैनेज नहीं किया जा सकता है। इसके लिए, एक्सरसाइज को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाना होता है और ब्लड शुगर के स्तर को मैनेज करने की कोशिश करनी होती है।
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