कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम करने वाले 30 प्रतिशत लोगों को इस सिंड्रोम का खतरा, जानें बचाव

कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी ही बीमारी है, जिसका खतरा उन लोगों को होता है जो अपना ज्यादातर समय कंप्यूटर, लैपटॉप पर टाइपिंग करते हुए बिताते हैं या स्मार्टफोन पर बिताते हैं।
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कंप्यूटर-लैपटॉप पर काम करने वाले 30 प्रतिशत लोगों को इस सिंड्रोम का खतरा, जानें बचाव


लैपटॉप और कंप्यूटर ने हमारी जिंदगी को जितना आसान बनाया है, इससे खतरे भी उतने बढ़े हैं। लगातार घंटों लैपटॉप और कंप्यूटर पर काम करने के कारण आपकी आंखों पर तो बुरा प्रभाव पड़ता ही है, साथ ही इससे आपकी उंगलियों में भी कई समस्याएं हो सकती हैं। कार्पल टनल सिंड्रोम एक ऐसी ही बीमारी है, जिसका खतरा उन लोगों को होता है जो अपना ज्यादातर समय कंप्यूटर, लैपटॉप पर टाइपिंग करते हुए बिताते हैं या स्मार्टफोन पर बिताते हैं। इस रोग में हाथों में दर्द और बीच की उंगली में संवेदना न होना, जैसी परेशानियां आती हैं। आइए आपको बताते हैं टनल सिंड्रोम से जुड़ी जरूरी बातें।

30 प्रतिशत युवा हो रहे हैं शिकार

एक शोध के मुताबिक भारत में 30 प्रतिशत युवाओं में मांपेशियों और स्‍नायु सम्‍बन्‍धी बीमारियां देखी गई हैं। इस शोध में ऐसे लोगों को शामिल किया गया था जो लोग दिन में 7 घंटे से ज्यादा समय लैपटॉप, कंप्यूटर या स्मार्टफोन पर गुजारते हैं। इस रोग के कारण एक उम्र के बाद व्यक्ति की कलाइयों में दर्द रहने लगता है और कई बार सामान उठाने, शौच क्रिया करने आदि में उंगलियां साथ नहीं देती हैं। ऐसे में ज्यादातर बार सर्जरी का सहारा लेना पड़ता है।

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क्या हैं कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण

यह समस्या एक साथ दोनों हाथों में भी हो सकती है। इस रोग की सबसे खास बात यह है कि सबसे छोटी उंगली (कनिष्ठा) पर इसका कोई असर नहीं पड़ता। इस रोग से ग्रस्‍त व्‍यक्ति को हाथ में सूजन महसूस हो सकती है और हथेली से लेकर कुहनी तक दर्द भी हो सकता है। रात में या जब हाथ गर्म हो दर्द या सुन्नपन बढ़ जाता है। पीड़ित अपने हाथ में कमजोरी महसूस करने लगता है। व्‍यक्ति चीजों को आसानी से पकड़पाने में असमर्थ रहता है। चीजें उसके हाथ से छूटने लगती हैं। उसके लिए किसी चीज को उठा पाना बहुत मुश्किल हो जाता है। कुछ महिलाएं हर्मोंस में बदलाव की वजह से इस बीमारी की चपेट में आ सकती हैं।

ड्राइविंग में भी बरतें सावधानी

हाथों व कलाइयों पर अधिक दबाव डालने से बचना चाहिए। यदि आप लंबी दूरी तक लगातार ड्राइव करते हैं तो कोशिश करें कि स्टियरिंग व्हील या हैंडल पर आपकी ग्रिप थोड़ी ढीली रहे ताकि कलाइयों पर ज्यादा दबाव न बने। हाथों पर दबाव डालकर नहीं सोना चाहिए। सही मुद्रा में सोना चाहिए ताकी हाथों की नसों पर दबाव न पड़ें।

हाथों की एक्सरसाइज है फायदेमंद

कार्पल टनल के दर्द को नियमित एक्सरसाइज से भी काबू पाया जा सकता है। खासतौर पर कलाई और उंगलियों से जुड़ी एक्सरसाइज इसमें बहुत मददगार साबित होती हैं।  बांहों, कलाइयों और उंगलियों को स्ट्रेच करने, कंधों और गर्दन की सामान्य एक्सरसाइज करने, कलाइयों को क्लॉक वाइज और एंटी क्लॉक वाइज घुमाने जैसे एक्‍सरसाइज से इस दर्द पर काबू पाया जा सकता है।

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कैसे संभव है कार्पल टनल सिंड्रोम से बचाव

  • अपने शरीर को लेकर विशेष सावधानी बरतें। उंगलियों को बीच-बीच में आराम देते रहिये।
  • कंप्यूटर पर काम करने वालों के लिए जरूरी है कि वे अपनी कमर, बाजुओं और पैरों को ऐसी स्थिति में रखें कि कलाई और उंगलियों में कम से कम दबाव पड़े।
  • हाथों में थकान होने पर बैठकर गहरी सांस लेने, संगीत सुनने, ध्यान या प्रार्थना से भी लाभ मिलता है।
  • इस समस्या से बचने के लिए काम के दौरान थोड़ी-थोड़ी में हाथों को आराम देते रहें।
  • कंप्यूटर पर काम करते वक्त की-बोर्ड कोहनी की ऊंचाई से ऊपर न रखें।
  • लंबे समय तक बैठने पर कमर को सीधा रखने की कोशिश करें।
  • कलाई, कमर व गर्दन का व्यायाम रोजाना करें।

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