गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सबसे ज्यादा जरूरत अपने जीवन साथी की होती है। ऐसे में पति को ऐसी परिस्थिति में अपनी पत्नी को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान पति की अहम जिम्मेदारी होती है। ऐसे में अगर पति उस जिम्मेदारी को सही से ना निभाए तो प्रेगनेंसी का दौर बेहद तनावपूर्ण निकल सकता है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे की प्रेगनेंसी में पति की क्या-क्या जिम्मेदारी होती है अपनी पत्नी के लिए। पढ़ते हैं आगे...
1 - पत्नी के साथ ना करें झगड़ा
प्रेगनेंसी के 9 महीने बेहद खास होते हैं। ऐसे में पति को ध्यान रखना चाहिए कि वे इन 9 महीनों में अपनी पत्नी के साथ बिल्कुल भी झगड़ा ना करें। वरने ऐसा करने से पत्नी चिंता और तनाव का सामना कर सकती है। जिससे इसका असर बच्चे के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। ऐसे में कोशिश करें कि कम से कम झगड़ा करें।
2 - समय-समय पर लेकर जाएं डॉक्टर के पास
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरीके की समस्या से बचने के लिए समय-समय पर अपनी पत्नी को डॉक्टर के पास लेकर जाएं और उसका पूरा चेकअप कराएं। ऐसा करने से न केवल आपको उसकी करंट स्थिति का पता चलेगा। बल्कि आप यह भी जान पाएंगे कि बच्चे का विकास कितना और कैसे हो रहा है।
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3 - पत्नी के साथ जाएं घूमने
ऐसे समय में महिलाएं अपने मूड स्विंग और चिड़चिड़ाहट से बेहद परेशान रहती हैं। इस परेशानी को दूर करने में पति अहम भूमिका निभा सकते हैं। आप अपनी पत्नी को कहीं बाहर घुमाने लेकर जाएं या उनके साथ डिनर डेट या लंच डेट पर जा सकते हैं। ऐसा करने से न केवल पत्नी खुश रहेंगी बल्कि बच्चे का विकास भी अच्छे से होगा।
4 - पार्टनर को खास महसूस करवाएं
पत्नी को खास महसूस कराना भी बेहद जरूरी है। ऐसे समय में मां की खुशी का असर बच्चे की सेहत पर भी पड़ता है। इसीलिए पति पत्नी का रिश्ता बेहद मजबूत होना चाहिए। पति अपनी पत्नी की छोटी-छोटी इच्छाओं को पूरा करें। साथ ही उसके लिए कुछ सरप्राइज या समय-समय पर गिफ्ट दे। ऐसा करने से पत्नी खुद को खास महसूस करेंगी और आपका रिश्ता बेहद मजबूत होगा।
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5 - पत्नी के साथ खास बातचीत
प्रेगनेंसी में महिलाएं चिड़चिड़ाहट और घबराहट महसूस करती हैं। ऐसे में वह पति का साथ चाहती हैं। वहीं अगर पति इस दौर पर पत्नी की बात ना सुने तो उनकी चिड़चिड़ाहट बढ़ जाती है। ऐसे में पति की जिम्मेदारी है कि वह अपनी पत्नी की पूरी बात सुने और साथ ही अपने दिल की बात भी बताएं। इससे अलग पति अपने ऑफिस या अपने वर्कप्लेस के माहौल के बारे में भी बता सकता है। ऐसा करने से पति पत्नी का रिश्ता मजबूत होगा।
6 - पत्नी को अकेला महसूस ना करवाएं
ऐसे समय में पत्नी को अकेला महसूस करवाना सही नहीं है। बता दें कि पति की जिम्मेदारी है कि वह ज्यादा से ज्यादा समय अपनी पत्नी के साथ बिताए। ऐसा करने से न केवल पत्नी का तनाव कम होगा बल्कि वह खुद को खुश भी महसूस करेंगी। पति के साथ होने से पति का मूड भी अच्छा रहता है। ऐसे में पत्नी के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं।
नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि प्रेगनेंसी के दौरान पत्नी का खुश रहना बेहद जरूरी है। ऐसे में पति अहम भूमिका निभा सकता है। बता दें कि प्रेगनेंसी के दौरान पति की जिम्मेदारियां बेहद महत्वपूर्ण है।
इस लेख में इस्तेमाल की जानें वाली फोटोज़ Freepik से ली गई हैं।
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