हम सभी की ध्यान लगाने के बारे में अलग-अलग समझ है। लेकिन हममें से ज्यादातर लोग यह समझते हैं कि ध्यान लगाने का मतलब है कि एक कोने में शांत होकर जमीन पर बैठ जाएं और तनाव दूर हो जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है। ध्यान कई तरीकों से लगाया जा सकता है। क्या आपने कभी सुना है कि एक ऐसी पॉजिशन, जिसमें आपकी मांसपेशियां हिलनी शुरू होती है और आपकी बॉडी शेक करती है। अगर आपने इस तरह से ध्यान लगाने के बारे में नहीं सुना तो चौंकिए मत। शेकिंग मेडिटेशन में आपको इसी तरह से ध्यान लगाने के बारे में सिखाया जाता है।
क्या है शेकिंग मेडिटेशन
इस ध्यान लगाने की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से तनाव मुक्त करने वाली एक्सरसाइज कहते हैं। आप ये जरूर सोच रहे होंगे कि हिलते-कूदते हुए कैसे ध्यान लगाया जा सकता है? दरअसल शेकिंग वार्म अप की एक प्रक्रिया है, जिससे आप अपने दिमाग और शरीर से टेंशन को बाहर निकाल सकते हैं। हालांकि ज्यादातर ध्यान लगाने की मुद्राओं में आपको स्थिर रहना पड़ता है और बार-बार हिलने से बचना पड़ता है। जबकि शेकिंग मेडिटेशन एक ऐसी मुद्रा है, जिसमें आपको शरीर को हिलने देना होता है।
कैसे काम करता है शेकिंग मेडिटेशन
आपने कभी गौर किया है कि सभी जानवर शेक करते हैं। आपने देखा होगा कि जब एक कुत्ता सोकर उठता है या फिर किसी नए हालात का सामना करता है तो वह हिलता है। हिलने से वह पुरानी ऊर्जा और तनाव को दूर कर देता है। हम इंसान तब शेक करते हैं जब हम लड़ रहे होते हैं या हमारी धड़कन बहुत तेज हो जाती है। इसका मतलब ये है कि जब हम किसी मानसिक आघात में या फिर खतरे में होते हैं तो हम हिलने लगते हैं। शेकिंग इससे मुक्ति पाने का एक आसान तरीका है।
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15 मिनट शेक करने से दूर होगा तनाव
अपने शरीर को 15 मिनट हिलाकर आप पूरे दिन की थकान उतार सकते हैं और अपने मन को शांत कर सकते हैं। शेक करने से हमारा तंत्रिका तंत्र सक्रिया हो जाता है और हमारे मस्तिष्क को शांत, आराम करने का संकेत भेजता है। शेक करने से हमारी लसिका प्रणाली भी सक्रिय हो जाती है , जो हमें विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
कैसे करें शेकिंग मेडिटेशन
शेक करने का कोई गलत तरीका नहीं है। शेकिंग मेडिटेशन करने के लिए आप बिल्कुल सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैर खोल लें। इसके बाद अपने घुटने को ढीला छोड़ दें और अपने कंधे ढीले छोड़ दें। हिलना शुरू करें और धीरे-धीरे कूदे। इसके साथ ही आपके हाथों और कंधों में झनझनाहट होने लगेगी। धीरे-धीरे पूरी बॉडी को हिलाएं और पूरी बॉडी को हिलने दें। अगर आप चाहें तो संगीत लगाकर भी ऐसा कर सकते हैं।
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मेडिटेशन करने का सही वक्त और जगह
शेकिंग मेडिटेशन एक एक्टिव प्रैक्टिस है और यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है जिन्हें एक जगह बैठे रहना पसंद नहीं है या फिर वह बैठने में सक्षम नहीं हैं। शेकिंग तंत्र उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है, जो किसी आघात, दर्द या फिर फोबिया की परेशानी से जूझ रह हैं। बेवश होकर शेक करने आपकी मांसपेशियों के लिए अच्छा होता है क्योंकि मांसपेशियां सीधे आपके केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से जुड़ी होती है। यह संकेत आपके मस्तिष्क के भीतर नए रास्ते तैयार करते हैं। आप इसे दिन में 5 से 20 मिनट तक कर सकते हैं। इसके लिए किसी उपकरण की जरूरत नहीं होती और आप इसे कभी भी, कही भी कर सकते हैं।
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