जन्म के साथ शिशुओं को कई तरह की परेशानियां होती हैं। शिशुओं को होने वाली परेशानियां कुछ पारिवारिक कारण और माता-पिता के जीवनशैली के कारण के कारण होती है। लेकिन शिशु के पेट में बनने वाली गैस का कोई खास कारण नहीं होता है। पेट में गैस की समस्या के कारण शिशु को रात को नींद आती है, वो दर्द के कारण घंटों तक रोता है, चिड़चिड़ा हो जाता है। बच्चों को होने वाली इस तरह की समस्याओं को कोलिक पेन (What is Colic Pain) कहा जाता है। जन्म के 6 हफ्ते तक के शिशु में कोलिक पेन की समस्या ज्यादा देखी जाती है।
शिशु को परेशानी में देखकर पेरेंट्स चिंता में आ जाते हैं और शुरुआती स्तर पर समझ नहीं पाते हैं कि आखिरकार इससे शिशु को राहत कैसे दिलाई जाए। बच्चों को कोलिक पेन की समस्या (Colic Pain Relief in Babies) क्यों होती है और इससे राहत पाने के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय पर लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. तरूण आनंद ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। इस लेख में हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं।
शिशु को कोलिक की समस्या क्यों होती है? - Why does a baby suffer from colic?
डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि बच्चों को कोलिक की समस्या होने का कोई विशेष कारण नहीं है। कई बार शिशु मां या बोतल का दूध पीते समय मुंह से आसपास की हवा को भी अंदर ले लेते हैं, जिसकी वजह से उन्हें कोलिक पेन हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो कोलिक पेन की समस्या उन शिशुओं को ज्यादा होती है, जो फॉर्मूला मिल्क पीते हैं। इसलिए जन्म के 6 माह तक शिशु को सिर्फ मां का दूध ही पिलाएं। मां के दूध के अलावा शिशु को पानी तक न दें।
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शिशु को कोलिन पेन से राहत दिलाने के उपाय- Ways to relieve your baby from colon pain
डॉ. तरूण आनंद ने इंस्टाग्राम वीडियो में बच्चों को कोलिक पेन से कैसे छुटकारा दिलाया जा सकता है, इसकी जानकारी भी शेयर की है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में।
1. हल्की एक्सरसाइज: जन्म के बाद लगभद 9 से 12 महीने तक शिशु खुद चल फिर नहीं सकता है, लेकिन माता-पिता उससे ऐसा करवा सकते हैं। शिशु को कोलिक पेन से राहत दिलने के लिए झुलाना, उसके हाथ और पैरों को चलाना जैसी एक्टिविटी करनी चाहिए।
2. डकार दिलाएं : शिशु को दूध पिलाने के बाद डकार जरूर दिलाएं। डॉक्टर का कहना है कि जो पेरेंट्स अपने शिशु को दूध पिलाने के बाद डकार नहीं दिलाते हैं, उनमें कोलिक पेन की समस्या ज्यादा देखी जाती है।
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3. स्वैडल अप: शिशु को स्वैडल अप पोजीशन में सुलाने की कोशिश करें। स्वैडल अप करने से शिशु के शरीर में हल्का खिंचाव आता है, जिससे कोलिक पेन की समस्या से राहत मिलती है।
4. टमी टाइम : अपने बच्चे को जागते समय उसके पेट के बल लिटाएं और गैस से राहत पाने के लिए उसकी निगरानी करें। ध्यान रहे शिशु को दूध पिलाने के तुरंत बाद टमी टाइम बिल्कुल न दें।
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5. गर्म पानी से नहलाएं : गर्म पानी से नहलाने से भी शिशु को कोलिक पेन से राहत मिलती है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि गर्म पानी का स्नान मांसपेशियों को राहत दिलाता है, जिससे पेट में बनने वाली गैस भी कम होती है।
डॉ. तरूण आनंद का कहना है कि कोलिक पेन की समस्या अगर लंबे समय तक बनी रहती है, तो इस पर बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ से बात करें।
Image Credit: Freepik