घर में बच्चा आने के बाद पहली बार माता-पिता बनने वाले कपल्स को कई चीजों के बारे में मालूम नहीं होता है। ऐसे में वह बच्चे की हर छोटी-छोटी प्रतिक्रिया में घबरा जाते हैं। वहीं पहली बार माता-पिता बने कपल्स के मन में बच्चों को लेकर कई तरह के प्रश्न रहते हैं। इन प्रश्नों में बच्चे के दूध पीने के बाद रोने की आदतों को भी शामिल किया जाता है। जब बच्चा रोता है तो अभिभावकों को पता ही नहीं चलता है कि असल में बच्चों को क्या परेशानी हो रही होगी। कई बार बच्चा दूध पीने के बाद शरीर को अकड़ाता है। ऐसे में ज्यादातर अभिभावक घबरा जाते हैं। फिलहाल इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियेट्रिक्स कंसल्टेंट डॉ. दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि बच्चे के दूध पिलाने के बाद रोने के क्या कारण हो सकते हैं, यह कब सामान्य है और कब डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है।
फीडिंग के बाद बच्चे के रोने के आम कारण - Causes of Baby Cry After Feeding In Hindi
पेट में गैस होना (Gas or Colic)
सबसे सामान्य कारणों में से एक है बच्चे के पेट में गैस बनना या गैस फंस जाना। जब बच्चा दूध पीता है, तो साथ में हवा भी निगल सकता है, जिससे पेट फूल जाता है और असहजता होती है। इसका नतीजा यह होता है कि बच्चा रोने लगता है। इस दौरान बच्चा हाथ पैर मारता है, पेट को मोडता है या बार-बार रोने लगता है। इससे बचने के लिए बच्चे के पेट में हल्के से मालिश करें या उसे पेट के बल लेटाएं।
बच्चे को ज्यादा दूध पिलाना (Overfeeding)
अगर आप बार-बार या जरूरत से ज्यादा दूध पिला रहे हैं, तो शिशु का पेट भरने के बाद भी उसमें दूध चला जाता है। इससे पेट में खिंचाव, उल्टी या ऐंठन हो सकती है और बच्चा रोने लगता है। इस स्थिति में बच्चा बच्चा दूध पीने के बाद उल्टी करता है या रोते समय पीठ पीछे खींचता है। इससे बचने के लिए बच्चे को उसके भूख संकेतों के आधार पर दूध पिलाएं।
रीफ्लक्स या एसिडिटी (Infant Reflux)
कई बार बच्चों में दूध पीने के बाद वह ऊपर की ओर वापस आने लगता है (reflux)। इससे गले में जलन और तकलीफ होती है, जिससे बच्चा रोने लगता है। इसमें दूध पीने के बाद रोना, गले से घरघराहट की आवाज आना और बच्चा अक्सर दूध वापस निकालना होता है। इससे बचने के लिए आप बच्चे को दूध पिलाने के बाद कुछ समय तक सीधा रखें।
फीडिंग पोजिशन सही न होना
अगर दूध पिलाने की स्थिति (position) सही न हो, तो बच्चा ठीक से दूध नहीं पी पाता और अधिक हवा निगल जाता है, जिससे असहजता और रोना शुरू हो सकता है। ऐसे में स्तनपान के समय बच्चे का सिर थोड़ा ऊपर रखें। बोतल से दूध पिलाते समय बोतल को सही एंगल पर पकड़ें। बच्चे का पेट और आपकी छाती एक सीध में हो।
एलर्जी या दूध असहिष्णुता (Milk Intolerance)
कुछ बच्चों को गाय के दूध या फार्मूला दूध से एलर्जी हो सकती है। यह शरीर में सूजन, पेट दर्द या रैश का कारण बन सकती है और बच्चा रोने लगता है। इस स्थित में बच्चे का लगातार रोना, दस्त, रैश या खून वाली पॉटी होना और वजन न बढ़ने के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इससे बचने के लिए डॉक्टर से चर्चा करें।
यह स्थिति कब चिंता का कारण बन सकती है?
हालांकि अधिकतर मामलों में रोना सामान्य कारणों से होता है, लेकिन नीचे दिए गए लक्षणों के साथ रोना गंभीर संकेत हो सकता है।
- बच्चा दूध पीने से इनकार करे
- रोते-रोते नीला पड़ने लगे
- वजन न बढ़े या लगातार घटे
- बच्चा हमेशा बहुत सुस्त रहे
- दूध पिलाने के बाद बार-बार उल्टी हो
- ऐसी स्थिति में तुरंत बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
बच्चा दूध पीने के बाद रोता है तो क्या करें?
- डकार (Burp): हर बार दूध पिलाने के बाद बच्चे को सीधा गोद में लेकर उसकी पीठ थपथपाकर डकार दिलाएं।
- पेट की मालिश: सिर के बल नीचे लेटाकर हल्की मालिश गैस दूर करने में सहायक है।
- फीडिंग गैप: बार-बार दूध पिलाने के बजाय 2-3 घंटे का गैप रखें।
- साफ-सफाई: बोतल से दूध पिलाने पर बोतल और निप्पल पूरी तरह से साफ रखें।
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बच्चे का दूध पिलाने के बाद रोना हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह सामान्य कारणों से होता है जैसे गैस, ओवरफीडिंग या फीडिंग पोजिशन। सही देखभाल, फीडिंग तकनीक और समझदारी से आप बच्चे की इस परेशानी को काफी हद तक कम कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कि रोना बहुत अधिक है या इसके साथ अन्य लक्षण भी हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लेना सबसे बेहतर होगा।
FAQ
बच्चा दूध पीने के बाद उल्टी क्यों करता है?
बच्चे दूध पीने के बाद उल्टी कर देते हैं, जिसे "रिफ्लक्स" या "स्पिटिंग अप" कहा जाता है। नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों में यह प्रतिक्रिया बेहद ही सामान्य होती है, क्योंकि उनका पाचन तंत्र अभी पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ होता है।बच्चे के पेट में दर्द होने के क्या कारण हैं?
बच्चे के पेट में दर्द के कई कारण हो सकते हैं। जैसे गैस, कब्ज, और संक्रमण से लेकर अधिक गंभीर समस्याएं जैसे अपेंडिसाइटिस या आंतों में रुकावट शामिल हैं।बच्चा के पेट में गैस हो तो क्या करें?
बच्चे के पेट में गैस हो रही तो ऐसे में आप उसके पेट में बेहद हल्के हाथों से मालिश करें। इसके अलावा, बच्चे के पैरों को साइकिलिंग की पोजिशन में चलाकर भी आराम मिल सकता है।